डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से  प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं भावना के दोहे)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 230 – साहित्य निकुंज ☆

☆ भावना के दोहे ☆ डॉ भावना शुक्ल ☆

द्वारे मालन बेचती,  भांति भांति के फूल।

ईश्वर को अर्पित किए, श्रद्धा के अनुकूल।

*

खुश होकर माला गुथी, श्रद्धा लिए अपार।

कृपा दृष्टि रखना प्रभु, हे करना आगार।।

*

चुनती मालन फूल है, धन्य हुए वो बाग।

भेंट मंदिरो में करे, खुलते उसके भाग।।

*

रंग बिरंगे फूल का, बने जतन से हार।

बेंच रही है रोज वो, बैठी प्रभु के द्वार।।

© डॉ भावना शुक्ल

सहसंपादक… प्राची

प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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