श्री राकेश कुमार

(श्री राकेश कुमार जी भारतीय स्टेट बैंक से 37 वर्ष सेवा के उपरांत वरिष्ठ अधिकारी के पद पर मुंबई से 2016 में सेवानिवृत। बैंक की सेवा में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के विभिन्न शहरों और वहाँ  की संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिला। उनके आत्मकथ्य स्वरुप – “संभवतः मेरी रचनाएँ मेरी स्मृतियों और अनुभवों का लेखा जोखा है।” ज प्रस्तुत है आलेख की शृंखला – “देश -परदेश ” की अगली कड़ी।)

☆ आलेख # 102 ☆ देश-परदेश – Working Breakfast ☆ श्री राकेश कुमार ☆

प्रातः काल के समय खाए जाने वाले कलेवा/नाश्ता आदि को ब्रेकफास्ट कहा जाता है। सही भी है, पूरी रात्रि बिना खाए पिए रहकर, सुबह कुछ ग्रहण करने से “उपवास को तोड़ना” ही कह सकते हैं।

दफ्तर या किसी कारण जल्दी या कम समय में कुछ ग्रहण करने को वर्किंग ब्रेकफास्ट कहते हैं। फास्ट फूड भी इसी श्रेणी का हिस्सा है।

पूर्व में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, हॉस्पिटल आदि के आस पास नाश्ता करने वालों की दुकानें होती थी। अब तो गलियों में भी नाश्ते की दुकानें सजी रहती हैं। घर का स्वच्छ और पौष्टिक नाश्ता छोड़ दिन का आरंभ ही गंदे बाजारू नाश्ते से होने लगी है।

प्रातः भ्रमण वाली टोलियां भी, प्रतिदिन चाय का स्वाद इन्हीं नाश्ता दुकानों से ग्रहण करते हैं। कुछ टोलियां प्रति रविवार या किसी साथी के जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ के नाम से सुबह सुबह ही सड़क किनारे समोसे, पोहा आदि का स्वाद लेते हुए दृष्टिगोचर हो जाती हैं।

हमारे गुलाबी शहर में तो वर्षों पुराने शहर वाले प्रसिद्ध प्रतिष्ठानों ने अपने नाम को भुनाने के लिए शहर के सबर्ब क्षेत्रों में भी अपनी शाखाएं स्थापित कर ली हैं।

जन साधारण नाश्ता करते हुए अपने परिवार के साथ मिल जायेंगे, पूछे जाने पर कहते है, कभी कभी “चेंज” (स्वाद परिवर्तन) के लिए बाहर आ जाते हैं।

प्रातः काल मंदिर जाने वालों से बाहर जाकर नाश्ता करने वालों की संख्या अधिक हो गई है। केमिस्ट की दुकानें भी नौ बजे से पहले नहीं खुलती है, परंतु ये नाश्ता विक्रेता सात बजे से पूर्व आपके स्वागत के लिए आतुर रहते हैं। पैसा और समय व्यय कर जिम से निकल वापसी में “जलेबी और कचौरी” खाकर अपनी मेहनत पर पानी फेर देना आज की संस्कृति का हिस्सा बन चुका है।

प्रातः भ्रमण टोलियों की देखा देखी, हमारे व्हाट्स ऐप समूह के एडमिन भी “नाश्ते पर मिलते है”, मुहिम चला रहें हैं। आज ही एक ऐसे कार्यक्रम में हमने भी शिरकत कर गंदे तेल में बने हुए गरमा गर्म नाश्ते का मुफ्त में लुत्फ उठाया है।

© श्री राकेश कुमार

संपर्क – B 508 शिवज्ञान एनक्लेव, निर्माण नगर AB ब्लॉक, जयपुर-302 019 (राजस्थान)

मोबाईल 9920832096

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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