बुद्ध पूर्णिमा विशेष
डॉ सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’
(अग्रज एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’ जी जीवन से जुड़ी घटनाओं और स्मृतियों को इतनी सहजता से लिख देते हैं कि ऐसा लगता ही नहीं है कि हम उनका साहित्य पढ़ रहे हैं। अपितु यह लगता है कि सब कुछ चलचित्र की भांति देख सुन रहे हैं। बुद्ध जयंती के पवन पर्व पर आज प्रस्तुत है आपकी विशेष रचना “हम स्व का ध्यान धरें”। )
☆ बुद्ध पूर्णिमा विशेष – हम स्व का ध्यान धरें ☆
सम्यक ज्ञान सिखाया जिसने
पंचशील अपनाया जिसने
सत्य धर्म दिखलाया जिसने
उन्हें प्रणाम करें
हम स्व का ध्यान धरें।
करुणा दीप जलाया जिसने
मैत्री भाव सिखाया जिसने
प्रज्ञा पुष्प खिलाया जिसने
उन्हें प्रणाम करें……..
विपश्यना साधना सिखाई
सहिष्णुता की राह दिखाई
समता बोध कराया जिसने
उन्हें प्रणाम करें…….
धम्म संघ, बुद्धत्व शरण में
बुद्ध वाणी के सहज वरण में
विद्या विधि सिखाई जिसने
उन्हें प्रणाम करें …….
शून्यागारों में हो अविचल
खुद में भ्रमण करें जो प्रतिपल
शील, समाधि, प्रज्ञा जिनमें
उन्हें प्रणाम करें
हम स्व का ध्यान धरें।।
© डॉ सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’
जबलपुर/भोपाल, मध्यप्रदेश
मो. 989326601