डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं भावना के दोहे – श्राद्ध पक्ष ।)
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घर आँगन में बैठते, पति पत्नी के संग।
पुरखों का हैं आगमन, उनका हैं सत्संग।।
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श्राद्ध पक्ष में हम करें, करें पिंड का दान।
पितरों का तर्पण करें, करते वो कल्याण।।
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गौ का ग्रास निकालते, काग श्वान का भाग।
आस लगाए बैठते, गौ माता अरु काग।।
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श्रद्धा प्रादुर्भाव से, श्राद्ध पक्ष में आज।
पुरखों के आशीष से, बनते बिगड़े काज।।
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© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
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