Our Guest Authors/Bloggers
Late Dr. Rajkumar Tiwari ‘Sumitra’, Jabalpur
Dr. Vijay Tiwari ‘Kislay’, Jabalpur
Mr. Jai Prakash Pandey, Jabalpur
Mr. Suresh Kushwaha ‘Tanmay’, Jabalpur
Ms.Neelam Saxena Chandra, Pune
Mr. Sadanand Ambekar, Haridwar
Dr. Gangaprasad Sharma ‘Gunshekhar’
Kaviraj Vijay Yashwant Satpute
Shri Omprakash Kshatriy “Prakash”
Shri Manoj Kumar Shukla “Manoj”
जन्म तिथि : 25 अक्तूबर 1948
शिक्षा : एम.ए., पी.एच.डी., डी.लिट. (मानद) पत्रकारिता तथा शिक्षण पत्रोपाधि
विधाएँ : कविता, कहानी, निबंध, नाटक, संस्मरण
संक्षिप्त परिचय : पूर्व सम्पादक दैनिक नवीन दुनिया, अकादमिक सलाहकार इग्नू जबलपुर। सन 1952 से साहित्य, पत्रकारिता एवं शिक्षण के क्षेत्र में कार्यरत।
संप्रत्ति : शासन द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकार, सलाहकार सम्पादक दैनिक जयलोक एवं सचिव – जबलपुर पत्रकार संघ न्यास
पत्रकारिता: सम्पादन सहयोगी – बाल मासिक (1955), साथी, सम्पादन नवांकुर (1955 एवं 1961-62), दैनिक जबलपुर समाचार एवं साप्ताहिक परिवर्तन (1957-58), सम्पादन – बाल मासिक चंदा (1957-58), दैनिक नवीन दुनिया (दैनिक नई दुनिया) सम्पादन तरंग एवं नारी निकुंज (1964-1996), नवंबर 1996 से दैनिक जयलोक से संबद्ध।
साहित्यिक उपलब्धियां: 1952 से सृजनरत, कोयला मंत्रालय एवं आकाशवाणी केंद्र की सलाहकार समिति की सदस्यता, इग्नू के अकादमिक सलाहकार, आथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया, हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, म. प्र. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, म. प्र. लेखक संघ की आजीवन सदस्यता। 140 से अधिक पुस्तकों की भूमिकाएँ, शताधिक ग्रन्थों का सम्पादन। अब तक 50 से अधिक एम.फिल./पी.एच.डी. शोधार्थियों को मार्गदर्शन-सामग्री सहयोग।
प्रकाशित साहित्य: सात काव्य संग्रह, पाँच भक्ति काव्य संग्रह, तीन व्यंग्य संग्रह , दो निबंध संग्रह, एक रेडियो रूपक, सात से अधिक बाल साहित्य, दो अनुवाद एवं कविवर नर्मदा प्रसाद खरे का काव्य प्रदेश पर शोध।
प्रमुख सम्मान : आपको अनेकों राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित किया गया है। इनमें प्रमुख हैं:
अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति न्यूयार्क द्वारा मुख्यवक्ता सम्मान, विश्वमैत्री सम्मान (मास्को, रूस), सृजन सम्मान (लंदन इंग्लैण्ड), चेतना हिन्दी समिति पोर्ट ब्लेयर द्वारा सम्मान, साहित्य दिवाकर सम्मान (हिन्दी साहित्य अकादमी, मारिशस), काव्य शिरोमणि की उपाधि, अखिल भारतीय शंकराचार्य पुरस्कार, कादंबरी का प्रज्ञाश्री पुरस्कार, भारतेन्दु समिति कोटा द्वारा साहित्यश्री सम्मान, पुष्कर सम्मान, सारस्वत सम्मान, साहित्यांचल सम्मान, सेठ गोविंद दास साहित्य सम्मान, हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा – साहित्य मनीषी, हिन्दी सेवी सम्मान राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान, लोक साहित्य सम्मान, हरीशंकर परसाईं सम्मान आदि आदि।
संस्थापक : 1995 में पाथेय प्रकाशन की स्थापना (अब तक 265 से अधिक वरिष्ठ एवं नवोदित लेखक/लेखिकाओं के साहित्य का प्रकाशन), पाथेय संस्था, पाथेय साहित्य कला अकादमी (प्रतिवर्ष गायत्री कथा सम्मान एवं 12 क्षेत्रीय प्रतिभाओं को सम्मान), पाथेय संगीत।
पं. दीनानाथ तिवारी स्मृति संग्रहालय एवं शोध संस्थान की स्थापना।
विशेष : आप पर अनेक पत्रिकाएँ विशेषांक प्रकाशित कर चुकी हैं – प्राची, साहित्यसागर आदि अनेक शोधग्रंथों/पुस्तकों में उल्लेख। आप पर शेफाली वर्मा ने शोधकार्य किया है जो प्रकाशित है। कवि मित्रों ने “चर्चा एक चन्दन चरित्र की” में अपनी काव्याभिव्यक्ति दी है।
पता: 112, सराफा/119 मोतीलाल नेहरू वर्ड, सेठ चुन्नीलाल का बाड़ा, जबलपुर मोबाइल: 9300121702
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जन्म तिथि : 7 जुलाई 1958
सृजन कार्य क्षेत्र : साहित्य
प्रिय विधा : मुझे काव्य लेखन सबसे अच्छा लगता है।
परिचय : साहित्य की बहुआयामी विधाओं में सृजनरत हूँ। मेरी छंदबद्ध कवितायें, गजलें, नवगीत, छंदमुक्त कवितायें, क्षणिकाएँ, दोहे, कहानियाँ, लघुकथाएँ, समीक्षायें, आलेख, संस्कृति, कला, पर्यटन, इतिहास विषयक सृजन सामग्री यत्र-तंत्र प्रकाशित/प्रसारित होती रहती है।
साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में जीवन पर्यन्त संलग्न रहे पूज्य पिता जी स्व. सूरज प्रसाद तिवारी से साहित्यिक गुण विरासत में मिले। शालेय शिक्षकों की तुलना में मेरे पिता जी के आलेख सदैव ओजस्वी और सटीक लगते थे। यही कारण था कि उनके क्रांतिकारी विचारों पर आधारित शालेय भाषणों की अभिव्यक्ति पर शाला के शिक्षकों का कोपभाजन बनना पड़ता था। इसी तरह विद्यार्थी जीवन में ही लोग मेरी कविताएँ ध्यान से सुना करते थे। कृतियों के बजाय कवियों की बात करें तो मुझे मैथिली शरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी, सुभद्रा कुमारी चौहान, सेनापति, पद्माकर, बिहारी, मीरा नीरज एवं आचार्य भगवत दुबे की रचनाओं ने बेहद प्रभावित किया है। इन सभी की रचनाओं में कहीं न कहीं एकरूपता मिलती है और वह है प्रकृति, देशप्रेम तथा भारतीय संस्कृति का समावेश।
कृतियाँ/अलंकरण/उपलब्धियाँ :
1 काव्य संग्रह – किसलय के काव्य सुमन
2 नई दुनिया का श्रेष्ठ अलंकरण – “जबलपुर साहित्य अलंकरण”
3 कौन बनेगा साहित्यपति प्रतियोगिता विजेता
4 ओंकार तिवारी अलंकरण
5 गुंजन का सरस्वती सम्मान
6 हिन्दी परिषद का कथा सम्मान
7 विधानसभाध्यक्ष स्व. कुंजीलाल दुबे स्मृति निबंध प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार।
8 वर्तिका प्रतिभा अलंकरण
9 बेटी बचाओ अभियान के सुचारू कार्यान्वयन हेतु मांडू में प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में सहभागिता।
10 पूरे विश्व के 135 से अधिक देशों के “पीस ऑफ माइंड” टी वी चैनल एक साथ प्रसारित माउंट आबू में आयोजित ‘राष्ट्रीय कवि सम्मेलन’ में सहभागिता।
अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियां :
-
- समाचार पत्रों, आकाशवाणी एवं विभिन्न चैनलों से प्रकाशन/ प्रसारण।
- मेरे काव्य संग्रह “किसलय के काव्य सुमन” सहित अनेक सामूहिक संग्रहों में रचनाएँ प्रकाशित।
- वेबसाईट: hindisahityasangam.com ब्लॉग : hindisahityasangam.blogspot.com
- व्हाट्सएप्प ग्रुप : “हिन्दी साहित्य संगम” के माध्यम से निरंतर सृजन जारी है।
- संस्कारधानी जबलपुर के ‘जबलपुर साहित्य रत्न”
- गुंजन के “सरस्वती अलंकरण”, वर्तिका के ‘प्रतिभा अलंकरण”, ओंकार तिवारी सम्मान सहित
- शताधिक सम्मान/अलंकरण/ पुरस्कार प्राप्त।
- लगभग सौ गद्य-पद्य पुस्तस्कों की समीक्षाओं / भूमिकाओं का लेखन।
- पुस्तकों, पत्रिकाओं का सम्पादन। मंच संचालन।
- समाचार पत्रों में आलेख तथा स्तंभ लेखन।
- हिन्दी भाषा के प्रसार, प्रचार तथा विकास हेतु निरंतर सक्रिय।
- विभिन्न संस्थाओं में सक्रिय सहभागिता। कहानी मंच, म. प्र. लेखक संघ जबलपुर, लघु कथाकर
- परिषद, वर्तिका के विकास में महत्त्वपूर्ण पदों पर रहते हुये विशिष्ट कार्यों का सम्पादन। वर्तमान में वर्तिका जबलपुर के अध्यक्ष।
- स्वरचित संगीतबद्ध नर्मदाष्टक “नित नमन माँ नर्मदे” की जबलपुर नर्मदा महोत्सव 2012 में 16 लड़कियों द्वारा नृत्य प्रस्तुति।
- एक दोहा संग्रह एवं एक काव्य संग्रह शीघ्र प्रकाश्य
पता : ‘विसुलोक‘ 2429, मधुवन कालोनी, उखरी रोड, विवेकानंद वार्ड, जबलपुर – 482002 मध्यप्रदेश, भारत
संपर्क : 9425325353
ईमेल : [email protected]
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श्री सुरेश पटवा
जन्म तिथि : 6 अक्टूबर 1952
- दोपहिया वाहन पर भारत भ्रमण।
- सम्पूर्ण भारत भ्रमण।
- अमेरिका, यूरोप, एशिया के अनेकों देशों का भ्रमण।
- पैदल नर्मदा खंड परिक्रमा कर रहे हैं।
दोनों पुस्तकें Amazon और Flipkart पर उपलब्ध।
Amazon Link – ग़ुलामी की कहानी, पंचमढ़ी की खोज
Flipkart Link – ग़ुलामी की कहानी, पंचमढ़ी की खोज
भोपाल में बुक वर्ल्ड और लॉयल बुक डेपो पर उपलब्ध।
पलक गाथा और नर्मदा घाटी का इतिहास लिख रहे हैं।
संपर्क : 9926294974
ईमेल : [email protected]
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श्री जय प्रकाश पाण्डेय
शिक्षा – शास. अभियांत्रिकी महाविद्यालय जबलपुर से स्नातकोत्तर, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से डी सी ए।
प्रकाशन /प्रसारण –
- आकाशवाणी जबलपुर, भोपाल, रायपुर, बिलासपुर से कहानी, व्यंग्य का लम्बे समय से प्रसारण ।
- सभी प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लम्बे समय से ढेरों व्यंग्य, कहानियाँ, कविताएँ प्रकाशित।
- परसाई स्मारिका पुस्तिका सम्पादित। नर्मदा पत्रिका में सम्पादन सहयोग।
- कबीर सम्मान,(साहित्य सहोदर कबीर समारोह में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति एवं एडीशनल डायरेक्टर उच्च शिक्षा म. प्र. के हाथों प्राप्त।
- ‘अभिव्यक्ति’ सम्मान पुरस्कार,(ख्यातिलब्ध पत्रकार श्री कुलदीप नैयर एवं श्री मदन मोहन जोशी प्रधान सम्पादक नई दुनिया इंदौर के हाथों प्राप्त।
- कादम्बिनी अखिल भारतीय व्यंग्य लेखन प्रतियोगिता में पुरस्कृत।
- अनेक कहानियों और व्यंग्य में कई पुरस्कार।
- रविन्द्र भवन भोपाल में नाट्य विधा में पुरस्कृत।
- विज्ञान भवन नई दिल्ली में ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा बेस्ट डायरेक्टर (आरसेटी) हेतु पुरस्कृत सम्मानित।
- ख्यातिलब्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई से लिए गए लम्बे चर्चित साक्षात्कार का हंस पत्रिका में प्रकाशन।
- प्रलेस जबलपुर में लम्बे समय तक संयोजक।
- ‘रचना’ साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था में संयोजक
- ’आंचलिक लघुकथा’ परिषद् में जिला अध्यक्ष।
- ’बिलासा कला मंच’ बिलासपुर में सक्रिय हिस्सेदारी।
- स्वराज भवन भोपाल में अट्टहास पत्रिका के आयोजन में व्यंग्य पाठ।
- चुटका जागृति मंच नारायणगंज में संयोजक।
- देश की पहली माइक्रो फाइनेंस शाखा भोपाल में प्रबंधन के पद पर रहते हुए अनेक एन जी ओ का केपीसिटी बिल्डिंग मार्गदर्शन।
- अनेक साहित्यिक सांस्कृतिक संस्थाओं में गोष्ठी, सेमिनार, व्यंग्य पाठ में सक्रिय हिस्सेदारी।
सम्प्रति – भारतीय स्टेट बैंक में मुख्य प्रबंधक पद से रिटायर होने के बाद स्वतंत्र लेखन। कुछ साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थाओं से संबद्ध।
दो व्यंग्य संग्रह एवं एक कहानी संकलन प्रकाशनाधीन
सम्पर्क – 416-एच, जय नगर जबलपुर-482002
मोब. 9977318765
ईमेल : [email protected]
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Date of Birth: 11th October 1954
Education: M. Sc. (Chemistry)
Field of interest: Author, The Science of Happiness, Meditation, Yoga, Laughter Yoga & Spirituality
Introduction:
Founder: LifeSkills, Laughter Yoga Master Trainer, Master Teacher: Happiness & Well-Being, Author, Blogger, Retired AGM from SBI.
