श्री एस के कपूर “श्री हंस”

☆ “श्री हंस” साहित्य # 121 ☆

।।मुक्तक।। ☆ ।। बहुत ही लाजवाब है जिंदगी।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆

[1]

जरा प्यार का अफसाना है ज़िंदगी।

हर रंग   को    समेटे  कोई तराना  है      जिंदगी।।

ज़िंदगी इम्तेहान लेती  है हमें मजबूत बनाने लिए।

मिलकर जिओ खुशी गम का याराना है जिंदगी।।

[2]

मन हार कर कभी भी  कोई जीत पाता नहीं है।

बिना संघर्ष के ख्याति कभी कोई  लाता नहीं  है।।

मत इंतज़ार करते रहो कुछअच्छा करने के लिए।

बात एक जान लो कि कल कभी आता नहीं है।।

[3]

बहुत सस्ती हैं खुशियां   बसती इसी जहान में।

मत खोजो उन्हें दूर कहीं     किसी   मुकाम में।।

छोटी-छोटी खुशियां ही बन जाती जाकर बडी।

बस सोच हो आपकी  अच्छी हर एक काम में।।

[4]

जान लो जरूर मेहनत का हमें फल  मिलता है।

देर से सही पर   आज नहीं तो कल मिलता है।।

कोई मुश्किल नहीं ऐसी जिससे पार न पा सकें।

कोशिश से ही हर समस्या का    हल मिलता है।।

[5]

यूँ जिओ कि जैसे कोई सुनहरा ख्वाब है जिन्दगी।

हर मुश्किल सवाल का लिए जवाब है  जिन्दगी।।

जो दोगे वही ही    लौट कर आएगा  जिन्दगी में।

यूँ समझ लो कि बहुत ही लाजवाब है जिन्दगी।।

© एस के कपूर “श्री हंस”

बरेलीईमेल – Skkapoor5067@ gmail.com, मोब  – 9897071046, 8218685464

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈
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