डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची ‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत है उनकी हाइकू विधा में दो कवितायेँ ‘हाइकु ’।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 31 – साहित्य निकुंज ☆
☆ हाइकु ☆
[ 1 ]
अभिनन्दन
स्वागत है आपका
रघुनंदन
कष्ट अपार
झेल गया ये मन
आईं बहार
खुशियां छाए
अब कष्ट न आए
जीवन भर
गगन में छा
पन्नों में लिख गया
इतिहास के
[ 2 ]
वर्षा की बूंदे
मनोरम दृश्य
है हरियाली
प्राकृतिक है
थल में जलजला
जल ही जल।
माता की याद
आती है हरदम
मन व्यथित
माँ की रसोई
जीभ में बसा स्वाद
जीवनभर
© डॉ.भावना शुक्ल
सहसंपादक…प्राची
wz/21 हरि सिंह पार्क, मुल्तान नगर, पश्चिम विहार (पूर्व ), नई दिल्ली –110056
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