I have conducted hundreds of sessions on Laughter Yoga and Happiness and Well-being for nationals from all over the world. It was an enriching and fulfilling experience. I teach happiness. Conducted programmes on happiness and well-being for Nestle, Airport Authority of India, Abercrombie & Kent, State Bank of India and several charitable & educational institutions.
I work with groups, and also one-on-one, to teach the basics of the science of happiness, meditation, yoga, laughter yoga and spirituality, as I believe that all these put together bring health, happiness and peace in your life.
Inspiration to enter in this field/area: Having somewhat settled in life, we (Radhika, my wife, and me) thought of giving back. What can be better than making people happier? So, we went for a course of Laughter Yoga to Bangalore. It is a good tool to spread happiness and joy. We conducted Laughter Yoga sessions for corporates, schools, colleges, clubs and societies. It was a deeply fulfilling experience.
Then, we thought of going a bit deeper. We went to the Himalayas to learn meditation, yoga and spirituality. We also researched deeply into Positive Psychology (The Science of Happiness) and Spirituality (The Way of the Buddha). Once we felt ready, we started imparting health, happiness and peace through our project ‘LifeSkills’.
Our mission is to bring more happiness and well-being into people’s lives.
Best and memorable event of life: My best moment in life was when I secured a national ranking in the National Science Talent Search Examination in the year 1971. I also recall fondly my contribution to the Citizen SBI movement during my working days.
Toughest moment of life: My life has been smooth by God’s grace. I am unable to recollect any tough moments in my life.
Strength: Love for learning and teaching, humour and compassion are my strengths.
Weakness: I can’t tolerate sycophancy and double standards.
Literary Work:
Published four books in Hindi Satire (व्यंग्य):
- तिरछी नज़र
- अथ दफ्तर कथा,
- कुछ लेते क्यूँ नहीं
- हिन्दी की आखिरी किताब.
Work-life balancing journey:
I worked in the State Bank of India for thirty-five years and continued to read, write, teach, and conduct sessions on happiness and Laughter Yoga.
Positive message to society:
I am simply a messenger and share the valuable messages of great saints: Bhavatu sabba mangalam. May all beings be happy, healthy and free from pain and suffering. Serve and contribute to the humanity, for, they only live who live for others. Recognize your core strengths and find opportunities to utilize them regularly for your own happiness and, more importantly, for the happiness of others. Do not harm, humiliate, hate, or hurt anyone. Be loving and compassionate.
LifeSkills’: Skills that make life happier, meaningful and worthwhile. It includes yoga, meditation, laughter yoga, the science of happiness (positive psychology) and spirituality.
Address : 244, Suniket Apartments, Shrinagar Extension, Indore (M.P.)
Mobile : 7389938255
Email: [email protected]
Name of blog: i teach happiness
Link: http://iteachhappiness.blogspot.com/
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जन्म तिथि : 1 जनवरी 1956
शिक्षा: बी एस सी एल एल बी
परिचय : सम्पूर्ण शिक्षा प्रायमरी से कॉलेज तक होशंगाबाद में सम्पन्न हुई। होशंगाबाद में ही 1982 में बैंक में नियुक्ति भी हो गई। नौकरी से पूर्व 1977 से स्वयं ने आटा चक्की का व्यवसाय भी किया। इसी आटा चक्की के माध्यम से कई तरह के लोगों से मिलने का अवसर मिला साथ ही काफी कुछ सीखने का भी । यहीं से लेखन कार्य प्रारम्भ किया।
सृजन कार्य क्षेत्र : साहित्य
प्रिय विधा : संस्मरण मुझे अतीत से जोड़े रखता है। मुझे दूसरों की रचनाओं को पढ़ने में आनंद आता है।
सम्प्रति : भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत। वर्तमान में भोपाल में निवास है। स्वतंत्र लेखन।
संपर्क : 9425723326
ईमेल : [email protected]
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श्री सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’
पूरा नाम : सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’
जन्म : 01 जनवरी 1950, खरगोन मध्यप्रदेश
निवास : जबलपुर/भोपाल
शिक्षा : स्नातकोत्तर (हिंदी साहित्य एवं समाजशास्त्र), आयुर्वेद रत्न
विधा : गीत, बाल कविता, दोहे, हाइकु, लघुकथा आदि
प्रकाशन : प्यासो पनघट (निमाड़ी काव्य संग्रह- 1980),
“आरोह-अवरोह” – हिंदी गीत काव्य संग्रह
“अक्षर दीप जलाएं” – बाल कविता संग्रह
“अंदर एक समन्दर” – लघुकथा संग्रह
“बचपन रसगुल्लों का दोना” – 91 बाल कविताओं का संग्रह
“साझा गीत अष्टक”-(10, गीत) भोपाल
“दोहा दोहा नर्मदा”, – साझा संकलन(110 दोहे) जबलपुर
“यह बगुला मन”- गीत-नवगीत संग्रह
काव्यांजलि- कारगिल के अमर शहीद की गाथा 521 छंदों में
अप्रकाशित पांडुलिपियाँ – दोहा संग्रह, और हाइकु संग्रह
संवेदना (पथिकृत मानव सेवा संघ की पत्रिका का संपादन),
साहित्य संपादक- रुचिर संस्कार मासिक, जबलपुर
साहित्य संपादक- रंग संस्कृति त्रैमासिक, भोपाल,
देश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में तथा आकाशवाणी / दूरदर्शन भोपाल से हिंदी तथा लोकभाषा निमाड़ी में प्रकाशन-प्रसारण,
विशेष— सन 2017 – महाराष्ट्र शासन के शैक्षणिक पाठ्यक्रम कक्षा 9th की “हिंदी लोक भारती” पाठ्यपुस्तक में एक लघुकथा ” रात का चौकीदार” सम्मिलित।
विभिन्न प्रदेशों से प्राप्त अर्ध शताधिक सम्मान
55 लघुकथाओं का बुंदेली में अनुवाद श्री द्वारका गुप्त जी के द्वारा
2 लघुकथाओं का पंजाबी में अनुवाद कर पंजाबी पत्रिका “मिनी” में प्रकाशन
संप्रति : भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स प्रतिष्ठान भोपाल के नगर प्रशासन विभाग से जनवरी 2010 में सेवानिवृत।
संपर्क : बी-101, महानंदा ब्लॉक, विराशा हाइट, दानिशकुंज ब्रिज, कोलार रोड़, भोपाल-462042
मोबा.9893266014
ईमेल- [email protected]
आप पुणे मेट्रो में जनरल मैनेजर (विद्युत) के पद पर कार्यरत हैं| कवितायेँ एवं कहानियां लिखना आपका शौक है| आपकी आठ सौ से अधिक रचनाएं विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं| आपके चार उपन्यास, एक उपन्यासिका, पांच कहानी संग्रह, उनतीस काव्य संग्रह व बारह बच्चों की पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं| आपको विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
प्रमुख पुरस्कार/सम्मान
- अमेरिकन एम्बेसी द्वारा आयोजित काव्य प्रतियोगिता में गुलज़ार जी द्वारा पुरस्कार
- रबिन्द्रनाथ टैगोर अंतर्राष्ट्रीयकाव्य पुरस्कार 2014
- रेल मंत्रालय द्वारा प्रेमचंद पुरस्कार
- चिल्ड्रेन ट्रस्ट द्वारा पुरस्कार
- पोएट्री सोसाइटी ऑफ़ इंडिया द्वारा काव्य प्रतियोगिता 2017 में द्वितीय पुरस्कार
- ह्यूमैनिटी अन्तराष्ट्रीय वीमेन एचीवर अवार्ड 2018
- भारत निर्माण लिटरेरी अवार्ड पुरस्कार
- गीत’मेरे साजन सुन सुन’ को रेडियो सिटी द्वारा फ्रीडम पुरस्कार
- फ़ोर्ब्स मैगज़ीन द्वारा 2014 के देश के अठहत्तर प्रख्यात लेखकों में नामित किया गया है।
विशेष: एक वर्ष में सबसे अधिक पुस्तक प्रकाशन हेतु लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड द्वारा आपको प्रशस्ति/मान्यता मिली है| इसी प्रकार लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, मिरेकल वर्ल्ड रिकार्ड तथा इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड द्वारा आपको एवं आपकी पुत्री सिमरन को प्रथम माँ-पुत्री द्वारा प्रकाशित पुस्तक का ख़िताब दिया गया है|
संपर्क/जानकारी
http://en.wikipedia.org/wiki/Neelam_Saxena_Chandra
https://www.facebook.com/NeelamSaxenaChandra
जन्म – 03 सितम्बर 1961 को पुण्य सलिला नर्मदा के पास जबलपुर में
शिक्षा – डॉ हरिसिंह गौर वि वि सागर से 1981 में वाणिज्य से स्नातकोत्तर
परिचय – 1982 में भारतीय स्टेट बैंक में सेवारम्भ, 2011 से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेकर अखिल विश्व गायत्री परिवार में स्वयंसेवक के रूप में 2022 तक सतत कार्य।
सम्प्रति – माँ गंगा एवं हिमालय से असीम प्रेम के कारण 2011 से गंगा की गोद एवं हिमालय की छाया में शांतिकुंज आश्रम हरिद्वार में निवास। अपनी इसी रूचि के कारण लगभग पूरी गंगा की यात्रा का अवसर मिला। यहाँ आने का उद्देश्य आध्यात्मिक उपलब्धि, समाजसेवा या सिद्धि पाना नहीं वरन कुछ ‘ मन का और हट कर ‘ करना रहा। जनवरी 2022 में शांतिकुंज में अपना संकल्पित कार्यकाल पूर्ण कर गृह नगर भोपाल वापसी एवं वर्तमान में वहीं निवास।
लेखन – स्वान्तः सुखाय। मैंने स्वयं को कभी लेखक या कवि नहीं माना, बैंक में हो या समाज में, आस पास की घटनाओं , चरित्रों को पढ़ा और स्वयंस्फूर्त कलम चल गयी, बस यही है मेरी रचना। मराठी मेरी माँ है तो हिंदी लाड़ली मौसी सो दोनों में अभिव्यक्तियाँ हुई। कोई साहित्यिक उपलब्धि नहीं।
विशेष – इस संस्था के निर्मल गंगा जन अभियान में भूमिका। गंगा स्वच्छता हेतु जन जागरण हेतु गंगा तट पर 2013 से निरंतर प्रवास। इसके अतिरिक्त वृक्षारोपण, बाल संस्कार शाला आदि पर भी सहयोगी भूमिका।
रुचियाँ – यात्रा , छायाकारी , लेखन और वाचन, विशेषतः कहानी।
सकारात्मक संदेश – ईश्वर का दिया यह जीवन व्यतीत करने के लिये नहीं वरन् जीने हेतु है अतः इसे सार्थकता से जिया जाये।
पता – म नं सी 149, सी सेक्टर, शाहपुरा भोपाल मप्र 462039
संपर्क – 8755 756 163
e-mail : [email protected]
- दिल्ली स्टेट की जनरल सेक्रेटरी इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन।
- चीफ कोऑर्डिनेटर दिल्ली/एनसीआर सदस्या, नेशनल एग्जीक्यूटिव बॉडी,
- एसोसिएट एडिटर मिशन न्यूज़ टीवी.कॉम.
- कुल शोध प्रकाशन – 20
- अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में पत्र वाचन सहित सहभागिता – 15
- राष्ट्रीय सम्मेलनों में पत्रवाचन सहित सहभागिता – 18
- संपादकीय सहयोगी , हिंदुस्तानी भाषा अकादमी, दिल्ली की त्रैमासिक पत्रिका ‘हिंदुस्तानी भाषा भारती’।
- हिम् उत्तरायणी पत्रिका ,नई दिल्ली के संपादक मंडल की सदस्या ।
- बोहल शोध मंजूषा शोध पत्रिका के संपादक मंडल की सदस्य।
- साहित्यपीडिया, हिंदी
- नवप्रभात जन सेवा संस्थान, लखनऊ,दिल्ली।
- एनवायरनमेंट एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी, खजुराहो।
- विधि भारती परिषद् ,दिल्ली।
- ग्रीन केयर सोसाइटी मेरठ
- युवा शक्ति मंच झज्जर, हरियाणा
- WARS ARTIUM. — An International Research Journal of Humanities and social Sciences (Saudi Arabia)
- WAAR. — World Association of Authors and Researchers (Saudi Arabia)
- International Educationist Forum
- Powered and Promoted by Pooma Educational Trust, member of the U.N.global compact ,AUGP(NGO in USA)and UNICEF
- Society for Environmental Resources and Biotechnology Development, Agra
- माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी, उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ,पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी जी ,उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी के सामने शोध पत्र वाचन का सुअवसर प्राप्त।
- विश्व हिंदी सम्मेलन मॉरीशस अगस्त 2018 में भारत सरकार की स्मारिका में आलेख प्रकाशित.
