डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से  प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं भावना के दोहे – तीज त्योहार)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 248 – साहित्य निकुंज ☆

☆ भावना के दोहे – तीज त्योहार ☆ डॉ भावना शुक्ल ☆

शिव का पूजन कर रही, मने तीज त्योहार।

लंबी उम्र का मांगती, पति रूपी उपहार।।

*

गौरी अब ये कह रही, क्या है मेरे भाग।

अब तो मुझको दीजिए, मेरा अमर सुहाग।।

*

गोरी मुझसे कह रही, करु सोलह श्रृंगार।

प्यार समर्पण शक्ति से, मने तीज त्योहार।।

*

गौरी शिव की वंदना, करती है हर बार।

ईप्सा अटल सुहाग की, करे सुहागन नार।।

*

  झोली में सुहागन की, देना प्रिय का प्यार।

उनके है आशीष से, मिले खुशियां अपार।।

© डॉ भावना शुक्ल

सहसंपादक… प्राची

प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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