श्री संजय भारद्वाज
(“साप्ताहिक स्तम्भ – संजय उवाच “ के लेखक श्री संजय भारद्वाज जी – एक गंभीर व्यक्तित्व । जितना गहन अध्ययन उतना ही गंभीर लेखन। शब्दशिल्प इतना अद्भुत कि उनका पठन ही शब्दों – वाक्यों का आत्मसात हो जाना है।साहित्य उतना ही गंभीर है जितना उनका चिंतन और उतना ही उनका स्वभाव। संभवतः ये सभी शब्द आपस में संयोग रखते हैं और जीवन के अनुभव हमारे व्यक्तित्व पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं।
श्री संजय जी के ही शब्दों में ” ‘संजय उवाच’ विभिन्न विषयों पर चिंतनात्मक (दार्शनिक शब्द बहुत ऊँचा हो जाएगा) टिप्पणियाँ हैं। ईश्वर की अनुकम्पा से इन्हें पाठकों का आशातीत प्रतिसाद मिला है।”
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – संजय उवाच # 41 – जनता कर्फ्यू और हम ☆
मित्रो, कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव के एक उपाय के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कल रविवार 22 मार्च 2020 को *जनता कर्फ्यू* का आह्वान किया है। हम सबको सुबह 7 से रात 9 बजे तक घर पर ही रहना है। 24 घंटे की यह फिजिकल डिस्टेंसिंग इस प्राणघातक वायरस की चेन तोड़ने में मददगार सिद्ध होगी।
मेरा अनुरोध है कि हम सब इस *जनता कर्फ्यू का शत-प्रतिशत पालन करें।* पूरे समय घर पर रहें। सजगता और सतर्कता से अब तक भारतवासियों ने इस वायरस के अत्यधिक फैलाव से देश को सुरक्षित रखा है। हमारा सामूहिक प्रयास इस सुरक्षा चक्र का विस्तार करेगा।
एक अनुरोध और, आदरणीय प्रधानमंत्री ने संध्या 5 बजे अपनी-अपनी बालकनी में आकर *थाली और ताली* बजाकर हमारे लिए 24 x 7 कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों, स्वच्छताकर्मियों, वैज्ञानिकों और अन्य राष्ट्रसेवकों के प्रति धन्यवाद का भी आह्वान किया है। हम इस धन्यवाद में परिवार के लिए अखंड कर्मरत महिलाओं को भी सम्मिलित करें।
समूह के साथी भाई सुशील जी ने एक पोस्ट में इसका उल्लेख भी किया है। कल शाम ठीक 5 बजे हम *अपनी-अपनी बालकनी में आकर थाली एवं ताली अवश्य बजाएँ।*
एक बात और, कृपया बच्चों को घर से बाहर खेलने के लिए न जाने दें। यह कठिन अवश्य है पर इस कठिन समय की यही मांग है। बच्चों को एकाध मित्र/सहेली के साथ घर पर ही खेलने को प्रेरित करें। बच्चों के हाथ भी साबुन/सैनिटाइजर से धुलवाते रहें।
विश्वास है कि हमारा संयम और अनुशासन हमें सुरक्षित रखेगा। स्मरण रहे, जो सजग हैं, उन्हीं के लिए जग है।
© संजय भारद्वाज
☆ अध्यक्ष– हिंदी आंदोलन परिवार ☆ सदस्य– हिंदी अध्ययन मंडल, पुणे विश्वविद्यालय ☆ संपादक– हम लोग ☆ पूर्व सदस्य– महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ☆ ट्रस्टी- जाणीव, ए होम फॉर सीनियर सिटिजन्स ☆
मोबाइल– 9890122603
बिल्कुल सच, यह भी देश सेवा है। अवश्य पालन होगा सब करेंगे।हमारी कॉलोनी का मुख्य फाटक सुबह सात से नौ बजे तक बंद है।न आना न जाना।
जनता कर्फ्यू जनता के फायदे और उसकी सुरक्षा को देखकर निर्धारित किया गया है। अतः इसका पालन करना हमसब नागरिकों का कर्तव्य है।धन्यवाद।??