मालती मिश्रा
जन्म : 30-10-1977
संप्रति : शिक्षण एवं स्वतंत्र लेखन
साहित्यिक नाम– ‘मयंती’
जीवन यात्रा :
मैं अपने विचारों को पब्लिकली रखना चाहती। इसमें मेरी मदद मेरे पति ने की, उन्होंने मुझे ‘अन्तर्ध्वनि’ द वॉयस ऑफ सोल’ नामक वेब साइट तथा meelumishra.Blogspot.in ब्लॉग बनाकर दिया ताकि मैं अपने विचार उस पर साझा कर सकूँ। अब मेरे विचारों को ज़मीन मिल गई थी। धीरे-धीरे मैंने काव्य रचना शुरू की। मेरे काव्य संग्रह में जब कविताओं की संख्या इतनी हो गई कि मैं उन्हें पुस्तक का रूप दे सकूँ, तब मैंने ‘उन्वान प्रकाशन’ से अपनी पुस्तक पब्लिश करवाई। अब मेरी दूसरी पुस्तक भी प्रकाशन हेतु तैयार है।
आपकी शक्ति : मेरा आत्मविश्वास और मेरे बच्चे ये दोनों ही मेरी शक्ति हैं।
आपकी कमजोरी : गलत चीजें बर्दाश्त न कर पाने के कारण मेरा शीघ्र ही क्रोधित होजाना।
आपका साहित्य :
प्रकाशित पुस्तक- ‘अंतर्ध्वनि’ (काव्य-संग्रह), ‘इंतजार’ अतीत के पन्नों से (कहानी संग्रह), तीन साझा संग्रह तथा पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन जारी।
Email : [email protected]
डॉ. गंगाप्रसाद शर्मा‘गुणशेखर’
जन्म: 01-11-1962
अभिरुचि: लेखन
संप्रति: पूर्व प्रोफेसर (हिन्दी) क्वाङ्ग्तोंग वैदेशिक अध्ययन विश्वविद्यालय
परिचय:
आपके शोध कार्य / प्रकाशन
- बीस से अधिक पुस्तकें-गज़ल, कविता और दोहा संग्रह
- आलोचना की एक पुस्तक
- भाषा और व्याकरण पर पाँच पुस्तकें और कुछ संपादित हैं (विवरण नेट पर उपलब्ध हैं)।
- आईएएस अकादमी, मसूरी में दो आधार पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाती हैं।
- क्वांग्तोंग वैदेशिक अध्ययन विश्वविद्यालय के स्नातक पाठ्यक्रम में भी रचनाएँ शामिल की गई हैं।
- इसी प्रकृति के पुजारी महा पंडित राहुल सांकृत्यायन और उनकी यायावरी भी आपको बहुत पसंद हैं। किशोरावस्था में पढ़ा गया उनका यह प्रिय शेर –
सैर कर दुनिया की गाफिल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो नौजवानी फिर कहाँ ।
अवस्था ढलने के बावजूद भुलाए नहीं भूलता। यही शेर अब भी शिथिल होते पैरों में रवानी भर देता है।
मोबाइल: 8000691717/00862036204385
ईमेल: [email protected]
डॉ. भावना शुक्ल
जन्म: 3-दिसम्बर -1967
शिक्षा: एम.ए., एम.फिल.,पी.एच.डी., बी.एड.=
सम्प्रति: सहायक प्राध्यापक
पुस्तक प्रकाशन
- पेड़ बनकर सोचो (काव्य संग्रह) ,पाथेय प्रकाशन जबलपुर (म.प्र.) ISBN-978-93-5156-007-4
- हिन्दी गीति काव्य धारा को महकौशल का प्रदेय – पाथेय प्रकाशन जबलपुर (म.प्र.)ISBN-978-93-83598-00-7
- वन्दे शक्ति स्वरूपा – (सम्पादित पुस्तक) –साहित्य संचय प्रकाशन दिल्ली ISBN-978-93-82597-39-1
- जय जननी (काव्य संग्रह) , उद्योग नगर प्रकाशन गाजियाबाद. ISBN- 978-93-85146-39-8
- साहित्य ,समाज और स्त्री लेखन- (आलेखों का संग्रह)- जुली प्रकाशन दिल्ली
- सेठ गोविन्द दास के एतिहासिक नाटकों का वस्तुगत अध्ययन – पाथेय प्रकाशन जबलपुर (म.प्र.)
- हिंदी के पुरोधा कवि : (सम्पादित )
- साहित्य साधक और साहित्य दृष्टि ..भावना प्रकाशन
- सोच के दायरे..भावना प्रकाशन
- शब्द पुरुषों से साक्षात् : प्रकाशनाधीन
शोधपत्रों का ISSN मानक तथा देश विदेश की पत्रिकाओ में प्रकाशन
अनेक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारो / संगोष्ठीयों में भागीदारी एवं प्रपत्रों का वाचन
अन्य प्रकाशन – प्रसारण
- आकाशवाणी केन्द्र जबलपुर, मुम्बई और दिल्ली से कविता, कहानी और वार्ताओ का प्रसारण.
- रूपक का प्रसारण –स्वामी दयानंद सरस्वती (टोडापुर आकाशवाणी –नई दिल्ली)
- देश की सैकड़ो पत्र- पत्रिकाओ में सैंकड़ो कविता, कहानी और आलेखों का निरंतर प्रकाशन. विदेशों में लन्दन, जापान और कनाडा से प्रकाशित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओ और वेब पत्रिकाओ में भी रचनाओ का प्रकाशन- प्रसारण.
- ISSN मानक पत्रिकाओं में विभिन्न साहित्यकारों एवं विशिष्ट व्यक्तियों के अब तक 40 साक्षात्कार प्रकाशित।
संपादन / प्रतिनिधि
- ISSN मानक पत्रिका “ प्राची” (मासिक) में सहायक संपादक
- ISSN मानक पत्रिका “ शब्द गरिमा ” (त्रैमासिक) प्रधान संपादक
- हिन्दी लेखनी डॉट कॉम ई पत्रिका में परामर्श मंडल में शामिल और अतिथि संपादन.
- “सुगंध” कैफोर्निया से प्रकाशित पत्रिका की सहायक संपादक भारत की ओर से।
शैक्षणिक उपलब्धियां एवं साहित्यिक सम्मान
- विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर द्वारा “विद्यासागर” की मानद सम्मानोपाधि
- साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगम परियावां द्वारा- “विद्यावारिधि” की मानद सम्मानोपाधि
- पद्मभूषण पं. कुंजीलाल दुबे स्मृति जबलपुर द्वारा सम्मान-
- पाथेय संस्था जबलपुर द्वारा सृजन श्री अलंकरण.
- अखिल भारतीय कवियित्री सम्मलेन के जबलपुर अधिवेशन में सम्मान.
- त्रिवेणी साहित्य परिषद जबलपुर द्वारा सम्मान.
- पाथेय संस्था जबलपुर द्वारा सम्मान सुमन अलंकरण.
- महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान 2014 यू.एस.एम.पत्रिका अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मलेन गाजियाबाद द्वारा
- साहित्यिक संस्था “कादम्बरी” जबलपुर द्वारा “स्व. मुनव्वर खां सम्मान”
- श्री गोविन्द हिंदी साहित्य सेवा समिति मुरादाबाद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मान” हिंदी काव्य रत्न “
- साहित्यांचल सृजन सम्मान 2017 –भीलवाडा राजस्थान
- परिचय साहित्य परिषद् द्वारा राशियन सेंटर में –सत्य सृजन सम्मान 2017
- सुभद्रा कुमारी चौहान स्मृति सम्मान 2017 यू.एस.एम.पत्रिका अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मलेन गाजियाबाद द्वारा
- वैश्विक साहित्य परिषद मुम्बई द्वारा साहित्य सिंधु सम्मान।
आदि अनेक सम्मान से सम्मानित।
सम्पर्क: डब्ल्यू जेड/21 हरिसिंह पार्क, मुल्तान नगर नई दिल्ली 110056
ईमेल: [email protected]
मोबाइल: 09278720311
श्री असीम कुमार दुबे
जन्म : 30/09/1962
रंगकर्म के क्षेत्र में उपलब्धियां :
विगत ३४ वर्षों से रंगकर्म के क्षेत्र में सतत सक्रिय। अब तक 50 से अधिक नाटकों में अभिनय एवं 25 से अधिक नाटकों का निर्देशन। देश के ख्यातिनाम निर्देशकों स्व. श्री हबीब तनवीर (आगरा बाज़ार के दूरदर्शन केंद्र से प्रसारित संस्करण में अभिनय), स्व. प्रभात गांगुली, श्री बंसी कौल जी, श्री एम. के. रैना जी, श्री प्रशांत खिरवडकर , स्व. सुश्री विभा मिश्रा, श्री जयंत देशमुख, श्री अशोक बुलानी आदि के निर्देशन में अभिनय।
प्रमुख नाटक: आगरा बाज़ार, सैंया भैये कोतवाल, महाभोज, एक रुका हुआ फैसला, एक कंठ विषपायी, जिस्म ढूँढ़ते साये, अंजी, देहान्तर, अरे शरीफ लोग, बाजे ढिंडोरा, शुर्तुर्मुर्ग, बेगम का तकिया, कोर्ट मार्शल आदि
निर्देशित नाटक: अंजी, बाजे ढिंडोरा, अरे शरीफ लोग, कालचक्र, शुतुरमुर्ग, कोर्ट मार्शल, संक्रमण, नौकर, एक विचित्र प्रेम कथा, पराया धन, देहान्तर, हनीमून, प्रगति पर उतारू देश … आदि . स्टेट बैंक नाट्य समारोहों में ५ बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के पुरुस्कार से सम्मानित।
फिल्म एवं दूरदर्शन : अब तक ६ फीचर फिल्मों ( हजारों ख्वाहिशें ऐसी, सत्याग्रह, पाईड पाइपर, लिपस्टिक अंडर माय बुरखा,चक्की एवं ट्रक ड्राईवर में अभिनय)।
दिल्ली एवं भोपाल दूरदर्शन के २० से अधिक टेलीफिल्मों एवं सीरियल में अभिनय।
सम्प्रति : भारतीय स्टेट बैंक भोपाल में प्रबंधक (प्रणाली) के पड़ पर कार्यरत
संपर्क: 127-बी, डी के -5, दानिश कुंज (विराशा हाइट्स के पास), कोलार रोड, भोपाल
मोबाइल: 9425602316
साहित्यिक उपनाम: सोनीललित, विदेह, प्रकृति नवरंग।
जन्मस्थान: बिहार
जन्मतिथि: 16 मार्च 1976
मोबाइल: 9868429241
ईमेल: [email protected]
शिक्षा: स्नातक, राजधानी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय
सम्प्रति: हिंदी संपादक (प्राइवेट पब्लिकेशन)
विधाएं: कविता, लघुकथा, संस्मरण, व्यंग्य।
प्रकाशित पुस्तकें: वर्जिन (काव्य संग्रह), एक दिन सभी स्त्रियाँ नग्न हो जाएंगी (काव्य संग्रह), राम कटघरे में (लघुकथा संग्रह), दिविक रमेश जी के साथ डिजिटल मुलाकात (संस्मरण), कुसामाजिक साहित्यकारा बाबुषा कोहली के साथ डिजिटल मुलाकात (संस्मरण)।
डॉ. दिवाकर पोखरियाल
डॉ. दिवाकर पोखरियाल एक लेखक है जिनका लक्ष्य लिखते जाना है | दिवाकर एनर्जी में पी.एच.डी, पोस्ट ग्रेजुएशन और इंजिनियरिंग कर चुके है | सोलह पुस्तके अभी तक इनकी प्रकाशित हो चुकी है, जिसमें 1 हिन्दी उपन्यास, 1 अँग्रेज़ी लघु कथा संग्रह और 14 काव्य संग्रह है| इनकी कवितायें विभिन्न वेबसाइट्स, मैंगजींस और अनेक काव्य संग्रहो में भी उपलब्ध है | दिवाकर का नाम ‘लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड्स – 2017’ में दर्ज है| दिवाकर ‘आगमन युवा प्रतिभा सम्मान – 2015’ से नवाज़े गये है और एक अनोखे काव्य संकलन में भाग लेने की वजह से ‘लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड्स – 2014’ में भी इनका नाम दर्ज है | यह ‘पोएसिस अवॉर्ड फॉर एक्सलेन्स इन लिटरेचर – 2014 एवं 2017’ से भी नवाज़े गये है | इनके इंटरव्यू अनेक वेबसाइट्स में पढ़े जा सकते है| संगीत में भी अपनी रूचि रखने वाले दिवाकर, गिटार बजाने का और गीत लिखने का शौक रखते है | इनके गीत यू ट्यूब चैनेल में उपलब्ध है |
ई-मेल – [email protected]
वेबसाइट – http://diwakarpokhriyal.com/
फ़ेसबुक पेज – https://www.facebook.com/diwakar.pokhriyal.1
सुश्री ऋतु गुप्ता
जन्म – 4 जून 1972
निवास – फरीदाबाद
शिक्षा – अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर एवं बी एड
परिचय – 15 वर्ष की आयु से लिखना शुरू किया जो अभी तक जारी है।अंतर्मुखी होने की वजह से शुरूआत डायरी लेखन से हुई। मुंशी प्रेमचंद जी व निराला जी मेरे आदर्श रहे हैं। मेरे लेख ,कहानी व कविताएँ विभिन्न समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में छपते रहे हैं। दैनिक ट्रिब्यून में जनसंसद में मुझे लेख लेखन के लिए कई बार प्रथम पुरस्कार मिला है।
प्रकाशन – काव्य संग्रह “आईना” दो किताबें प्रकाशन के लिए तैयार हैं।
ईमेल – ritugupta [email protected]
डॉ. कुन्दन सिंह परिहार
जन्म- मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम अलीपुरा में वर्ष 1939 में।
शिक्षा- एम.ए.(अंग्रेजी साहित्य), एम.ए.(अर्थशास्त्र), पी.एच.डी, एल. एल.बी.।चालीस वर्ष तक महाविद्यालयीन अध्यापन के बाद 2001 में जबलपुर के गोविन्दराम सेकसरिया अर्थ-वाणिज्य महाविद्यालय के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त।
साहित्य- पिछले पाँच दशक से निरन्तर कहानी और व्यंग्य लेखन। 200 से अधिक कहानियां और इतने ही व्यंग्य पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।अब तक पाँच कथा-संग्रह (तीसरा बेटा, हासिल, वह दुनिया, शहर में आदमी और काँटा ) तथा दो व्यंग्य-संग्रह प्रकाशित।
सम्मान- 1994 में म.प्र. हिन्दी साहित्य सम्मेलन का वागीश्वरी पुरस्कार,2004 में राजस्थान पत्रिका का सृजनशीलता सम्मान।
संपर्क- 59,नव आदर्श कालोनी, गढ़ा रोड, जबलपुर–482002 (म.प्र)
मोबाइल- 9926660392, 7999694788
Dr. Sandeep Jatwa
Indian Author: Dr. Sandeep Jatwa was born in Ujjain and grew up in Dewas, in the state of Madhya Pradesh in India. He is married and still lives in Madhya Pradesh today.
