श्री एस के कपूर “श्री हंस”
☆ “श्री हंस” साहित्य # 148 ☆
☆ गीत – ।। सबको चाहिए स्वर्ग पर मरने को तैयार नहीं है ।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆
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सबको चाहिए स्वर्ग पर मरने को तैयार नहीं है।
सुख के सब साथी पर दुख में कोई सरोकार नहीं है।।
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ग़मों का इस दुनिया में अब कोई खरीदार नहीं है।
चाहते हैं खुशी पर खुशियों का कोई बाजार नहीं है।।
प्रेम विश्वास हवा से अदृश्य इनका कोई व्यापार नहीं है।
सबको चाहिए स्वर्ग पर मरने को तैयार नहीं है।।
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एक पल में भी आदमी का दिल जीता और हारा जाता है।
दुआ देने वाला आदमी ही हर किसी का सहारा पाता है।।
सोने चांदी चम्मच वाले कभी दुख से हुए दो चार नहीं हैं।
सबको चाहिए स्वर्ग पर मरने को तैयार नहीं है।।
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इंसान का महत्व नहीं होता है उसके अच्छे स्वभाव का।
सदा दुनिया ही चर्चा करती है मधुर वाणी के प्रभाव का।।
कर्मफल परिणाम स्वर्ग इसपर किसीका अधिकार नहीं है।
सबको चाहिए स्वर्ग पर मरने को तैयार नहीं है।।
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© एस के कपूर “श्री हंस”
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