डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से  प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं भावना के दोहे।)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 237 – साहित्य निकुंज ☆

☆ भावना के दोहे ☆ डॉ भावना शुक्ल ☆

जीवन ऐसा हो सदा, खुशियों की बरसात।

सुख जीवन में दिखें, जैसे दिन हो रात।।

*

जीवन होता कठिन है, रखो लक्ष्य पर ध्यान।

प्रभु से हिम्मत मिल रही, प्रभु करें कल्याण।।

*

यात्रा जीवन नाम की, सब बैठे इस नाव।

चलना है इस सफर में, नहीं थकेंगे पाँव।।

*

धूप छांव की जिंदगी, थका थका विश्वास।

जीवन के इस सफर में, कभी न छूटे आस।।

*

अब तो सब  करने लगे, जीवन का अनुवाद।

जीवन जीना प्रेम से, होगा नहीं विवाद।।

© डॉ भावना शुक्ल

सहसंपादक… प्राची

प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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