Having attained an M.B.B.S. from MGM Medical College, Indore, Sandeep went on to secure a job in medicine and had been worked at the Government Hospital Sarangpur District Rajgarh for 3 years.
He has an amazing imagination and spends much of his free time dreaming up stories. He has been writing since 2006 and has completed two novels. The first has yet to be published, but his second one, which he self-published and is entitled Second Chance, is an exciting and moralistic tale of how one man comes to realise the error of his greed.
In his free time, Sandeep likes to relax and spend time with his family and friends. He is also a food lover and enjoys trying new and exciting dishes.
Sandeep’s most urgent wish is to be able to educate children who work in the street and have little opportunity to make something good from their lives. He believes that everyone’s childhood should be awesome, and not a struggle.
सुश्री स्वप्ना अमृतकर
आत्मकथ्य: लिखाणाच्या शैलीत, शब्दसुमनांच्या वेलीत, विचारांच्या स्वरचित, मनाच्या काल्पनिक, माझा प्रवास सुरु आहे.
शिक्षण : एम बी ए – एच आर
कार्यरत : सॉफ्टवेअर कंपनी
आवड : साहित्यिक लिखाणांत कविता, चारोळी, गजल, लेख, कथा लिखाण, प्राचीन आणि नव नव्या गोष्टी, तंत्रज्ञान समजुन त्यावर स्वरचित विचारमांडणी करणे.
विशेष : पालकांकडुन लाभलेल्या स्वच्छ विचारसरणी आणि लिखाणाची कला शैली जोपासता यावी हाच प्रयत्न ..
Top
Mrs. Jyoti Hasabnis
Education: B.Com. (Pune University), LLB (Nagpur University)
Worked in a CA firm for 30 years.
Articles are being published in Sakal (Marathi) Nagpur Edition.
सुश्री निशा नंदिनी
जन्म – 13 सितंबर 1962
स्थान – तिनसुकिया, असम
पति – श्री लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता
शिक्षा – एम.ए – (हिन्दी, समाजशास्त्र ,दर्शनशास्त्र) ( बी.एड ) सभी प्रथम श्रेणी में ।
रूचि- कक्षा आठवीं में पहली रचना लिखी थी।तब से लेखनी अनवरत चल रही है। इसके साथ ही नाटक,आलेखन कला,चित्र कला तथा हस्तशिल्प में रूचि।
शिक्षण कार्य- 30 वर्षों तक तिनसुकिया कॉलेज और वीमेंस कॉलेज में, विवेकानंद केंद्र विद्यालय, तिनसुकिया, असम
लेखन- लगभग 35 वर्षों से तथा वर्तमान में काउंसलर हैं
सभी विधाओं में प्रकाशित पुस्तकें- 25
काव्य संग्रह – “भाव गुल्म” “शब्दों का आईना” “आगाज” “जुनून” “कोरा कागज़” “बोलती दीवारें” “दिल की जुबां से” “तार पर टंगी बूँदें” “दो आँसू एक रूप” “क्षितिज की रेखा” “सीप के मोती”, “तमसो मा ज्योतिर्गममय”
निबंध संग्रह- “कन्यादान किसका और क्यों” “जादू सकारात्मक सोच का”, “अहं ब्रह्म अस्मि”
जीवनी संग्रह – “जिज्ञासा”
कथा साहित्य- “एक थी रतना” “अस्तित्व”
बाल साहित्य – “जादूगरनी हलकारा” “जादुई शीशमहल” “शिशु गीत” “पैसों का पेड़”
संपादन- “मुक्त हृदय” (बाल काव्य संग्रह )
विशेष- 2017 में संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय, अमरावती के (बी. कॉम. प्रथम वर्ष ) अनिवार्य हिन्दी के लिए स्वीकृत पाठ्यपुस्तक “गुंजन” में “प्रयत्न” कविता संकलित की गई है। “शिशु गीत” पुस्तक का (तिनसुकिया असम) के विभिन्न विद्यालयों में पठन-पाठन हो रहा है।
सम्मान-
1)2015 मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से माननीय शिक्षा मंत्री स्मृति इरानी जी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन प्रमाण पत्र ।
2)2015 कवि हम तुम साहित्य संस्था द्वारा साहित्यकार सम्मान
3)10 से 16 दिसंबर 2016 वैश्विक साहित्यिक व सांस्कृतिक महोत्सव इंडोनेशिया और मलेशिया में साहित्य वैभव सम्मान
4)जे.एम.डी प्रकाशन दिल्ली द्वारा “काव्य अमृत” सम्मान
5)5 से 7 मई 2017 इलाहाबाद में राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला में शोध पत्र प्रस्तुत किया ।जिसके लिए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
6)2 से 7 जून 2017 थाईलैंड के क्राबी महोत्सव में साहित्य वैभव अवार्ड से सम्मानित ।
7) 29 जनवरी 2017 जे.सी. आई क्लब तिनसुकिया द्वारा शिक्षक सम्मान ।
8)24-सितंबर 2017 अग्रसेन जयंती के अवसर पर साहित्यकार सम्मान ।
9) 5 सितंबर 2017 लॉयंस क्लब तिनसुकिया द्वारा शिक्षक दिवस पर सम्मान ।
10) 23 दिसंबर 2017 हिन्दी साहित्य सम्मेलन की रजत जयंती के अवसर पर तेजपुर, असम में साहित्यकार सम्मान।
11) 16 जनवरी 2018 भारत सरकार आकाशवाणी की ओर से इंदौर में आयोजित सर्वभाषा कवि सम्मेलन में भाग लिया। यह कवि सम्मेलन “वल्ड बुक रिकार्ड” में दर्ज किया गया है ।
12) 1अप्रैल 2018 को पुष्पवाटिका पत्रिका परिवार की ओर से”सारस्वत सम्मान”प्राप्त हुआ।
13) 28 मई 2018 को जर्मनी के म्यूनिख शहर में राष्ट्र भाषा के प्रचार प्रसार के लिए युवा साहित्यकारों के साथ इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल की तरफ से एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।
14) 5 जून 2018 राष्ट्रीय नागरी एंव पर्यावरण संस्था द्वारा दिल्ली में सम्मानित
15) 10 जून 2018 विलक्षण संस्था द्वारा हरियाणा में राष्ट्रीय स्तर पर “विलक्षण समाज सारथी”सम्मान
16) 12 अगस्त 2018 को नेपाल-भारत साहित्य महोत्सव में बीरगंज नेपाल में “मुख्य मंत्री मो. लालबाबु राउत गद्दी” द्वारा “नेपाल-भारत अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मान”
पद भार-
1- इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल न्यास की मार्गदर्शक
2-शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की कार्यकर्ता
3- 1992 से विवेकानंद केंद्र की कार्यकर्ता
प्रसारण – रामपुर उत्तरप्रदेश,डिब्रुगढ़ असम व दिल्ली आकाशवाणी व दूरदर्शन से परिचर्चा,वार्तालाप,कवि गोष्ठी,नाटक आदि का प्रसारण।
प्रकाशित- देश भर की प्रसिद्ध विभिन्न समाचार पत्र व पत्रिकाओं में लेख कविता,कहानी,व जीवनियाँ प्रकाशित ।
उद्देश्य- सकारात्मक सोच द्वारा देश की सेवा करना ही जीवन का उद्देश्य है ।
संपर्क – निशा नंदिनी गुप्ता, पति श्री एल.पी गुप्ता, आर.के.विला, बाँसबाड़ी, हिजीगुड़ी, गली- ज्ञानपीठ स्कूल, तिनसुकिया, असम – 786192 मोबाइल- 9435533394, 9954367780 ई-मेल आईडी [email protected]
डॉ. हनीफ
संप्रति : प्राध्यापक (अंग्रेजी विभाग) स प महिला कॉलेज, दुमका, झारखण्ड
आपके प्रकाशन :
- पत्थर के दो दिल:उपन्यास
- कुछ भूली बिसरी यादें :कहानी संग्रह
- वेयर यू :एंथोलॉजी
- अरुण कोलेटकर्स जेजुरी ए क्रिटिकल स्टडी
- सेलेक्टेड पोयम्स
- द गोल्डेन पोएट्री सेक्शन
- और इस तरह एक दिन :कविता संग्रह
- दर्द कहूँ या पीड़ा :कहानी संग्रह अन्य दो प्रकाशन में ।
आपका समाज को सकारात्मक संदेश : मानवता आधुनिक भगवान है, जो जाति, धर्म, वर्ण, वर्ग और समुदाय से भिन्न है। जो कोई भी इंसान इंसानियत पर भरोसा करके अथवा अपनाकर आगे बढ़ना चाहे, आगे बढ़ते चले गए। जिस किसी भी इंसान के अंदर इंसानियत नहीं है,वह मांस का लोथड़ा मात्र है। इंसान गलती करे तो इंसान है, लगातार गलती करता रहे तो पाषाण है, गलती का एहसास करे तो महान है।
संजीव वर्मा ‘सलिल’
जन्म: २०-८-१९५२, मंडला मध्य प्रदेश।
माता-पिता: स्व. शांति देवी – स्व. राज बहादुर वर्मा।
प्रेरणास्रोत: बुआश्री महीयसी महादेवी वर्मा।
शिक्षा: त्रिवर्षीय डिप्लोमा सिविल अभियांत्रिकी, बी.ई., एम. आई. ई., विशारद, एम. ए. (अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र), एलएल. बी., डिप्लोमा पत्रकारिता, डी. सी. ए.।
संप्रति: पूर्व कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग म. प्र., अधिवक्ता म. प्र. उच्च न्यायालय, अध्यक्ष अभियान जबलपुर, पूर्व वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष / महामंत्री राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद, पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, संरक्षक राजकुमारी बाई बाल निकेतन, संयोजक विश्ववाणी हिंदी परिषद, संयोजक समन्वय संस्था प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय भोपाल।
प्रकाशित कृतियाँ: १. कलम के देव (भक्ति गीत संग्रह १९९७), २. भूकंप के साथ जीना सीखें (जनोपयोगी तकनीकी १९९७), ३. लोकतंत्र का मक़बरा (कविताएँ २००१) विमोचन शायरे आज़म कृष्णबिहारी ‘नूर’, ४. मीत मेरे (कविताएँ २००२) विमोचन आचार्य विष्णुकांत शास्त्री तत्कालीन राज्यपाल उत्तर प्रदेश, ५. काल है संक्रांति का नवगीत संग्रह २०१६ विमोचन प्रवीण सक्सेना, लोकार्पण ज़हीर कुरैशी-योगराज प्रभाकर, ६. कुरुक्षेत्र गाथा प्रबंध काव्य २०१६ विमोचन रामकृष्ण कुसुमारिया मंत्री म. प्र. शासन।
संपादन: (क) कृतियाँ: १. निर्माण के नूपुर (अभियंता कवियों का संकलन १९८३),२. नींव के पत्थर (अभियंता कवियों का संकलन १९८५), ३. राम नाम सुखदाई १९९९ तथा २००९, ४. तिनका-तिनका नीड़ २०००, ५. सौरभः (संस्कृत श्लोकों का दोहानुवाद) २००३, ६. ऑफ़ एंड ओन (अंग्रेजी ग़ज़ल संग्रह) २००१, ७. यदा-कदा (ऑफ़ एंड ओं का हिंदी काव्यानुवाद) २००४, ८. द्वार खड़े इतिहास के २००६, ९. समयजयी साहित्यशिल्पी प्रो. भागवतप्रसाद मिश्र ‘नियाज़’ (विवेचना) २००६, १०-११. काव्य मंदाकिनी २००८ व २०१०।
