डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं प्रदत्त शब्दों पर   “भावना के दोहे। ) 

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 48 – साहित्य निकुंज ☆

☆ भावना के दोहे ☆

 

दस्यु

कोरोना ने ले लिया, क्रूर दस्यु का रुप।

दहशत पूरे विश्व में, फैली काल- स्व्रूप।

 

भूकंप

उस भीषण भूकंप से, सहमा है गुजरात।

भयाक्रांत है आज भी, जब चलती है बात।।

 

कुटिया

सब कुटिया में बंद हैं, नहीं चैन- आराम।

रोजी-रोटी छिन गई, हर पल-छिन संग्राम।

 

चौपाल

गाँवों की चौपाल का, रहा अनूठा रंग।

हिलमिल गाते झूमते, जन-गण-मन रसरंग।।

 

नवतपा

आग उगलता नवतपा,  लू ने लिया लपेट।

कोरोना को अब यही, देगा मृत्यु-चपेट।।

 

© डॉ.भावना शुक्ल

सहसंपादक…प्राची

प्रतीक लॉरेल , C 904, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब  9278720311 ईमेल : [email protected]

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