श्री श्याम खापर्डे
(श्री श्याम खापर्डे जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं। आप प्रत्येक सोमवार पढ़ सकते हैं साप्ताहिक स्तम्भ – क्या बात है श्याम जी । आज प्रस्तुत है आपकी भावप्रवण कविता “इस होली में…”।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ क्या बात है श्याम जी # 211 ☆
☆ # “इस होली में…” # ☆
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अबीर गुलाल लगाओ इस होली में
गीत खुशी के गाओ इस होली में
अमराई में कोयल गाती
भ्रमरों को कलियाँ मदमाती
आम्र वृक्ष सा बौराओ इस होली मे
अबीर गुलाल लगाओ इस होली में
भीगी है रंगों से चोली
फूट रही अंगों से बोली
कामबाण से देह बचाओ इस होली में
अबीर गुलाल लगाओ इस होली में
दया नहीं अधिकार चाहिए
तिरस्कार नहीं प्यार चाहिए
मानवता का अलख जगाओ इस होली में
अबीर गुलाल लगाओ इस होली में
बिखर गए हैं सारे सपने
बिछड़ गए हैं हमसे अपने
नफरत की दीवार गिराओ इस होली में
अबीर गुलाल लगाओ इस होली में
तपिश सूर्य की पी जाओ
मधुर चांदनी जग में लाओ
धरती को ही स्वर्ग बनाओ इस होली में
अबीर गुलाल लगाओ इस होली में
अबीर गुलाल लगाओ इस होली में
गीत खुशी के गाओ इस होली में /
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© श्याम खापर्डे
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