(ख) स्मारिकाएँ: १. शिल्पांजलि १९८३, २. लेखनी १९८४, ३. इंजीनियर्स टाइम्स १९८४, ४. शिल्पा १९८६, ५. लेखनी-२ १९८९, ६. संकल्प १९९४,७. दिव्याशीष १९९६, ८. शाकाहार की खोज १९९९, ९. वास्तुदीप २००२ (विमोचन स्व. कुप. सी. सुदर्शन सरसंघ चालक तथा भाई महावीर राज्यपाल मध्य प्रदेश), १०. इंडियन जिओलॉजिकल सोसाइटी सम्मेलन २००४, ११. दूरभाषिका लोक निर्माण विभाग २००६, (विमोचन श्री नागेन्द्र सिंह तत्कालीन मंत्री लोक निर्माण विभाग म. प्र.) १२. निर्माण दूरभाषिका २००७, १३. विनायक दर्शन २००७, १४. मार्ग (IGS) २००९, १५. भवनांजलि (२०१३), १६. अभियंता बंधु (IEI) २०१३।
(ग) पत्रिकाएँ: १. चित्राशीष १९८० से १९९४, २. एम.पी. सबॉर्डिनेट इंजीनियर्स मंथली जर्नल १९८२ – १९८७, ३. यांत्रिकी समय १९८९-१९९०, ४. इंजीनियर्स टाइम्स १९९६-१९९८, ५. एफोड मंथली जर्नल १९८८-९०, ६. नर्मदा साहित्यिक पत्रिका २००२-२००४।
(घ). भूमिका लेखन: ३६ पुस्तकें।
(च). तकनीकी लेख: १५।
मौलिक कृतियाँ:
जंगल में जनतंत्र, कुत्ते बेहतर हैं ( लघुकथाएँ), आँख के तारे (बाल गीत), दर्पण मत तोड़ो (गीत), आशा पर आकाश (मुक्तक), पुष्पा जीवन बाग़ (हाइकु), काव्य किरण (कवितायें), जनक सुषमा (जनक छंद), मौसम ख़राब है (गीतिका), गले मिले दोहा-यमक (दोहा), दोहा-दोहा श्लेष (दोहा), मूं मत मोड़ो (बुंदेली), जनवाणी हिंदी नमन (खड़ी बोली, बुंदेली, अवधी, भोजपुरी, निमाड़ी, मालवी, छत्तीसगढ़ी, राजस्थानी, सिरायकी रचनाएँ), छंद कोश, अलंकार कोश, मुहावरा कोश, दोहा गाथा सनातन, छंद बहर का मूल है, तकनीकी शब्दार्थ सलिला।
अनुवाद:
(अ) ७ संस्कृत-हिंदी काव्यानुवाद: नर्मदा स्तुति (५ नर्मदाष्टक, नर्मदा कवच आदि), शिव-साधना (शिव तांडव स्तोत्र, शिव महिम्न स्तोत्र, द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र आदि),रक्षक हैं श्री राम (रामरक्षा स्तोत्र), गजेन्द्र प्रणाम ( गजेन्द्र स्तोत्र), नृसिंह वंदना (नृसिंह स्तोत्र, कवच, गायत्री, आर्तनादाष्टक आदि), महालक्ष्मी स्तोत्र (श्री महालक्ष्यमष्टक स्तोत्र), विदुर नीति।
(आ) पूनम लाया दिव्य गृह (रोमानियन खंडकाव्य ल्यूसिआ फेरूल)।
(इ) सत्य सूक्त (दोहानुवाद)।
रचनायें प्रकाशित: मुक्तक मंजरी (४० मुक्तक), कन्टेम्परेरी हिंदी पोएट्री (८ रचनाएँ परिचय), ७५ गद्य-पद्य संकलन, लगभग ४०० पत्रिकाएँ। मेकलसुता पत्रिका में २ वर्ष तक लेखमाला ‘दोहा गाथा सनातन’ प्रकाशित, पत्रिका शिकार वार्ता में भूकंप पर आमुख कथा।
परिचय प्रकाशित ७ कोश।
अंतरजाल पर- १९९८ से सक्रिय, हिन्द युग्म पर छंद-शिक्षण २ वर्ष तक, साहित्य शिल्पी पर ‘काव्य का रचनाशास्त्र’ ८० अलंकारों पर लेखमाला, छंदों पर लेखमाला जारी ८० छंद हो चुके हैं।
सम्मान- १० राज्यों (मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरयाणा, दिल्ली, गुजरात, छत्तीसगढ़, असम, बंगाल) की विविध संस्थाओं द्वारा शताधिक सम्मान तथा अलंकरण। प्रमुख सरस्वती रत्न, संपादक रत्न, विज्ञान रत्न, २० वीं शताब्दी रत्न, आचार्य, वाग्विदाम्बर, साहित्य वारिधि, साहित्य शिरोमणि, वास्तु गौरव, मानस हंस, साहित्य गौरव, साहित्य श्री(३), काव्य श्री, भाषा भूषण, कायस्थ कीर्तिध्वज, चित्रांश गौरव, कायस्थ भूषण, हरि ठाकुर स्मृति सम्मान, सारस्वत साहित्य सम्मान, कविगुरु रवीन्द्रनाथ सारस्वत सम्मान, युगपुरुष विवेकानंद पत्रकार रत्न सम्मान, साहित्य शिरोमणि सारस्वत सम्मान, भारत गौरव सारस्वत सम्मान, कामता प्रसाद गुरु वर्तिका अलंकरण, उत्कृष्टता प्रमाणपत्र, सर्टिफिकेट ऑफ़ मेरिट, लोक साहित्य अलंकरण गुंजन कला सदन जबलपुर २०१७, राजा धामदेव अलंकरण २०१७ गहमर, युग सुरभि २०१७, आदि।
संपर्क: विश्व वाणी हिंदी संस्थान, ४०१ विजय अपार्टमेंट, नेपिअर टाउन, जबलपुर ४८२००१। [email protected], ९४२५१८३२४४, ७९९९५५९६१८। www.divyanarmada.in
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डॉ. उमेश चन्द्र शुक्ल
जन्म: 05/03/1967
संप्रति : अध्यक्ष (हिन्दी-विभाग), महर्षि दयानंद कॉलेज, परेल मुंबई मुंबई – 400012
शिक्षा : एम.ए., पी.एच.डी., काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ,वाराणसी
पुस्तक प्रकाशन:
1.जैनेन्द्र व्यक्तित्व और कृतित्व, अनंग प्रकाशन दिल्ली, 2013
2. आदमी की बात (गजल मंग्रह) सत्य प्रकाशन, दिल्ली, 2012
3. गौरैया की फुदकन (काव्य मग्रह) उत्कर्ष प्रकाशन,मुबई, 2005
4. हिन्दी व्याकरण (रस -छंद अलंकार सहित) वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली 2002
पुस्तक प्रकाशनाधीनः 1. हिन्दी कथा साहित्य (आलोचना) 2. हिन्दी कविता की जमीन (आलोचना) 3. जनसंचार माध्यम एवं सूचना का अधिकार 4. माटी की आवाज (गजल संग्रह) 5 रामायण से पहले (नाटक) 6 . त्याज्य (खण्डकाव्य)
पुस्तक सम्पादन :1 सुधाकर मिश्र अभिनंदन ग्रन्थ अनिमेष प्रकाशन, मुंबई , 2014
शोध कार्य : 1. जैनेन्द्र व्यक्तित्व और कृतित्व ( पी. एच. डी.) 1993 2. हिन्दी कथा साहित्य में विमर्श (वृहद शोध परियोजना UGC
उप सम्पादक: 1. कविताम्बरी वाराणसी 2. मानव निर्माण, मुंबई
सलाहकार सदस्य: प्रिंटिंग एरिया इंटरनेशनल मल्टी लिङ्ग्वल रिसर्च जर्नल
पदाधिकारी: 1. महासचिव हिन्दी प्रचार एवं शोध मुंबई 2. कोषाध्यक्ष: राज्य हिन्दी साहित्य सम्मेलन , मुंबई
सम्मान विशिष्ठ: हिन्दी शिक्षक सम्मान 2014, हिन्दी प्रचार एवं शोध संम्था मुंबई
सम्पर्क: 103 ओशियन व्यू आर एन पी पार्क,भायंदर (पूर्व ) ठाणे . 401105 मो. : 093245540 08
ग्राम एवं पोस्ट: बेहढ़ा, परगना – केराकत, जनपद: जौनपुर (उ. प्र.)
ईमेल: [email protected]
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प्रोफेसर चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
वरिष्ठ साहित्यकार, कवि, अर्थशास्त्री एवं शिक्षाविद्
जन्म: 23 मार्च 1927 मंडला (मप्र)
शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी), एम.ए. (अर्थशास्त्र), एम.एड.,साहित्य रत्न,
सेवा:
- शासकीय शिक्षण महाविद्यालय जबलपुर से सेवानिवृत प्राध्यापक
- केंद्रीय विद्यालय जबलपुर क्र-1 एवं जूनियर कॉलेज सरायपाली के संस्थापक प्राचार्य
सृजन की विधाएं: कविता, अनुवाद, शैक्षिक और बाल साहित्य, चिंतन, ललित लेख।
प्रकाशित पुस्तकें: २५ से अधिक किताबें
काव्य कृतियाँ :वतन को नमन , अनुगुंजन, मुक्तक संग्रह, स्वयं प्रभा, अंतर्ध्वनि (गीत संग्रह), ईशाराधन
अनुवाद: भगवत गीता हिन्दी पद्यानुवाद, मेघदूतम् हिन्दी पद्यानुवाद, रघुवंशम पद्यानुवाद ।
निबंध संग्रह: उद्गम, सदाबहार गुलाब, गर्जना, युगध्वनि, जय जवान जय किसान, मानस के मोती
शैक्षिक साहित्य: समाजोपयोगी उत्पादक कार्य, शिक्षण में नवाचार,
बाल साहित्य: बालगीतिका, बाल कौमुदी, सुमन साधिका, चारु चंद्रिका बाल गीत संग्रह (4 भागों में शिशु गीत से किशोर गीत तक ), आदर्श भाषण कला, नैतिक कथायें, जन सेवा, अंधा और लंगड़ा, कर्मभूमि के लिये बलिदान
आपकी ई-बुक्स डेली हंट एप पर भी उपलब्ध हैं।
संपादन: अर्चना, पयस्वनी, उन्मेष, वातास पत्रिकायें ।
ब्लाग : http://pitashrikirachnaye.blogspot.com
संस्कृत का मजा हिन्दी में ….. http://vikasprakashan.blogspot.com
फेसबुक पेज: http://www.facebook.com/profcbshrivastava`
प्रकाशन :
- सन 1946 में सरस्वती पत्रिका में पहली रचना प्रकाशित, तब से निरंतर पत्र पत्रिकाओ में कविताये, बाल रचनायें,लेख आदि प्रकाशित हो रहे हैं ।
- वर्तमान में देशबंधु जबलपुर सहित, दशहरा रायपुर, त्रिपुरी टाईम् आदि अखबारो व पत्रिकाओ में आपके द्वारा किए गए भगवत गीता व रघुवंश के पद्यानुवादों का धारावाहिक प्रकाशन हो रहा है।
प्रसारण:
आकाशवाणी, दूरदर्शन से रचनाओं, वार्ताओं और चिंतन आलेखों का नियमित प्रसारण।
मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, अभियान, नेहरू युवा संगठन उर्दू अकादमी मध्य प्रदेश शासन, वर्तिका, पाथेय सहित अनेकों साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्थायें आपको एवं आपकी पुस्तको को समय-समय पर पुरस्कृत कर स्वयं गौरवांवित हुई हैं.
शिक्षा जगत में विशेष कार्य:
- आप केंद्रीय विद्यालय जबलपुर तथा जूनियर कालेज सरायपाली के संस्थापक प्राचार्य हैं.
- सरस्वती शिक्षा मंदिर मण्डला के आचार्यो को उनके बाल मनोविज्ञान तथा शैक्षिक प्रशिक्षण के परिणाम स्वरूप शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम मिले
- प्रांतीय शिक्षण महाविद्यालय जबलपुर तथा राज्य शिक्षा संस्थान भोपाल में आपने माईक्रो टीचिंग पर शोधात्मक किताबें लिखी।
- पाठ्यक्रम निर्माण, औपचारिकेतर शिक्षण, पढ़ो कमाओ, माइक्रो टीचींग, सतत शिक्षा, शैक्षिक प्रौद्योगिकी, जनसंख्या शिक्षा, पर्यावरण सुधार, शिक्षा में गुणात्मक सुधार, शालेय पर्यवेक्षण, आदि विषयो पर आपके कई शोध आलेख प्रकाशित हुये हैं। तथा आपने इन विषयों पर नीतिगत व मैदानी निर्णायक योगदान दिया है।
- नेहरू युवा केद्र संगठन में अपनी रचनाधर्मिता से उन्होने युवाओ के लिये आव्हान गीतो तथा प्रेरक उद्बोधनो के माध्यम से योगदान दिया व सम्मानित हुए।
- विश्व हिन्दी सम्मेलन भोपाल में सहभागिता.
