श्री श्याम खापर्डे

(श्री श्याम खापर्डे जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं। आप प्रत्येक सोमवार पढ़ सकते हैं साप्ताहिक स्तम्भ – क्या बात है श्याम जी । आज प्रस्तुत है आपकी भावप्रवण कविता नववर्ष की नई किरण…”।

☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ क्या बात है श्याम जी # 203 ☆

☆ # “नववर्ष की नई किरण…” # ☆

नव वर्ष की पहली किरण

प्रेम का संदेश लाई है

गगन में सुरमई रंग की

घटा छाई है

पुलकित है हर लम्हा

उम्मीदों पर जवानी आई है

 

अब नई उमलती कलियाॅ होगी

अब फूलों से भरी डलियाॅ  होगी

महकती  बगिया होगी

भंवरों की रंगरलिया होगी

 

हर हाथ को काम होगा

हर हाथ में दाम होगा

हर घर में चूल्हा जलेगा

बेरोजगारी का ना नाम होगा

 

अब कोई न भूखा होगा

मौसम कितना भी रूखा होगा

फसलें खेतों में लहराएगी

बिन पानी के ना सूखा होगा

 

शिक्षा सुलभ सस्ती होगी

शिक्षित हर गांव हर बस्ती होगी

शिक्षा की जब धारा बहेगी

हर गांव से एक महान हस्ती होगी

 

महिलाओं को सम्मान मिलेगा

हर क्षेत्र में मान मिलेगा

नारी शक्ति का लोहा मानकर

वाह वाह करता हर इंसान मिलेगा

 

सब तरफ खुशियों का नजारा होगा

हर कमजोर का सहारा होगा

हर चेहरे पर खुशियां होगी

उम्मीदों से भरा नया साल हमारा होगा/

© श्याम खापर्डे 

फ्लेट न – 402, मैत्री अपार्टमेंट, फेज – बी, रिसाली, दुर्ग ( छत्तीसगढ़) मो  9425592588

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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