श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”

संस्कारधानी के सुप्रसिद्ध एवं सजग अग्रज साहित्यकार श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” जी  के साप्ताहिक स्तम्भ  “मनोज साहित्य ” में आज प्रस्तुत है आपकी भावप्रवण कविता “ईश्वर से वरदान मिला है…। आप प्रत्येक मंगलवार को आपकी भावप्रवण रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे।

✍ मनोज साहित्य # 163 – ईश्वर से वरदान मिला है… ☆

ईश्वर से वरदान मिला है ।

जीवन से अब नहीं गिला है।।

 *

अच्छे भाव रखें नित मन में,

घर आँगन में फूल खिला है।

 *

पथ में काँटे मिले सदा पर,

सत्कर्मों से नहीं छिला है।

 *

कभी गाँव में रहे सभी जन,

बना हुआ अब नया जिला है।

 *

परिवर्तन जीना सिखलाता,

मुर्दा तन फिर कहाँ हिला है।।

 *

उच्च विचार रहें जीवन में,

जीने की मजबूत शिला है।

 *

मानवता की यही निशानी,

हिन्दुस्तान अभेद्य किला है।

©  मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”

संपर्क – 58 आशीष दीप, उत्तर मिलोनीगंज जबलपुर (मध्य प्रदेश)- 482002

मो  94258 62550

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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