सामाजिक अनुकरणीय कार्य:
- नारी शिक्षा को बढ़ावा।
- विवेकान्द शिला स्मारक कन्याकुमारी तथा यू एन ओ भवन दिल्ली के निर्माण के लिये आपने धन संग्रह किया तथा व्यक्तिगत रूप से बड़ी राशि दान स्वरूप दी।
- मण्डला में रेड क्रास समिति की स्थापना आपके ही प्रयासो से हुई।
- आपने मण्डला में अनेक युवाओ हेतु आत्मनिर्भर रोजगार के नये अवसर दिये।
- आप कामनवैल्थ काउंसिल फार एजूकेशनल एडमिनिस्ट्रेशन के सदस्य हैं।
- आप आल इण्डिया फेडरेशन आफ एजूकेशनल एशोसियेशन्स के महाविद्यालयीन विभाग के वे सचिव रहे हैं।
- भारत चीन युद्ध, कारगिल युद्ध, लातूर के भूकम्प, उत्तरांचल आपदा आदि अवसरो पर प्रधान मंत्री सहायता कोष में आपने बड़ी राशि स्वतः प्रेरणा से बैंक जाकर दान दी है
- आपने हजारो किताबें विभिन्न शालाओ व पुस्तकालयो में दान स्वरूप दी हैं जिससे पठन पाठन की संस्कृति को बढ़ावा मिले।
स्थायी पता : विवेक सदन नर्मदा गंज , मण्डला म.प्र. ४८१६६१
वर्तमान पता : बंगला नम्बर बंगला नम्बर A 233, ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी, भोपाल (म. प्र.) पिन-462023
मोबाइल : ७०००३७५७९८
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विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
जन्म : २८.०७.१९५९, मंडला म.प्र.
शिक्षा: सिविल इंजी. में स्नातक, फाउंडेशन इंजीनियरिंग में भोपाल से स्नातकोत्तर उपाधि, इग्नउ से मैनेजमेंट मे डिप्लोमा, सर्टीफाइड इनर्जी मैनेजर.
पिता : वरिष्ठ साहित्यकार प्रो.सी. बी.श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
माँ: शिक्षाविद् श्रीमती दयावती श्रीवास्तव
पत्नी: स्वतंत्र लेखिका श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव
बच्चे: इंजीनियर अनुव्रता, अनुभा एवं अमिताभ
संप्रति: इंजीनियरिंग की पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा के बाद विद्युत मण्डल में मुख्य अभियंता के पद से सेवानिवृत.
परमाणु बिजली घर चुटका जिला मण्डला के सर्वेक्षण से स्वीकृति, सहित अनेक परियोजनाओ, उपकेंद्रो, केंद्रीय प्रशिक्षण केंद्र जबलपुर आदि के निर्माण का तकनीकी गौरव
प्रकाशित किताबें:
कविता-संग्रह: आक्रोश
व्यंग-संग्रह: रामभरोसे, कौआ कान ले गया, मेरे प्रिय व्यंग्य लेख
नाटक-संग्रह: जादू शिक्षा का (प्रथम पुरस्कृत नाटक),हिंदोस्ता हमारा, विज्ञान, जल जंगल और जमीन, बिजली का बदलता परिदृश्य
फोल्डर: रानी दुर्गावती व मण्डला परिचय, कान्हा अभयारण्य परिचायिका
प्रसारण: आकाशवाणी व दूरदर्शन से अनेक प्रसारण, रेडियो रूपक लेखन
विशेष :
- विभिन्न सामूहिक संग्रहों में रचनायें प्रकाशित
- अनेक नाटक निर्देशित, पत्र पत्रिकाओ में नियमित लेखन
- अनेक साहित्यिक संस्थाओ में सक्रिय पदेन संबद्धता, अध्यक्ष – “वर्तिका ” जबलपुर, संयोजक – “पाठक मंच “जबलपुर
- उपलब्धियाँ:
- बिजली का बदलता परिदृश्य, जल जंगल जमीन आदि तकनीकी किताबें.
- हिन्दी में वैज्ञानिक विषयों पर निरंतर लेखन, हि्ंदी ब्लागिंग.
- सुरभि टीवी सीरियल में मण्डला के जीवाश्मो पर फिल्म का प्रसारण
- कार्यशालायें आयोजित कर रुचि रखने वाले रचनाकारो को यूनीकोड टायपिंग तथा नेट पर हिन्दी में ब्लागिंग तथा फेसबुक, व्हाट्सअप लेखन सिखाया.
- डेली हँट मोबाईल एप पर मेरी अनेक पुस्तकें सुलभ.
- १९९२ में नई कविताओ की पहली किताब आक्रोश तार सप्तक अर्ध शती समारोह में भोपाल मे विमोचित, इसे दिव्य काव्य अलंकरण मिला..
- व्यंग्य की किताबें रामभरोसे, कौआ कान ले गया, मेरे प्रिय व्यंग्य, धन्नो बसंती और बसंत, बकवास काम की, जय हो भ्रष्टाचार की, समस्या का पंजीकरण, खटर पटर व अन्य प्रिंट व किंडल आदि प्लेटफार्म पर.
- मिली भगत, चटपटे शरारे एवं लाकडाउन नाम से सँयुक्त वैश्विक व्यंग्य संग्रहो का संपादन.
- व्यंग्य के नवल स्वर, आलोक पौराणिक व्यंग्य का ए टी एम, बता दूं क्या, अब तक 75, इक्कीसवीं सदी के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकार, 251 श्रेष्ठ व्यंग्यकार, निभा आदि संग्रहो में सहभागिता
- हिन्दोस्तां हमारा, जादू शिक्षा का नाटक संग्रह चर्चित व म. प्र. साहित्य अकादमी से सम्मानित,
- हाल ही जलनाद नाटक प्रकाशित
- शहीद भगतसिंह, सरदार उउधमसिंह जीवनियां प्रकाशित
- पाठक मंच के माध्यम से नियमित पुस्तक समीक्षक
- म प्र साहित्य अकादमी, पाथेय, मंथन, वर्तिका, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, तुलसी साहित्य अकादमी व अनेक साहित्यिक़ संस्थाओं, सामाजिक लेखन के लिये रेड एण्ड व्हाईट सम्मान से सम्मानित.
- वर्तिका पंजीकृत साहित्यिक सामाजिक संस्था के संयोजक
- टी वी, रेडियो, यू ट्यूब, पत्र पत्रिकाओ में निरंतर प्रकाशन.
अंतरजाल (इंटरनेट) पर विशेष
- साहित्यिक हिन्दी वेब पत्रिका “दिव्य नर्मदा” का संस्थापक संचालक.
- https://e-abhivyakti. com के साहित्य सम्पादक
- वेब दुनिया, अमर उजाला, जागरण, नवभारत टाईम्स हिन्दी, स्वर्ग विभा, अनुभूति, रचनाकार, साहित्य शिल्पी जैसी अनेकानेक लोकप्रिय साहित्यिक पृष्ठो पर
कुछ ब्लाग्स व फेसबुक पेज के लिंक इस तरह हैं :
ब्लागस
http://nomorepowertheft.blogspot.com
http://vivekkevyang.blogspot.com
http://vivekkikavitaye.blogspot.com
http://vivekkenamaskar.blogspot.com
फेसबुक
https://www.facebook.com/vivek1959
रचनाकार पर मेरी तकनीकी किताब बिजली का बदलता परिदृश्य निशुल्क
http://www.rachanakar.org/2013/05/blog-post_9985.html
ईमेल: [email protected]
संपर्क: विवेक रंजन श्रीवास्तव, A 233, ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी, जे के रोड, भोपाल 462023
मो ७०००३७५७९८
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श्री रमेश सैनी
नाम : रमेश सैनी
जन्म : 3 जून 1949, महाराजपुर (मंडला) म.प्र.।
शिक्षा : विज्ञान स्नातक, स्नातकोत्तर (अर्थ शास्त्र, मनोविज्ञान) 1982, कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग में डिप्लोमा
प्रकाशन : विगत 40 वर्षों से धर्मयुग, सारिका, माधुरी, इंडिया टुडे, कादम्बिनी, नवनीत, वागर्थ, कथादेश, कादम्बरी, साक्षात्कार, मायापुरी, नई गुदगुदी, व्यंग्य यात्रा, आसपास, जनसत्ता, नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान, भास्कर, युगधर्म, स्वतंत्र मत, नवीन दुनिया, जनपक्ष आज, ब्लिट्ज, रविवार, आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन।
प्रसारण : जबलपुर, भोपाल, छतरपुर, लखनऊ, दिल्ली आदि आकाषवाणी, दूरदर्षन केन्द्रों से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण तथा व्यंग्य और कहानी पर विमर्ष का प्रसारण।
अनुवाद : अनेक रचनाओं का बंगला, पंजाबी, अंग्रेजी और नार्वेरियन भाषा में अनुवाद।
सम्पादन : अंतर्राष्ट्रीय संस्था सर्विस सिविल इन्टरनेशनल (स्विट्जरलेण्ड) की भारत शाखा द्वारा प्रकाषित मासिक पत्रिका ‘प्रयास’ तथा जाबालि सैनी बंधु अख़बार का सम्पादन।
कृतियाँ : मेरे आसपास, बिन सेटिंग सब सून, पाँच व्यंग्यकार (व्यंग्य संग्रह), अंतहीन वापिसी (कहानी संग्रह), सब कुछ चलता है, बक्से में कुछ तो है (व्यंग्य उपन्यास) शीघ्र प्रकाश्य
पुरस्कार : कादम्बिनी (मासिक पत्रिका) द्वारा
कादम्बिनी सम्मान – 1994,
म.प्र. युवा रचनाकार सम्मान।
मध्यप्रदेश साहित्यकार मंच सम्मान।
म.प्र. लघु कथा परिषद द्वारा लघुकथा सम्मान।
पाथेय द्वारा सृजन सम्मान।
हीरालाल गुप्त स्मृति सम्मान।
मध्यप्रदेश लघु कथाकार परिषद द्वारा अखिल भारतीय स्व. रासबिहारी पाण्डेय स्मृति सम्मान।
यश अर्चन सम्मान।
व्यंग्य यात्रा (पत्रिका) द्वारा व्यंग्य यात्रा सम्मान।
संस्था :
एस सी आई (भारत शाखा) शाहदरा दिल्ली में कुष्ठ रोगियों की दो वर्षों तक सेवा सुश्रुषा तथा उनके लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन।
1972 उदयपुर (राजस्थान) के आसपास के गाँवों में जल-समस्या तथा समस्याओं पर गहन कार्य।
साहित्यिक संस्था – मिलन, मित्र संघ, हिन्दी साहित्य सम्मेलन (जबलपुर शाखा), म.प्र. लेखक संघ (जबलपुर इकाई), साहित्य संघ, पहल गोष्ठी आदि संस्थाओं में अनेक पदों पर सक्रियता से सहभागिता।
कहानी मंच में ‘अध्यक्ष’ तथा अनेक साहित्यिक कार्यक्रमों का संयोजन।
अनेक संस्थाओं के आमंत्रण पर अध्यक्षता, निर्णायक, रचना-पाठ, विचार-विमर्श आदि की भूमिका का निर्वाह।
खेल : टेबिल टेनिस में जिला तथा प्रादेशिक स्तर पर प्रतिनिधित्व, विजेता, उपविजेता।
विदेश : सर्विस सिविल इन्टरनेशनल द्वारा 1972 में पश्चिम जर्मनी आमंत्रित, पर पारिवारिक कारणों से गमन स्थगित।
सम्प्रति : रक्षा लेखा विभाग से वरिष्ठ अंकेक्षक पद से सेवा निवृत्त।
सम्पर्क : 245/ए, एफ.सी.आई. लाइन, त्रिमूर्ति नगर, दमोह नाका, जबलपुर (म.प्र.) 482 002
0761-2645588, 94258 66402, 8989 499299
ईमेल : [email protected]
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डॉ. प्रदीप शशांक
पूरा नाम : ठाकुर प्रदीप कुमार सिंह
साहित्यिक नाम : डॉ. प्रदीप शशांक
जन्मतिथि : 27 जून 1955
शैक्षणिक योग्यता : बी .कॉम.
