सुश्री नीलम सक्सेना चंद्रा

(सुश्री नीलम सक्सेना चंद्रा जी  सुप्रसिद्ध हिन्दी एवं अङ्ग्रेज़ी की  साहित्यकार हैं। आप अंतरराष्ट्रीय / राष्ट्रीय /प्रादेशिक स्तर  के कई पुरस्कारों /अलंकरणों से पुरस्कृत /अलंकृत हैं । हम आपकी रचनाओं को अपने पाठकों से साझा करते हुए अत्यंत गौरवान्वित अनुभव कर रहे हैं। सुश्री नीलम सक्सेना चंद्रा जी का काव्य संसार शीर्षक से प्रत्येक मंगलवार को हम उनकी एक कविता आपसे साझा करने का प्रयास करेंगे। आप वर्तमान में  एडिशनल डिविजनल रेलवे मैनेजर, पुणे हैं। आपका कार्यालय, जीवन एवं साहित्य में अद्भुत सामंजस्य अनुकरणीय है।आपकी प्रिय विधा कवितायें हैं। आज प्रस्तुत है आपकी  एक भावप्रवण रचना “कोरोना”। )

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☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ सुश्री नीलम सक्सेना चंद्रा जी का काव्य संसार # 47 ☆

कोरोना

 

लचकती डालियाँ, लहराती नदियाँ,

यही तो क़ुदरत का वरदान हैं

झूलते हुए गुल, मुस्काती कलियाँ

यही तो मेरी धरती की शान हैं

 

उड़ते परिंदे, हवाएं बल खातीं

देखते थे हम सीना तान के

झूमती तितली, लहरें बहकतीं

बसंती दिन थे वो भी शान के

 

छोड़ के वो शान, खो हम गए थे

मोबाइल कहीं, कहीं लैपटॉप है

AC का है युग, क़ुदरत नदारद

नए युग का नया सा ये शौक था

 

बढती दूरियां, कैसी मजबूरियाँ

इंसान के अंदाज़ सिमट रहे थे

कौन था जानता, किसको थी खबर

मुसीबत से हम बस लिपट रहे थे

 

कोरोना का प्रकोप, रुकी ज़िंदगी

दुनिया सारी आज परेशान है

बेकार है कार, मचा हा-हाकार

मिटटी में मिल गयी सब शान है

 

इंसान डर रहा, इंसान मर रहा,

महामारी ने कहाँ किसे छोड़ा

लडखडाये साँस, कोई नहीं पास

दिलों को जाने कितना है तोड़ा

 

मुश्किल है घड़ी, परेशानी बड़ी

हारनी नहीं है पर हमें यह जंग

मुक़ाबला है करना, नहीं डरना

जिगर में तुम फैलने दो उमंग

 

सोचना हमें है, विजयी है होना

फासला हमने अब तक तय किया

जीतेंगे हम सुनो, हम में है दम

जीतेगा एक दिन सारा इंडिया

 

जीतेगा जोश, कोरोना को हरा

हमको लेना होगा सब्र से काम

पास मत आना, नियम तुम मानना

खूबसूरत ही होगा फिर अंजाम

 

बस यह बात तुम कभी न जाना भूल

क़ुदरत को करते रहना रोज़ नमन

क़ुदरत के बिना हम तो अधूरे हैं

महकता है उसी से बस ये जीवन

 

© नीलम सक्सेना चंद्रा

आपकी सभी रचनाएँ सर्वाधिकार सुरक्षित हैं एवं बिनाअनुमति  के किसी भी माध्यम में प्रकाशन वर्जित है।

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Vijay Tiwari

नीलम जी,
कोरोना पर आपकी
भावाभिव्यक्ति वास्तविकता भी
उजागर करती है।
कोरोना से मुक्ति तथा सब्र से
सामना करने हेतु प्रेरित भी
करती है।???

Neelam

Bahut shukriya