डॉ मिली भाटिया 

14 November 2003 को अपनी माँ के आकस्मिक निधन के बाद डा मिली नन्हें बच्चों में चित्रकला के माध्यम से जागरूकता फेला रही हें!

डॉक्टर मिली भाटिया आर्टिस्ट 15 साल से नन्हे बच्चों के साथ चित्रकारी में आनंद ढूँढ रही हें।

डॉक्टर मिली भाटिया को बचपन से ही चित्रकारी का शौक़ है।  आपने  2008 में चित्रकला में  MA किया। 2013 में आपको  राजस्थान विश्वविद्यालय से PhD की डिग्री प्राप्त  हुई।  शोध करते वक्त डा मिली ने जवाहर कला केंद्र ,जयपुर में अपनी पहली एकल चित्रकला प्रदर्शनी  नारी अंतर्मन । 

इन सात पेंटिंग के माध्यम से डा मिली ने नारी के दर्द को उजागर किया जिसमें एक आँख के माध्यम से नारी के अंतर्मन की पीड़ा को उजागर किया।  टेलिविज़न में 7 मिनट के शो में नारी अंतर्मन प्रसारित हुआ।  यह शो 8 मार्च 2011 को अंतर्राष्ट्रीय  महिला दिवस पर प्रसारित हुआ! 15 साल से डॉक्टर मिली नन्हे नन्हे बच्चों को चित्रकला सिखाती आ रही हें।  ललित कला अकैडमी की तरफ़ से कोटा में 2012 में डा मिली ने दूसरी प्रदर्शनी  की जिसकी खूब सराहना हुई।

रावतभाटा में डॉक्टर मिली कई जगह अपनी एग्ज़िबिशन कर चुकी हें जिनके आर्य समाज,सेंटब कॉलोनी क्लब, टाउन्शिप क्लब,अनुकिरन क्लब शामिल हें!

प्रतिवर्ष डॉक्टर मिली सरकारी स्कूल में बच्चों को शिक्षण सामग्री उपहार में देती हैं । अपनी मम्मी के आकस्मिक निधन 14 November 2003 के बाद डा मिली नन्हे बच्चों के साथ चित्रकला के माध्यम से समाज में जागरूकता फैला रही हे।  डॉक्टर मिली कोटा में ओम् कोठारी इन्स्टिटूट ओफ़ मैनज्मेंट एंड रीसर्च कालेज में 4 वर्ष से असिस्टेंट प्रफ़ेसर के पद पर कार्यरत हें।

डॉक्टर मिली के प्रेरणास्रोत उनके पापा श्री दिलीप भाटिया हें! डॉक्टर मिली कहती हें उनकी मम्मी  श्यामा भाटिया ईश्वर के घर से उनको आशीर्वाद देकर उनकी उपलब्धि से ख़ुश होंगी।  डॉक्टर मिली की स्ट्रेंक्थ उनके जीवनसाथी श्री आनंद यादव हे! डॉक्टर मिली की ख़ुशी उनकी बेटी लिली यादव और सभी नन्हें कलाकार हैं  जो उनसे जुड़े हुए हैं ।

हाल ही में 15 दिन पहले डा मिली ने कोविड 19 पर निशुल्क ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की थी  जिसने200 से भी अधिक  देश के साथ साथ विदेश के बच्चों ने भाग लिया। डा मिली 60 बच्चों को पुरस्कृत करेंगी  व सभी बच्चों को उन्होंने ई-सर्टिफ़िकेट भेजे।  बच्चों में वो आर्टिस्ट दीदी के नाम से फ़ेमस हें।

डा मिली कहती हें बच्चों को चित्रकला सिखाना उनका मुख्य उद्देश्य है ।  आँखो में आजीवन रहने वाली बीमारी केरटोकोनस के बावजूद बच्चों में चित्रकला से प्रेम करने का एकमात्र उद्देश्य हे डॉक्टर मिली भाटिया आर्टिस्ट का। 

डॉक्टर मिली को 22 डिसेम्बर 2011 को रावतभाटा कला गौरव से और 26 जनवरी 2012 को राजस्थान सरकार और 7 जुलाई 2015 को PhD की डिग्री से सम्मानित किया गया।

☆ माँ के नाम एक भावनात्मक आत्मीय पत्र ☆

हैपी मदर्स डे माँ

माँ काश आज तुम साथ होतीं………..

17 साल पहले अपनी 17 साल की इकलोती बेटी को तुम छोड़कर ईश्वर के पास चलीं गईं….काश ईश्वर के घर फ़ोन होता तो में तुमसे एक आख़िरी बार बात कर पाती…काश तुम्हें ये बता पाती की तुम्हारे बिना में कितनी अकेली हूँ….तुम्हारा डाँटना.. तुम्हारा अथाह प्यार हमेशा याद आता है ….पर तुम चिंता मत करना माँ…पापा ने 17 वर्ष से तुम्हारी कमी महसूस न हो उसके लिए बहुत तपस्या की हे!

काश तुम आज होतीं तो आँखो से आँसू कभी नहीं निकलते, कभी दर्द से डर नहीं लगता!! आज तुम्हारी 6 साल की नातिन लिली पूछती हे कि भगवानजी को में बोलूँगी तो नानी वापिस आ जाएंगी  क्या?

….तुम्हारे हाथ का खाना…तुम्हारे हाथ के आचार पापड़ सबकुछ माँ…स्वाद अभी भी महसूस करती हूँ में माँ…तुम्हारी मेरे लिए हर पल चिंता मुझे बहुत याद आती है

माँ…..तुम्हारी जगह तो भगवान भी नहीं ले सकते माँ…आप जहां भी हो वहाँ से मुझे देखतीं होंगी ना… मैं  आपको अपने साथ हमेशा महसूस करती हूँ…

अपना आशीर्वाद मुझपर बनाए रखना माँ और मेरी चिंता मत करना… मैं   ठीक हूँ माँ……

हैपी मदर्स डे माँ

आपकी बेटी

डा मिली!!

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