श्री राकेश कुमार
(श्री राकेश कुमार जी भारतीय स्टेट बैंक से 37 वर्ष सेवा के उपरांत वरिष्ठ अधिकारी के पद पर मुंबई से 2016 में सेवानिवृत। बैंक की सेवा में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के विभिन्न शहरों और वहाँ की संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिला। उनके आत्मकथ्य स्वरुप – “संभवतः मेरी रचनाएँ मेरी स्मृतियों और अनुभवों का लेखा जोखा है।” आज प्रस्तुत है आलेख की शृंखला – “देश -परदेश ” की अगली कड़ी।)
☆ आलेख # 79 ☆ देश-परदेश – आप कैमरे👁️ की नज़र में हैं ☆ श्री राकेश कुमार ☆
इस प्रकार की चेतावनी सार्वजनिक स्थानों के अलावा निज़ी घरों के बाहर भी पढ़ने को मिल ही जाती है।
कुछ दिन पूर्व किसी महानगर के यातायात पुलिस ने एक महिला को स्कूटर नियमों के उल्लंघन पर एक लाख छत्तीस हज़ार रूपे जुर्माने के साथ सी सी टीवी कैमरे की दो लाख से अधिक क्लिपिंग्स भी भेज दी हैं। ये तो वो ही बात हो गई, होटल में खाया पिया कुछ नहीं, और ग्लास तोड़ा बारह आने। जितने का स्कूटर नहीं, उससे अधिक तो जुर्माना हो गया।
सीसी टीवी कैमरा लगवाने के खर्च में कटौती हो जाने के कारण इसका चलन भी बढ़ गया हैं। कुछ दिन पूर्व एक मित्र को बाज़ार में दूर से देख लिया, परंतु संपर्क नहीं हो सका था। दूसरे दिन उनको दूरभाष से सूचित किया की फलां फलां समय पर आपके घर आए थे, ताला लगा हुआ था। मित्र तुरंत लपक कर बोले, हम बाज़ार गए हुए थे, और वापस आकर सीसी टीवी कैमरा भी खंगाला था। आगंतुकों में आपका चेहरा तो नहीं दिखा। झूठ बोलकर हम फंस गए, क्योंकि कैमरा झूठ नहीं बोलता।
विगत माह एक मित्र के परिवार में विवाह के बाद वो शेष बच गई मिठाई” सोनपापड़ी” का डिब्बा लेकर हमारे घर आए थे। हमने उनसे अपनी शुगर की बीमारी का हवाला देकर मिठाई को सम्मान सहित अस्वीकार कर दिया। हमारी घनिष्ठ मित्रता बचपन से है, उन्होंने हमारी बात का मान रखते हुए धीरे से बताया, कि उनके यहां रात्रि भोज में मेरे खाने की प्लेट में दो गुलाब जामुन और गाजर के हलवे को विवाह की वीडियो में देखा जा सकता हैं। श्रीमतीजी ने भी ये बात सुन ली, और तब से हमारे खाने पीने पर अपनी नज़रों की चौकसी और पुख्ता कर दी है।
हम सब को घर से बाहर हमेशा चौकस और सावधान रहने की आवश्यकता है। अनेक जगह कैमरे तो लगे रहते है, पर उस बाबत कोई सूचना नहीं लिखी मिलती है। इसी प्रकार से कुछ स्थानों पर कैमरे तो लगे हुए है, परंतु काम नहीं करते है। हमारा काम था, आपको सचेत करना, आगे आपकी मर्जी।
© श्री राकेश कुमार
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