श्री राघवेंद्र तिवारी
(प्रतिष्ठित कवि, रेखाचित्रकार, लेखक, सम्पादक श्रद्धेय श्री राघवेंद्र तिवारी जी हिन्दी, दूर शिक्षा ,पत्रकारिता व जनसंचार, मानवाधिकार तथा बौद्धिक सम्पदा अधिकार एवं शोध जैसे विषयों में शिक्षित एवं दीक्षित । 1970 से सतत लेखन। आपके द्वारा सृजित ‘शिक्षा का नया विकल्प : दूर शिक्षा’ (1997), ‘भारत में जनसंचार और सम्प्रेषण के मूल सिद्धांत’ (2009), ‘स्थापित होता है शब्द हर बार’ (कविता संग्रह, 2011), ‘जहाँ दरक कर गिरा समय भी’ ( 2014) कृतियाँ प्रकाशित एवं चर्चित हो चुकी हैं। आपके द्वारा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए ‘कविता की अनुभूतिपरक जटिलता’ शीर्षक से एक श्रव्य कैसेट भी तैयार कराया जा चुका है। आज पस्तुत है उनका अभिनव गीत “मुंबई के ये डिब्बे वाले …”
☆ मुंबई के ये डिब्बे वाले …. ☆
आधी बस्ती
जिनके हवाले
मुम्बई के ये
डिब्बे वाले
लेकर के भूख
भरी कश्तियाँ
ढोते रहते
अनंत तृप्तियाँ
अपनी आजानु
बाहुओं में ले
धौंडु -पांडुरंग
के निवाले
बिना चूक डिब्बा
जिस का उसको
समय नहीं इतना
कि पूछ सको
औाखों की सीमा
में जो कुछ है-
पहुँचेगा, वाशी
या रिवाले
कोई बोनस या
बख्शीस नहीं
सिर्फ मजूरी
कोई फीस नहीं
बस सफेद टोपी
कुर्ता कमीज
पाजामे में
चलें उजाले
अनुशासित बिना
किसी बंधन के
चर्चित यह दूत
हैं प्रबंधन के
ये खुद के सच्चे
उदाहरण
सेवा की ध्वजा
हैं सम्हाले
आधी बस्ती
जिनके हवाले
मुम्बई के ये
डिब्बे वाले
© राघवेन्द्र तिवारी
09-06-2020
संपर्क : ई.एम. – 33, इंडस टाउन, राष्ट्रीय राजमार्ग-12, भोपाल- 462047, मोब : 09424482812
अच्छी रचना