हिन्दी साहित्य ☆ साप्ताहिक स्तम्भ – समय चक्र # 13 ☆ कविता – प्यार में ☆ डॉ. राकेश ‘चक्र’
डॉ राकेश ‘चक्र’
(हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. राकेश ‘चक्र’ जी की अब तक शताधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें 70 के आसपास बाल साहित्य की पुस्तकें हैं। कई कृतियां पंजाबी, उड़िया, तेलुगु, अंग्रेजी आदि भाषाओँ में अनूदित । कई सम्मान/पुरस्कारों से सम्मानित/अलंकृत। इनमें प्रमुख हैं ‘बाल साहित्य श्री सम्मान 2018′ (भारत सरकार के दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड, संस्कृति मंत्रालय द्वारा डेढ़ लाख के पुरस्कार सहित ) एवं उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा ‘अमृतलाल नागर बालकथा सम्मान 2019’। अब आप डॉ राकेश ‘चक्र’ जी का साहित्य प्रत्येक गुरुवार को उनके “साप्ताहिक स्तम्भ – समय चक्र” के माध्यम से आत्मसात कर सकेंगे । इस कड़ी में आज प्रस्तुत हैं महान सेनानी वीर सुभाष चन्द बोस जी की स्मृति में एक एक भावप्रवण कविता “प्यार में”.)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – समय चक्र – # 13 ☆
☆ प्यार में ☆
प्यार में हम जिए या मरे
मुश्किलों से मगर कब डरे
आस्था का समर्पण रहा
अर्घ्य देकर रहे हम खरे
बचपना जब हवा हो गया
फूल, शूलों में जाकर झरे
लोग कहते रहे यूँ हमें
कोई पागल, कोई मसखरे
खेत, बच्चे, पखेरू, विटप
सब मेरे दिल को लगते हरे
मेरे अंदर के बच्चे सभी
मुझसे मिलते हैं खुशियाँ भरे
डॉ राकेश चक्र
(एमडी,एक्यूप्रेशर एवं योग विशेषज्ञ)
90 बी, शिवपुरी, मुरादाबाद 244001, उ.प्र .
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