श्री अरुण कुमार दुबे

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरुण कुमार दुबे जी, उप पुलिस अधीक्षक पद से मध्य प्रदेश पुलिस विभाग से सेवा निवृत्त हुए हैं । संक्षिप्त परिचय ->> शिक्षा – एम. एस .सी. प्राणी शास्त्र। साहित्य – काव्य विधा गीत, ग़ज़ल, छंद लेखन में विशेष अभिरुचि। आज प्रस्तुत है, आपकी एक भाव प्रवण रचना “करोगे दूर कैसे उसको दिल से“)

☆ साहित्यिक स्तम्भ ☆ कविता # 76 ☆

✍ करोगे दूर कैसे उसको दिल से… ☆ श्री अरुण कुमार दुबे 

मेरी नज़रों में वो इंसां बड़ा है

मदद को गैर की तत्पर खड़ा है

 *

मुहाजिर किसको तुम बतला रहे हो

मेरा भी नाल भारत में गड़ा है

*

करोगे दूर कैसे उसको दिल से

अँगूठी के नगीने सा जड़ा है

मुनासिब हक़ नहीं जो कौन देगा

मग़र बच्चों सा तू ज़िद पर अड़ा है

*

समझ आती न उसको बात अच्छी

नसीहत दो न वो चिकना घड़ा है

 *

जुड़ा है तार जिसका रब से मेरे

उसी के ताज़ कदमों में पड़ा है

 *

मिटा सकता नहीं पर ज़ोम उसमें

अँधेरों से तभी जुगनू लड़ा है

 *

ढलेगा शाम होते सोच लेना

तुझे नश्शा जो शुहरत का चढा है

 *

मुहब्बत फ़र्ज़ में है जंग जारी

अरुण अब फैसला लेना कड़ा है

© श्री अरुण कुमार दुबे

सम्पर्क : 5, सिविल लाइन्स सागर मध्य प्रदेश

सिरThanks मोबाइल : 9425172009 Email : arunkdubeynidhi@gmail. com

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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