श्री विनीत खरपाटे 

( श्री  विनीत  खरपाटे जी का ई- अभिव्यक्ति में हार्दिक स्वागत है। आप ऐरोली नवी मुंबई में व्यवसायी हैं। विगत 30 वर्षों से समय समय पर स्वान्तः सुखाय कविता व लेख लिख कर संग्रहित करते हैं । अब तक चार हजार से अधिक रचनाएँ संग्रहित हैं । स्थानीय सामाजिक कार्यों में सक्रिय सहभागिता।  कभी प्रकाशित नहीं किया। यह आपकी प्रथम प्रकाशित रचना है। इसके लिए श्री विनीत जी को बधाई एवं शुभकामनाएं। आज प्रस्तुत है उनकी एक  समसामयिक  कविता  कोरोना कैसे होगा, कोई समझाए?)

☆ कोरोना कैसे होगा कोई समझाए ?

कुछ ना होगा जानू मैं यह

कैसे होगा कोई समझाए?

यह करोना तो फैलेगा

जो विदेश में रहता है।।

व्यक्ति से व्यक्ति तक पहुंचे

मीटर से ज्यादा ना कूदे

हवा से तो यह ना फैले

12 घंटे से ज्यादा जिए

28 डिग्री के बाद न जिए

 

कुछ ना होगा जानू मैं यह

कैसे होगा कोई समझाए ?

यह करोना तो फैलेगा

जो विदेश में रहता है

हां जीव समुंदर का खाएं तो

करोना हो सकता है

जो विदेश से घर को आए

उनसे भी ये हो सकता है

बस करना है चौकीदारी

मांस किसी का भी ना खाएं

जो विदेशों से घर को आए

इलाज कर ही घर पहुंचाएं।।

 

© विनीत खरपाटे

ऐरोली, नवी मुम्बई।

मोबाईल  9371319798.

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments