डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से  प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं भावना के दोहे )

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 255 – साहित्य निकुंज ☆

☆ भावना के दोहे ☆ डॉ भावना शुक्ल ☆

रंग-बिरंगे  फूल   हैं,  मन  में  हर्ष   अपार।

महका-महका दृश्य यों, ठण्डी चले बयार।।

*

फूल पीठ पर हैं लदे, दो चक्कों पर भार।

मन  में  ऐसी कामना, बेचूँ  फूल हज़ार।।

*

मन  के  मधुवन  में  पुहुप, सबके  मन गुलजार।

निशिदिन रहे पुकारता, फिर-फिर सबके द्वार।।

*

फूलों   से   डोली   सजे, महके    वन्दनवार।

फूलों के ढिग लीजिए, सौरभ  का  उपहार।।

© डॉ भावना शुक्ल

सहसंपादक… प्राची

प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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