श्री एस के कपूर “श्री हंस”

 

☆ “श्री हंस” साहित्य # 146 ☆

☆ गीत – ।। कभी पाना कभी खोना यही जीवन का मंत्र है।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆

कभी पाना कभी खोना यही जीवन का मंत्र है।

हर जीवन में आती खुशी गम यही इसका तंत्र है।।

मुश्किलों के सफर में राह आपने खुद ही बनानी है।

अपने अरमानों की   महफिल खुद ही सजानी है।।

आपका आत्मविश्वास ही बनता सफलता का यंत्र है।

कभी पाना कभी खोना यही जीवन का मंत्र है।।

*

ज़ख्म कितने भी   गहरें हों दुनिया को बताना नहीं है।

दिखा के जख्म अपने दुनिया वालों की दवा पाना नहीं है।।

जब हम अपने रास्ते खुद चुन सकें तभी हम स्वतंत्र हैं।

कभी पाना कभी खोना यही जीवन का मंत्र है।।

*

कभी हारना कभी जीतना  यही जीवन की चाल है।

कभी दया की भावना कभी गुस्से का आता उबाल है।।

मानवता की हार सबसे बड़ी जब हम होते परतंत्र हैं।

कभी पाना कभी खोना यही जीवन का मंत्र है।।

*

व्यक्ति से समाज  समाज से देश का निर्माण होता है।

आत्मनिर्भर राष्ट्र लिए हर कठिनाई का समाधान होता है।।

अनुशासन समर्पित नागरिक से बनता सच्चा लोकतंत्र है।

कभी पाना कभी खोना यही जीवन का मंत्र है।।

© एस के कपूर “श्री हंस”

बरेलीईमेल – Skkapoor5067@ gmail.com, मोब  – 9897071046, 8218685464

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈
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