डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं आपकी एक भावप्रवण कविता अपना संविधान …।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 217 – साहित्य निकुंज ☆
☆ कविता – 🇮🇳 अपना संविधान 🇮🇳 ☆ डॉ भावना शुक्ल ☆
संविधान जबसे बना,है गणतंत्र महान।
हमको अपने देश का, रखना होगा मान।।
संविधान देता हमें, जीने का अधिकार।
बदला हुआ राजतंत्र, हमें यही स्वीकार।।
संविधान की भावना, जिसके मन में आज।
वही कर रहा है अभी,सभी दिलों पर राज।।
कहे तिरंगा शान से, बसे देश के प्रान।
कहता गाथा देश की,दिए बहुत बलिदान।।
देश भक्ति के भाव का, करते है गुणगान।
मिलजुल कर करते सभी, देश का सम्मान।।
© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
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