डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं भावना के दोहे – पुलवामा के शहीद।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 267 – साहित्य निकुंज ☆
☆ भावना के दोहे – पुलवामा के शहीद ☆ डॉ भावना शुक्ल ☆
(पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि)
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धरती माँ की गोद में, सोये वीर जवान।
कतरा- कतरा बूँद से, सींचा हिंदुस्तान।।
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माँ के आँसू टपकते, सदा पराक्रम गान।
बच्चा-बच्चा गा रहा, अपना हिंदुस्तान।।
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मिटते हैं जो देश पर, वे हैं सदा महान।
याद रखेगा देश भी, वीरों का बलिदान।।
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पुलवामा की याद में, आता हिये उबाल।
बलिदानों के खून से, धरा अभी भी लाल।।
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© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
14/2/2025
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