हिन्दी साहित्य – ☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक की पुस्तक चर्चा – # 12 ☆संयासी जिसने अपनी संपत्ति बेच दी ” ☆ – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
(हम प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के आभारी हैं जिन्होने साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक की पुस्तक चर्चा” शीर्षक से यह स्तम्भ लिखने का आग्रह स्वीकारा। इस स्तम्भ के अंतर्गत हम उनके द्वारा की गई पुस्तक समीक्षाएं/पुस्तक चर्चा आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। अब आप प्रत्येक मंगलवार को श्री विवेक जी के द्वारा लिखी गई पुस्तक समीक्षाएं पढ़ सकेंगे। आज प्रस्तुत है विश्वप्रसिद्ध पुस्तक “संयासी जिसने अपनी संपत्ति बेच दी ” जिसकी 30 लाख से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं पर श्री विवेक जी की चर्चा ।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक की पुस्तक चर्चा – # 12 ☆
☆ पुस्तक चर्चा – संयासी जिसने अपनी संपत्ति बेच दी ☆
पुस्तक – संयासी जिसने अपनी संपत्ति बेच दी
हिन्दी अनुवाद – The monk who sold his Ferari का हिंदी संस्करण
लेखक – रोबिन शर्मा
मूल्य – 199 रु
किताब जिसकी दुनियां भर में ३० लाख प्रतियां बिकी
☆ संयासी जिसने अपनी संपत्ति बेच दी– चर्चाकार…विवेक रंजन श्रीवास्तव ☆
जूलियन मेंटले एक वकील थे, जो अनियमित जीवन शैली से निराश हो चुके थे. बाद में उन्होने अपने पेशे, धन दौलत घर को त्याग कर हिमालय की कन्दराओ में सिवाना के संतो के साथ ज्ञान प्राप्त किया. उनके जीवन का निचोड़ बताती यह पुस्तक जिसे दुनिया के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले लेखको में से एक राबिन शर्मा ने लिखा है और जिस किताब की दुनियां भर में ३० लाख प्रतियां बिक चुकी हैं पठनीय है व जीवन दर्शन सिखाती है. किताब बताती है कि कैसे हम अपने जीवन में आनंद का विस्तार कर सकते हैं. जीवन के उद्देश्य और आवश्यकता को समझ सकते हैं. जीवन में स्वयं अपने पर कैसे शासन किया जावे, अपने समय को किस तरह सुनियोजित करना चाहिये, तथा अपने रिश्तो को किस तरह निभाना चाहिये तथा जीवन को उसकी परिपूर्णता में कैसे जीना चाहिये यह इस किताब को पढ़कर ज्ञात होता है.
चर्चाकार.. विवेक रंजन श्रीवास्तव, ए १, शिला कुंज, नयागांव,जबलपुर
मो ७०००३७५७९८