डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं “भावना के दोहे ”। )
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 72 – साहित्य निकुंज ☆
☆ भावना के दोहे ☆
अन्न वस्त्र भी चाहिये,
थोड़ी बहुत जमीन ।
समाधान खोजें सभी,
किस पर करें यकीन ।।
कृषक देश की आन है,
कृषक देश की जान।
सबको वो ही पालता,
करें कृषक का मान।।
धरती सुत की आज तुम,
सुनो इतनी पुकार।
अनुशासन की बेड़ियां,
नहीं हमें स्वीकार।।
पास उनके समय बहुत,
व्यर्थ करें बरबाद।
चौराहे पर जाम है,
किसका करें हिसाब।।
राजनीति का शोरगुल
दिखे गलत व्यवहार।
बंद सफल होगा नहीं,
करते रहो प्रचार।।
© डॉ.भावना शुक्ल
सहसंपादक…प्राची
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≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
सम सामयिक दोहे