डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं “भावना के दोहे”। )
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 47 – साहित्य निकुंज ☆
☆ भावना के दोहे ☆
दूर-दूर तक देश में,हैं कितने अभियान।
दृढ़ता से संकल्प लो, तभी मिलेगा ज्ञान।।
रखें धैर्य साहस सदा,मन में हो विश्वास।
जीवन-यात्रा में कभी, टूट न जाए आस।।
आज विश्व में हो रही, जन्म-मरण की जंग।
संयम लाएगा सदा, जीवन में फिर रंग।।
मानव संकट से घिरा, सूझे नहीं निदान।
देना होगा कब तलक, अपनों का बलिदान।।
© डॉ.भावना शुक्ल
सहसंपादक…प्राची
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