श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”

संस्कारधानी के सुप्रसिद्ध एवं सजग अग्रज साहित्यकार श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” जी  के साप्ताहिक स्तम्भ  “मनोज साहित्य ” में आज प्रस्तुत है आपकी भावप्रवण सजल “साहित्यकार बहुत व्यस्त हैं…। आप प्रत्येक मंगलवार को आपकी भावप्रवण रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे।

✍ मनोज साहित्य # 170 – सजल – साहित्यकार बहुत व्यस्त हैं…  ☆

(समांत – अस्त, पदांत – हैं, मात्राभार – 16)

साहित्यकार बहुत व्यस्त हैं।

हर संचालक बड़े त्रस्त हैं।।

 *

छपवाने की होड़ मची कुछ।

प्रकाशक अब सभी मस्त हैं।।

 *

खुद का लिखा पीठ खुद ठोंका।

छंद-विज्ञानी सभी पस्त हैं।।

 *

श्रोताओं की कहाँ कमी अब।

उदरपूर्ति कर हुए लस्त हैं।।

 *

लंबी-चौड़ी कविता पढ़ लें।

चाँद-सितारे नहीं अस्त हैं।

परिहासों का दौर चल रहा।

पिछली आमद सभी ध्वस्त हैं।।

©  मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”

3/4/25

संपर्क – 58 आशीष दीप, उत्तर मिलोनीगंज जबलपुर (मध्य प्रदेश)- 482002

मो  94258 62550

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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