श्री एस के कपूर “श्री हंस”
☆ “श्री हंस” साहित्य # 123 ☆
☆ ।। मुक्तक ।। ☆ ।। मेरा भारत महान, कारगिल विजय दिवस जयगान (26 जुलाई) ।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆
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[1]
नभ, थल, जल, शत्रु अब तो हर जगह तुझे ललकार है।
सीमा पार भी मार करने को हर मिसाइल अब तैयार है।।
कारगिल युद्ध विजय के बाद भारत बन गया महाशक्ति।
अब करना हमको शत्रु का हर वार बेकार है।।
[2]
सक्षम, अद्भुत, अजेय, अखंड भारत महान चाहिये।
विश्व पटल पर गूँजता अब अपने राष्ट्र का नाम चाहिये।।
यश सुकीर्ति की पताका लहराये चंहु ओर भारत की।
कारगिल युद्ध जैसी अद्भुत विजय वाला यही हिंदुस्तान चाहिये।।
[3]
नमन उन शहीदों को जो देश पर कुर्बान हो गये।
देकर वतन के लिए प्राण वह बेजुबान हो गये।।
उनके प्राणों की आहुति से ही सुरक्षित देश हमारा।
वह जैसे जमीन से उठ कर ऊपर आसमान हो गये।।
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© एस के कपूर “श्री हंस”
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