डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं भावना के दोहे…।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 220 – साहित्य निकुंज ☆
☆ भावना के दोहे… ☆ डॉ भावना शुक्ल ☆
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तेरे आनन पर लिखा, प्रिय का प्यारा नाम।
अधरों की मुस्कान ने, पिया प्यार का जाम।।
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बिखरी अलकें देखकर, खोए हमने होश।
छटा सुहानी लग रही, भरता इनमें जोश।।
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मौसम तो अभिसार का, हुई सुहानी शाम।
दर्शन दे दो प्रभु मुझे, आए तेरे धाम।।
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अरुणिम आभा की छटा, बिखर रही है खूब।
गोरी की मुस्कान में, जैसे खिलती दूब।।
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© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
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