ई-अभिव्यक्ति:  संवाद–28            

यह जीवन चक्र है जिसमें हम जीते हैं।  कभी मैंने लिखा था :

The Life after death

is definite

and

the journey

between life and death

is

definition of Life

हम जन्म से मृत्यु तक पाते हैं कि हर समय हमारे सिर पर किसी न किसी का हाथ होता है। वह हाथ माता पिता, गुरु, वरिष्ठ …… या वह वरिष्ठ पीढ़ी जिसने सदैव हमें मार्गदर्शन दिया है।

अभी 17 अप्रैल 2019 के अखबार में भारत सरकार का एक विज्ञापन देखा। मैं नहीं जनता कि कितने लोगों नें उस पर ध्यान दिया है और कितने व्योश्रेष्ठ इस सम्मान के लिए अपना आवेदन देंगे। इस व्योश्रेष्ठ सम्मान का विज्ञापन निम्नानुसार है।

विस्तृत जानकारी के लिए देखें www.socialjustice.nic.in 

अब  यह हमारा दायित्व बनता है कि हम ढूंढ ढूंढ कर ऐसी पीढ़ी के मनीषियों के लिए उनकी ओर से आवेदन भरने में मदद करें।

आज के लिए बस इतना ही।

हेमन्त बवानकर 

24 अप्रैल 2019

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

1 Comment
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Leena Kulkarni

धन्यवाद!