सम्प्रति : म.प्र .शासन कृषि विभाग जबलपुर में सहायक सांख्यकीय अधिकारी के पद से वर्ष 2015 जून में सेवा निवृत्त।
साहित्यिक उपलब्धियां : वर्ष1975 से छुटपुट लेखन प्रारम्भ किया । प्रथम हास्य व्यंग्य दिल्ली प्रेस की पाक्षिक पत्रिका “मुक्ता” में दिसम्बर 1976 में “कालोनी क्रिकेट मैच ” शीर्षक से प्रकाशित हुआ । इसके बाद प्रकाशन का जो सिलसिला प्रारम्भ हुआ तो देश भर की प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में व्यंग्य, लघुकथायें, लेख, कवितायेँ आदि निरन्तर प्रकाशित होते रहे हैं ।
सम्पादन : जबलपुर से प्रकाशित लघुकथा विधा की पत्रिका ‘ लघुकथा अभिव्यक्ति ‘ में प्रबन्ध सम्पादक , तथा ‘ प्रतिनिधि लघुकथायें ‘ में उप सम्पादक के रूप में अवैतनिक सेवायें प्रदान कीं ।
सम्मान /पुरस्कार : देश भर की प्रमुख साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विभिन्न सम्मानों /पुरस्कारों से सम्मानित किया गया ।
प्रकाशित कृतियाँ : वर्ष 1986 में दिनिशा प्रकाशन जबलपुर द्वारा प्रकाशित व्यंग्य संग्रह ‘ एक बटे ग्यारह ‘ तथा वर्ष 2009 में अयन प्रकाशन दिल्ली द्वारा मेरा प्रथम लघुकथा संग्रह ‘ वह अजनबी ‘ शीर्षक से प्रकाशित किया गया । इसके साथ ही अनेकों लघुकथा संकलनों में मेरी लघुकथा शामिल की गई हैं ।
सम्पर्क : श्रीकृष्णम इको सिटी , श्री राम इंजीनियरिंग कॉलेज के पास , कटंगी रोड , माढ़ोताल , जबलपुर , म . प्र . 482002
मो . 9425860540 , 9131485948
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सुश्री गुंजन गुप्ता
जन्म: 18 नवम्बर
शिक्षा: एम. ए. द्वय ( हिन्दी, समाजशास्त्र ), बीएड, यूजीसी नेट हिन्दी( लगातार तीन बार )
प्रकाशित साहित्य:
साझा काव्य संग्रह – 1-जीवन्त हस्ताक्षर ,2- काव्य अमृत, 3-कवियों की मधुशाला, 4- बूँद-बूँद रक्त 5- जय रक्तवीर 6- नारी काव्य सागर, 7-भारत के हिन्दी कवि कवयित्रियाँ |
समवेत लघुकथा संग्रह – लाल चुटकी
पत्र- पत्रिकाएं – इन्द्रप्रस्थ भारती, आधुनिक साहित्य , सृजन सरिता, दुनिया इन दिनों, लोकतंत्र की बुनियाद, क्राइम नेशन, सामना, अमर उजाला, किस्सा कोताह, कालजयी आदि राष्ट्रीय ,अंतर्राष्ट्रीय *( कनाडा, यूएसए, चीन, नेपाल आदि)* तथा पोर्टल, ई- पत्रिका इत्यादि लगभग 85 से अधिक पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशन।
कई शोध पत्र प्रकाशित —
1-“प्रिय प्रवास में स्त्री पात्रों की मानवीय भूमिका “
2- “रक्तदान उत्सव एक जीवनोत्सव”
3- प्रो शामलाल और उनका साहित्य
4- पुरुष बनाम स्त्री
5- समय और समाज का सजग प्रहरी: मनीष वैद्य
6- समीक्षात्मक लेख प्रकाशित ।
★किस्सा कोताह कविता प्रतियोगिता में *प्रथम* स्थान
★कई साहित्यिक समूह फेसबुक और वाट्सअप पर सक्रिय तथा समूह एडमिन ।
सम्मान –
* अमृत सम्मान 2016 ( विश्व हिंदी रचनाकार मंच दिल्ली )
* साहित्य सोम सम्मान 2016 ( शैली साहित्यिक मंच रोहतक )
* बालमुकुंद गुप्त सम्मान 2017 ( अर्णव कलश एसोसिएशन हरियाणा )
* दिव्य रश्मि सम्मान 2018, पटना, बिहार
* नारी काव्य सागर सम्मान 2018 जेएमडी पब्लिकेशन दिल्ली
* श्रेष्ठ युवा सम्मान ,2018 विश्व हिंदी रचनाकार मंच दिल्ली
* रक्तदान सेवा सृजन सम्मान-2018, प्रज्ञा साहित्यिक मंच रोहतक,हरियाणा
संपर्क – गढ़ी मानिकपुर, प्रतापगढ़ उ.प्र.(भारत) [email protected] मो 9984381190
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कविराज विजय यशवंत सातपुते
कवी, लेखक, निवेदक, संपादक, वृत्तपत्र स्तंभलेखक,
अक्षरलेणीकार, प्रस्तावनाकार, सन्मानपत्र लेखक म्हणून विशेष प्रसिद्धी.
अक्षरलेणी कविता संग्रहास साहित्य संस्कृती मंडळाचे अनुदान प्राप्त.
द्वितीय आवृत्तीस राज्यस्तरीय महाकवी कालिदास पुरस्कार प्राप्त.
1992 मध्ये राज्य स्तरावरील काव्य स्पर्धेत ‘मोरपीस ‘ या कवितेला प्रथम पारितोषिक व कै. वसंत बापट यांच्या हस्ते ‘कविराज’ ही पदवी बहाल.
1988 पासून सातत्याने काव्य लेखन.
दैनिक सकाळ कडून ‘खरा पुणेकर ‘ किताब बहाल. पुणेरी पगडी, शाल, श्रीफळ, देऊन शनिवार वाड्यावर जाहीर सत्कार.
पुण्याच्या वैभवात भर घालणारी व्यक्ती, व सामाजिक, सांस्कृतिक, राजकीय, साहित्यिक, क्षेत्रात उल्लेखनीय कार्य करणारी व्यक्ती म्हणून महापौर पुणे यांच्या हस्ते 2014, 2015, 2016, सलग तीन वर्षे सन्मान चिन्ह देऊन जाहीर सत्कार.
अनेक कविता संग्रह, कथा संग्रह यांत प्रस्तावना लेखन.
झरा खळाळे जीवंत, काव्यशिल्प , यासह अनेक प्रातिनिधीक कवितासंग्रहाचे संपादन.
अनेक राज्यस्तरीय कविता स्पर्धांचे, कविसंमेलनाचे, आयोजन, नियोजन, परिक्षण केले आहे.
शालेय आणि महाविद्यालयीन स्तरावर वैयक्तिक व सामुहिक. कवितांचे सादरीकरण.
दैनिक म. टा. ,लोकमत, सकाळ, प्रभात कडून विविध पुरस्कारांनी सन्मानित.
अनेक राज्यस्तरीय पुरस्कारांनी सन्मानित.
विविध पारितोषिके प्राप्त.
अनेक संस्थामधे विविध पदांवर कार्यरत.
कवितेविषयक,साहित्यविषयक, प्रत्येक उपक्रमात सहभागी. विविध मासिके, नियत कालिके दिवाळी अंकातून लेख,कथा, कविता, गझल, लेखन प्रकाशित.
अखिल भारतीय साहित्य संमेलनात दरवर्षी सहभाग.
कलर टिव्ही वरील ‘काॅमेडीची बुलेट ट्रेन ‘या कार्यक्रमात प्रेक्षक परिक्षक म्हणून सहभाग.
दूरदर्शन वरील अनेक चॅनेल वरून, आकाशवाणी वरून काव्य सादरीकरण, काव्य वाचन झाले आहे.
वाचन, लेखन, प्रवास, हे विशेष छंद.
सम्पर्क : कविराज विजय यशवंत सातपुते, यशश्री 100 ब दीपलक्ष्मी सोसायटी, सहकार नगर नंबर 2. दशभुजा गणपती रोड, पुणे 411 009 .
मोबाईल नंबर 9371319798 [email protected].
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सुश्री आरूशी दाते
मी आरुशी अद्वैत दाते, पुणे
- मूळची मुंबईची असून पुण्यात स्थायिक होण्याआधी 2013 पर्यंत बंगलोरमध्ये वास्तव्य होतं, पुण्यात गेली सहा वर्षे आहे
- Totally 12 वर्षांचा Admin and HR coordination चा अनुभव आहे
- सध्या ladies garments चा ऑनलाइन business करते
- कथा लेखन, कविता लेखन, अभिनय, निवेदन
- पुण्यातील पाचवा मानाचा गणपती – केसरीवाडा येथील गणपती उत्सवात २०१६ साली आयोजित केलेल्या काव्य संमेलनात कविता सादरीकरण
- बडोदा अखिल भारतीय मराठी संमेलन, २०१८ आणि जानेवारी 2019 ला यवतमाळ येथे झालेल्या अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलनात काव्य वाचनाची संधी मिळाली*
- मे, 2018 मध्ये महाराष्ट्र साहित्य परिषद, विश्रांतवाडी, पुणे येथे घेण्यात आलेल्या काव्य स्पर्धेत तृतीय पारितोषिक मिळाले
- अनेक काव्यसम्मेलनातून कविता सादरीकरण
- अनेक online ग्रुपमध्ये काव्य लेखन स्पर्धेत पारितोषिक
- अनेक दिवाळी अंकांतून आणि वृत्तपत्रातून काव्य आणि कथा लेखन (पुढच पाऊल, संचार, केसरी)
- मना मनातले: माझे सर्व लिखाण फेसबुकवर एका जागी लिहून ठेवले आहे, ते वाचून तुम्ही त्याचा आस्वाद घेऊ शकता, आणि आपली प्रतिक्रिया तिथे नोंदवू शकता…. ह्या फेसबुक पेजचं नाव आहे: मना मनातले
- काव्यानंद ह्या मासिकातून नियमित कविता लिखाण.
- अपेक्षा दिवाळी अंक, २०१८ च्या – स्त्री सौदर्याला दाद देणे ही रसिकता की गुन्हा, ह्या निबंध स्पर्धेमध्ये उत्तम श्रेणीचं बक्षीस मिळाले
- अखिल भारतीय महिला संमेलनाची समन्वयक म्हणून काम बघत
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अशोक श्रीपाद भांबुरे
जन्म: 17 ओक्टोबर 1957
छंद व आवड़
चित्रकला, वाचन, कथा व कविता लेखन, अभिनय, लघु नाट्यलेखन व दिग्दर्शन, अखिल भारतीय मराठी साहित्यच्या घुमानसह अनेक साहित्य संमेलनात सहभाग.
वाटचाल: सन 1972 पासून कवितालेखनास प्रारंभ, ‘शाहिरी निनाद’ या वार्षिकाचे गेली 5 वर्षे संपादन . अनेक साहित्यिक, सांस्कृतीक व सामाजिक कार्यात सक्रिय सहभाग, काव्यशिल्प, साहित्य संस्कृती मंच, साहित्य संघ दक्षिण, समरसता साहित्य परिषद, शाहीर हिंगे लोककला प्रबोधिनी यांसह अनेक संस्थामध्ये कार्यरत. दैनिक सकाळ व अनेक दिवाळी अंकांमधून कथा, कविता, लेख प्रकाशीत. पुण्याच्या साहित्यिक-सांस्कृतीक वैभवात भर घालणारी व्यक्ति म्हणून पुणे महानगर्पालिकेतर्फे दिनांक 26 जानेवारी 2015 रोजी, महापौर चंचला कोद्रे यांचे हस्ते जाहिर सत्कार. सोनइन्दर प्रतिष्ठानचा पु. ल. देशपांडे पुरस्कार, यांसह अनेक राज्यस्तरीय काव्य स्पर्धामधून पारितोषीके व पुरस्कार प्राप्त. 89 व्या अखिल भारतीय साहित्य संमेलनात कविसंमेलनाचे परीक्षण. या शिवाय अनेक काव्यस्पर्धा, आंतरशालेय काव्यपाठांतर स्पर्धा, खुल्या वक्तृत्व स्पर्धाचे परीक्षण.
प्रयास अकादमी व सोनइन्दर प्रतिष्ठान या बहुभाषिक संस्थामध्ये कार्यरत. अनेक पुस्तकांचे मुद्रण। मुखपृष्ठ व अक्षर जुळणी याचा प्रदीर्घ अनुभव.
प्रकाशीत साहित्य: ‘नि आभाळही फाटलेले’ व ‘मी चन्द्र पाहिलेला’ हे दोन काव्यसंग्रह प्रकाशीत व तीन लघु नाट्य प्रकाशनाच्या मार्गावर.
