श्रीमती कृष्णा राजपूत ‘भूमि’  

श्रीमती कृष्णा राजपूत ‘भूमि’ जी  एक आदर्श शिक्षिका के साथ ही साहित्य की विभिन्न विधाओं जैसे गीत, नवगीत, कहानी, कविता, बालगीत, बाल कहानियाँ, हायकू,  हास्य-व्यंग्य, बुन्देली गीत कविता, लोक गीत आदि की सशक्त हस्ताक्षर हैं। विभिन्न पुरस्कारों / सम्मानों से पुरस्कृत एवं अलंकृत हैं तथा आपकी रचनाएँ आकाशवाणी जबलपुर से प्रसारित होती रहती हैं। आज प्रस्तुत है आपकी एक अतिसुन्दर  समसामयिक रचना  फौलाद-वक्ष  हिन्द के हर  वीर  का तना है । श्रीमती कृष्णा जी की लेखनी को  इस अतिसुन्दर रचना के लिए  नमन । 

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – कृष्णा साहित्य # 40 ☆

☆ सजल – फौलाद-वक्ष  हिन्द के हर  वीर  का तना है ☆

 

गिरता  चरित्र   चीन  का  उदाहरण  घना  है

जग-आपदा के दोषों से उसका कर सना है

 

उसके लिए दो कौड़ी है मोल  मनुजता का

छल, दंभ, कपट, धोखे, औ’ स्वार्थ साधना है

 

घुसपैठ कर रहा है, छुप-छुप के वार करता

भारत   मगर   चबाता   नाकों  उसे  चना  है

 

इस मातृभूमि पर क्यों, है  कुटिल  दृष्टि  तेरी

भू-चोर तू भारत का, चोरों  का सरगना है

 

कितनी भी कोशिशें कर, तू वज्र भी चलाले

फौलाद-वक्ष  हिन्द के हर  वीर  का तना है

 

© श्रीमती कृष्णा राजपूत  ‘भूमि ‘

अग्रवाल कालोनी, गढ़ा रोड, जबलपुर -482002 मध्यप्रदेश

 ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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Shyam Khaparde

अच्छी रचना