हिन्दी साहित्य – साहित्य निकुंज # 30 ☆ हाइकु ☆ डॉ. भावना शुक्ल
डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची ‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत है उनकी हाइकू विधा में दो कवितायेँ ‘हाइकु ’।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 30 – साहित्य निकुंज ☆
☆ हाइकु ☆
[1]
हमारी हिंदी
मनभावन हिंदी
मिश्री सी लगे.
मन में बसी
हिंदी हिंदुस्तान की
रोम रोम में..
मीरा कबीरा
हिंदी है साहित्य
दोहा पदों में
पर्यावरण
छायी है हरियाली
मनमोहक.
झूमी डालियाँ
रंग बिरंगे फूल
बिखरी खुश्बू
चली हवायें
मदमस्त पवन
पुरवाई
खेती किसानी
फसलें बो रहे है
मिला अनाज.
[2]
पर्यावरण
छायी है हरियाली
मनमोहक.
झूमी डालियाँ
रंग बिरंगे फूल
बिखरी खुश्बू
चली हवायें
शीतल मन्द मन्द
मनभावन
खेती किसानी
फसलें बो रहे है
मिला अनाज.
© डॉ.भावना शुक्ल
सहसंपादक…प्राची
wz/21 हरि सिंह पार्क, मुल्तान नगर, पश्चिम विहार (पूर्व ), नई दिल्ली –110056
मोब 9278720311 ईमेल : [email protected]