श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”
संस्कारधानी के सुप्रसिद्ध एवं सजग अग्रज साहित्यकार श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” जी के साप्ताहिक स्तम्भ “मनोज साहित्य ” में आज प्रस्तुत है आपके “दीपावली पर दोहे…”। आप प्रत्येक मंगलवार को आपकी भावप्रवण रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे।
मनोज साहित्य # 150 – दीपावली पर दोहे… ☆
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ज्योतिपुंज दीपावली, खुशियों की सौगात।
रोशन करती जगत को, तम को देती मात।।
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दीपक का संदेश यह, दिल में भरें उजास।
घोर तिमिर का नाश हो, रहे न विश्व उदास।।
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रिद्धि-सिद्धी और संपदा, लक्ष्मी का वरदान ।
दीवाली में पूजते, हम सब करते ध्यान।।
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सदियों से दीपक जला, फैलाया उजियार ।
अंधकार का नाश कर, मानव पर उपकार ।।
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हर मुश्किल की राह में, चलता सीना तान ।
राह दिखाता है सदा,जो पथ से अनजान ।।
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दीवाली में दीप का, होता बड़ा महत्त्व ।
हर पूजा औ पाठ में, शामिल है यह तत्व।।
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लक्ष्मी और गणेश जी, धन-बुद्धि का साथ।
दोनों के ही योग से, जग का झुकता माथ।।
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राम अयोध्या आगमन, खुशियों का यह पर्व।
मुक्ति-मिली दानव-दलन, जनता को था गर्व।।
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मानवता की ज्योत से, नव प्रकाश की पूर्ति।
सबके अन्तर्मन जगे, मंगल-दीपक-मूर्ति।।
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© मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”
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