हिन्दी साहित्य – हिन्दी कविता – ? दो कवितायें ? – डॉ गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’
डॉ गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’
(डॉ गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’ पूर्व प्रोफेसर (हिन्दी) क्वाङ्ग्तोंग वैदेशिक अध्ययन विश्वविद्यालय, चीन । आज प्रस्तुत है डॉ गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’ जी की दो कवितायें “ऐनवक्त की कविता” और “हमारे गाँव में खुशहाली”।
दो कवितायें
एक
☆ ऐनवक्त की कविता ☆
जब-जब कान में घुसे
कीड़े -सी
कविता कुलबुलाती है
और
ऐनवक्त पर
बच्चे के लिए
पाव भर दूध या आटा लाने के लिए
खोपड़ी पर खड़ी होकर
बीबी झौंझियाती है
यकीनन उसकी झौं -झौं
मेरी कविता से
बड़ी हो जाती है।
-@गुणशेखर
दो
☆ हमारे गांव में खुशहाली ☆
हमारे गांव में
खुशहाली
जब भी आती है
बिजली की तरह
आती है
और
गरीब के पेट का
ट्रांसफार्मर दाग कर
चली जाती है।
© डॉ गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’