अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष
डॉ. मुक्ता
(डा. मुक्ता जी हरियाणा साहित्य अकादमी की पूर्व निदेशक एवं माननीय राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित/पुरस्कृत हैं। आज प्रस्तुत है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर डॉ मुक्ता जी की एक विशेष कविता “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस”। )
☆ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष – अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ☆
आठ मार्च को
अंतर्राष्ट्रीय
महिला दिवस पर
विश्व भर में
नारी सशक्तीकरण
के नारे लगाए जाते
किया जाता मंच से
महिलाओं की
उपलब्धियों का बखान
और महिमा का गुणगान
परन्तु वर्ष के 365 दिन
उसे जूझना पड़ता
पति की प्रताड़ना
व तथाकथित दुर्व्यवहार से
और सहन करने पड़ते
परिवारजनों के कटाक्ष
व व्यंग्य-बाण
वह मासूम हर दिन
ज़ुल्मों का शिकार होती
दण्डित की जाती
उन अपराधों के लिये
जो उसने किये ही नहीं
और वे ज़ख्म
नासूर बन रिसते
सालते हरदम
वह अहंनिष्ठ इंसान
मात्र एक दिन के लिये भी
नहीं रख सकता
आत्म-नियंत्रण
और न ही लगा पाता
अपने भावों,अहसासों
व जज़्बातों पर अंकुश
वह नहीं रहना चाहता
अपने अधिकारों के
दुरुपयोग से वंचित
सर्वश्रेष्ठता के भाव से मुक्त
वह सोचती
क्या कभी
बदलाव आएगा
उसकी सोच में
उसके आचार-व्यवहार में
जो सम्भव नहीं
शायद कभी नहीं…
काश!वह उस निष्ठुर को
घरेलू हिंसा का अर्थ समझा
उसकी परिभाषा से
अवगत करा
अहसास दिला देती
उसकी औक़ात का
और वह उसके वजूद से
रू-ब-रू हो जाता
शायद!वह अहंवादी
स्वयं को सर्वोत्तम व सर्वश्रेष्ठ
समझने वाला इंसान
संबंधों की दलदल
रिश्तों के झाड़-झंखाड़
और चक्रव्यूह से मुक्त हो पाता
वह केवल
महिला दिवस के
दिन ही नहीं
हर दिन अपनी पत्नी की
अहमियत को स्वीकारता
और उसे अनुभव हो जाता
संकट की घड़ी में
वे संबंधी
बरसाती मेंढकों की भांति
आसपास मंडराते
कभी काम नहीं आते
क्योंकि आजकल सभी संंबंध
स्वार्थ पर टिके होते
परन्तु इज़्ज़त व प्रतिष्ठा
न किसी हाट पर बिकती
न ही भीख में मिलती
दुनिया में सदा
’गिव एंड टेक’
व’जैसे को तैसा’का
व्यवहार चलता
परन्तु
रिश्तों की दलदल
व जंजाल में
फंसा इंसान
अपनी पत्नी पर
अकारण निशाना साध
क़ायदे-कानून
को दरक़िनार कर
मर्यादा व सीमाओं का
अतिक्रमण कर
इतराता-इठलाता
खुद को शहंशाह ही नहीं
ख़ुदा समझता
जैसे फ़तेह कर लिया हो
उसने कोई किला
वह अभागिन
अपने भाग्य को कोसती
अजस्त्र आंसू बहाती रहती
स्वर्णिम सुबह की इंतज़ार में…
जब औरत को मात्र वस्तु नहीं
संवेदनशील इंसान स्वीकार
दी जायेगी अहमियत
© डा. मुक्ता
माननीय राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत।
पूर्व निदेशक, हरियाणा साहित्य अकादमी, #239,सेक्टर-45, गुरुग्राम-122003 ईमेल: drmukta51@gmail.com
मो• न•…8588801878