? जीवेम शरदः शतम ?

डॉ. राजकुमार सुमित्र (कवि, कथाकार, व्यंग्यकार, रूपकलेखक, चिंतक, छंदशास्त्र में निष्णात वरिष्ठ पत्रकार – साहित्यकार)

✍ शिव से संवाद है – डॉ. सुमित्र का सृजन ☆ डॉ. राजेश पाठक ‘प्रवीण’☆

डॉ. राजकुमार सुमित्र का सृजन परमपिता शिव से साक्षात संवाद है। शिव-संवाद की विलक्षण शक्ति से सम्पन्न अग्रज डॉ. सुमित्र जी के सृजन में समाज निर्माण के बीज मंत्र जैसा चमत्कार निहित है।

दादा सुमित्र जी के अन्तर्मन में समाहित मानवीय करुणा का स्पंदन और आत्मीय भावों का प्रवाह उनके व्यक्तित्व की पारस आभा है। सम्बन्धों को पूजा भाव से जीने वाले दादा सुमित्र जी यथा नाम तथा गुणों से अलंकृत हैं। उनके व्यक्तित्व में कभी कृष्ण की कान्ति की दार्शनिक आभा अनुभूत होती है, तो कभी बुद्ध के मौन-माधुरी का विलक्षण सौन्दर्य । दादा के गीतों की माधुर्यता में कभी मन कि मनु भूमिका के दर्शन होते हैं तो कभी पुरुरवा के अभिसार के …. ।

शब्दों को चमत्कारपूर्ण तरीकों से अंकित करते हुए नित नए शब्द विन्यास की कला में निष्णात सुमित्र जी के अन्तर्मन की शालीनता, निर्मलता, सहजता, सरलता, सात्विकता, सत्यता ही उनके व्यक्तित्व की विराटता है। शब्दब्रह्म के उपासक दादा को जीवेम शरदः शतम की भावना के साथ प्रणाम ?

 – डॉ. राजेश पाठक ‘प्रवीण’

? ई- अभिव्यक्ति परिवार की और से गुरुवर  डॉ. राजकुमार सुमित्र जी को उनके 83वें जन्मदिवस पर सादर प्रणाम एवं हार्दिक शुभकामनाएं ?

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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