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श्रीमति अर्चना चतुर्वेदी
जन्म- ३१ दिसम्बर १९७३, मथुरा (उत्तर प्रदेश)
शिक्षा- एम.ए.(हिंदी), स्नातकोतर डिप्लोमा “पत्रकारिता और जनसंचार के माध्यम”, स्नातकोत्तर डिप्लोमा “इन क्रिएटिव राइटिंग”
अनुभव- करीब १० वर्ष मीडिया में काम, दूरदर्शन और डी डी भारती के कार्यक्रमों का निर्देशन एवं चैनल CNBC तथा CNN-IBN में काम का अनुभव।
संप्रति- स्वतंत्र लेखन
प्रकाशन- साहित्यिक पत्रिका साहित्य अमृत में कहानी और व्यंग्य प्रकाशित, कादम्बिनी, बिंदिया, वुमेन ऑन टॉप, गृहलक्ष्मी, व्यंग्य यात्रा, अट्टाहस, सोच विचार, इरावती, आधुनिक साहित्य, सेतु आदि पत्रिकाओं में नियमित व्यंग्य प्रकाशित।
नवभारत टाइम्स, हिंदुस्तान, नेशनल दुनिया, जनसंदेश टाइम्स, दैनिक जागरण, नई दुनिया, जनवाणी हमारा मेट्रो, हिंदी मिलाप, प्रजातंत्र लाइव इत्यादि अखवारों में नियमित व्यंग्य प्रकाशित।
मथुरा, आगरा के प्रसिद्ध अखबार कल्पतरु एक्सप्रेस में बृजभाषा में साप्ताहिक कॉलम, मध्य प्रदेश जन संदेश में साप्ताहिक कॉलम
वेब पत्रिका हिंदी समय, गध्य कोश, मातृभारती एप, स्टोरी मिरर आदि में व्यंग्य तथा कहानियां वेब पत्रिका रोर मीडिया में साप्ताहिक कॉलम, कई पत्रिकाओं के व्यंग्य विशेषांक का सम्पादन
सम्मान- अनेक पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किये
पुस्तक- व्यंग्य संग्रह “मर्द शिकार पर हैं” (दिल्ली हिंदी अकादमी के अनुदान सहयोग से प्रकाशित २०१२) दूसरा संग्रह “शराफत का टोकरा” भावना प्रकाशन दिल्ली से महिला व्यंग्यकारों के सयुक्त संकलन “लेडीज डॉट कोम” का संपादन …उपन्यास – गली तमाशे वाली
अन्य- रेडियो इन्द्रप्रस्थ पर नियमित हास्य वार्ता प्रसारित, रेडियो बृज माधुरी पर नियमित बृज भाषा हास्य वार्ता प्रसारित लोकसभा टीवी के कार्यक्रम ‘साहित्य संसार’ में साक्षात्कार| साहित्य आजतक के व्यंग्य प्रोग्राम में.
कई प्रतिष्ठित मंचो पर व्यंग्य पाठ
Email- [email protected]
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सुश्री शारदा मित्तल
शिक्षा- एम. ए. अंग्रेजी साहित्य
संरक्षक- महिला काव्य मंच चड़ीगढ़ इकाई
पूर्व निदेशक- वूमन टी वी
दो सांझे संकलन प्रकाशित- 1- Genesis 1 2- दुनिया गोल मटोल
एकल दोहा -संग्रह – मनवा भयो फ़क़ीर
दो किताबें छपने को तैयार
मंच,दूरदर्शन व आकाशवाणीसे कविता प्रसारण। लेखन के श्रेत्र में कई सम्मानों से अलंकृत ।
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श्री संदीप तोमर
संदीप तोमर का जन्म ७ जून १९७५ को उत्तर प्रदेश के जिला मुज़फ्फरनगर के गंगधाड़ी नामक गॉंव में हुआ। आपके पिता एक आदर्श अध्यापक रहे तो माताजी एक धर्म परायण स्त्री हैं। दोनो का ही प्रभाव आपके जीवन पर बराबर रहा है। चार भाई बहनों में सबसे छोटे सन्दीप तोमर ने शारीरिक अक्षमता के चलते सीधे पांचवी कक्षा में प्रवेश लिया और प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। तत्पश्चात विज्ञान विषयों से स्नातक करके प्राथमिक शिक्षक के लिए दो वर्ष का प्रशिक्षण लिया।
उत्तर प्रदेश में कुछ दिन अध्यापन करने के बाद नॉकरी छोड़ दिल्ली विश्वविद्यालय पढ़ने आ गए।
बी.एड, एम.एड के बाद एम्.एस सी(गणित) एम् ए (समाजशास्त्र व भूगोल) एम फिल(शिक्षाशास्त्र) की शिक्षा ग्रहण की।
दिल्ली विश्विद्यालय में पढ़ते हुए ही साहित्य का स्वाध्याय करते हुए लेखन में रुचि उत्पन्न हुई।
उन्होंने कविता, कहानी, लघुकथा, आलोचना, नज़्म, ग़ज़ल के साथ साथ उपन्यास को अपनी विधा बनाया। पेशे से अध्यापक सन्दीप तोमर का पहला कविता संग्रह “सच के आस पास” 2003 में प्रकाशित हुआ।उसके बाद एक कहानी सँग्रह “टुकड़ा टुकड़ा परछाई” 2005 में आया।
शिक्षा और समाज(लेखों का संकलन शोध-प्रबंध) का प्रकाशन वर्ष 2010 था। इसी बीच लघुकथा सँग्रह “कामरेड संजय” 2011 में प्रकाशित हुआ।
“महक अभी बाकी है” नाम से कविता संकलन का संपादन भी किया। 2017 में प्रकाशित “थ्री गर्ल्सफ्रेंड्स” उपन्यास ने संदीप तोमर को चर्चित उपन्यासकार के रूप में स्थापित कर दिया। 2018 में आपकी आत्मकथा “एक अपाहिज की डायरी” का विमोचन नेपाल की धरती पर हुआ।
वे प्रारंभ, मुक्ति, प्रिय मित्र अनवरत अविराम इत्यादि साझा संकलन में बतौर कवि सम्मलित हो चुके हैं।
सृजन व नई जंग त्रैमासिक पत्रिकाओं में बतौर सह-संपादक सहयोग करते रहे।
फिलहाल उनकी कई पुस्तकें प्रकाशन हेतु प्रकाशकों के पास गई है। जिनमे “परत दर परत” लघुकथा सँग्रह, “ये कैसा प्रायश्चित” तथा “दीपशिखा” उपन्यास के साथ “यंगर्स लव” कहानी संग्रह और “परमज्योति” कविता सँग्रह प्रमुख हैं।
हिन्दी अकादमी दिल्ली द्वारा निबन्ध व कविता लेखन के लिए, “सच के आस पास” काव्य कृति के लिये “तुलसी स्मृति सम्मान” काव्य लेखन के लिए “युवा राष्ट्रीय प्रतिभा” सम्मान, साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगम अकादमी द्वारा “साहित्य श्री” सम्मान, अजय प्रकाशन रामनगर वर्धा (महा.) द्वारा “साहित्य सृजन” सम्मान, मानव मैत्री मंच द्वारा काव्य लेखन के लिए सम्मान, सहित कई बड़ी संस्थाओं द्वारा समय- समय पर आपको सम्मानित किया गया है
2011-12 में स्कूल स्तर पर तत्कालीन विधायक के हाथों बेस्ट टीचर आवर्ड से सम्मानित।
2012 में प्राइवेट और सरकारी अध्यापक संघ के तत्वाधान में तत्कालीन संसदीय मन्त्री हरीश रावत के कर कमलों से दिल्ली के बेस्ट टीचर के लिए सम्मानित हो चुके हैं।
भारतीय समता समाज की ओर से आपको समता अवार्ड 2017 से सम्मानित किया गया।
आपको 2018 में कथा गौरव सम्मान से नवाजा गया। साथ ही 2018 में ही नव सृजन संस्था द्वारा हिन्दी रत्न सम्मान दिया गया।
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श्री सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा
जन्म : 9 नवम्बर , 1 9 5 1
शिक्षा : स्नातकोत्तर ( प्राणी – विज्ञान ) कानपुर , बी . एड . ( हिसार – हरियाणा )
लेखन विधा : लघुकथा, कहानी, बाल-कथा, कविता, बाल-कविता, पत्र-लेखन, डायरी-लेखन, सामयिक विषय आदि.
प्रथम प्रकाशित रचना : कहानी : “लाखों रूपये” – क्राईस चर्च कालेज, पत्रिका – कानपुर (वर्ष–1971)
अन्य प्रकाशन :
- देश की बहुत सी साहित्यिक पत्रिकाओं मे सभी विधाओं में निरन्तर प्रकाशन
- आज़ादी (लघुकथा–संगृह), 1999
- विष-कन्या (लघुकथा-संग्रह), वर्ष-2008
- “तीसरा पैग”(लघुकथा-संग्रह), वर्ष-2014
- “उतरन”लघुकथा संग्रह (2019), वर्ष-2019
- बन्धन-मुक्त तथा अन्य कहानियां (कहानी-संग्रह), वर्ष-2014
- मेरे देश कि बात (कविता-संग्रह), वर्ष – 2014
- सपने और पेड़ से टूटे पत्ते (कविता संग्रह), वर्ष-2019
- “बर्थ- डे, नन्हें चाचा का (बालकथा-संग्रह), वर्ष-2014
- “रुखसाना “(ई-लघुकथा संग्रह)अमेजॉन पर उपलब्ध – वर्जिन स्टुडिओ), वर्ष–2018
- “शंकर की वापसी “(ई-लघुकथा संग्रह)अमेजॉन पर उपलब्ध – वर्जिन स्टुडिओ), वर्ष–2018
सम्पादन :
- “मृग मरीचिका” (लघुकथा एवं काव्य पर आधारित अनियमित पत्रिका)
- “तैरते-पत्थर डूबते कागज़” (लघुकथा-संग्रह), दीप प्रकाशन, साहिबाबाद
- “दरकते किनारे”, (लघुकथा-संग्रह), दीप प्रकाशन, साहिबाबाद
- अपूर्णा तथा अन्य कहानियां (कहानी-संग्रह), दीप प्रकाशन, साहिबाबाद
- लघुकथा मंजूषा-२ (ई-लघुकथा संग्रह – अमेजॉन पर उपलब्ध – वर्जिन स्टुडिओ), वर्ष-2018
पुरूस्कार :
- हिंदी-अकादमी (दिल्ली), दैनिक हिंदुस्तान (दिल्ली) से पुरुस्कृत
- भगवती प्रसाद न्यास , गाज़ियाबाद से कहानी बिटिया पुरुस्कृत
- ” अनुराग सेवा संस्थान “लाल-सोट (दौसा – राजस्थान) द्वारा लघुकथा–संग्रह “विष–कन्या“ को वर्ष–2009 में स्वर्गीय गोपाल प्रसाद पाखंला स्मृति – साहित्य सम्मान
- लघुकथा “शंकर की वापसी” दिनांक 11 जनवरी 2019 को पुरुस्कृत (मातृभारती.काम द्वारा)
आजीविका : शिक्षा निदेशालय, दिल्ली के अंतर्गत 32 वर्ष तक जीव-विज्ञानं के प्रवक्ता पद पर कार्य करने के पश्चात नवम्बर 2011 में अवकाश – प्राप्ति
सम्पर्क : डी-184, श्याम आर्क एक्सटेंशन साहिबाबाद, उत्तरप्रदेश-201005, Mo.: 09911127277
ईमेल : [email protected]
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श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”
जन्म – 26 जनवरी 1965
योग्यता – बी ए (3-विषयों में) तथा एम ए (5-विषय में)
संप्रति – शासकीय शिक्षक
लेखन – बालकहानी, लेख, कविता, लघुकथा आदि
विशेष उपलब्धियां – 2008 में 24, 2009 में 25 व 2010 में 16 बालकहानियों का 8 भाषाओं में प्रकाशन
पुरस्कार/सम्मान –
- लघुकथा के क्षेत्र में सर्वोत्कृष्ट कार्य के लिए – जयविजय सम्मान 2015
- बालाशोरी रेडी बालसाहित्य सम्मान २०१७,
- स्वतंत्रता सेनानी ओंकारलाल शास्त्री सम्मान २०१७
- इंद्रदेवसिंह इंद्र बालसाहित्य सम्मान-2017
- विकास खंड स्तरीय कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय 2017
संपर्क – ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”, पोस्ट ऑफिस के पास, रतनगढ़, जिला – नीमच – 458226 म प्र
ईमेल – [email protected]
मोबाइल – 9424079675
सुश्री अनुभा श्रीवास्तव
जन्म: ०७ मई १९९१, मण्डला (म.प्र.)
पिता: श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव, पोस्ट ग्रेजुएट इंजीनियर , व्यंग्यकार , लेखक , कवि , रचनाकार
माँ : श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव , एम एस सी, स्वतंत्र लेखिका, (महाकाव्य देवयानी के रचियता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व वासुदेव प्रसाद खरे की पुत्री)
शिक्षा :
- बीएएलएलबी नेशनल ला युनिवर्सिटी भोपाल
- स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम में ल्यूजर्न युनिवर्सिटी स्विटजरलैंड से अंतरराष्ट्रीय ला का अध्ययन।
- लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स में वर्ष २०१८-१९ हेतु एल एल एम में चयनित,
- मांटफोर्ट मण्डला व क्राइस्ट चर्च जबलपुर से शालेय शिक्षा
- फ्रेंच भाषा में डिप्लोमा, हिन्दी, अंग्रेजी में समान अधिकार
- वर्तमान में लंदन स्कूल आफ इकनॉमिक्स से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हैं
अन्य: कथक नृत्यांगना कथक में खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय से डिग्री .
कैम्पस सेलेक्शन: आई सी आई सी आई कारपोरेट ला
देश की सबसे बड़ी कारपोरेट ला फर्म कैम्स अमरचंद मुम्बई में कार्यानुभव
स्कूल के दिनो से ही स्वतंत्र लेखन ,ब्लागर्स पार्क जैसी प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओ में प्रकाशन, युववाणी में प्रसारण, ब्लाग लेखन, वकील डाट काम की पैनल लेखिका. लीगल डिजायर ला जरनल की स्टूडेंट एडीटर, ग्राम मिंडोरी, केरवा डैम के निकट भोपाल के बच्चो को नियमित क्लासेज लेकर उनके जीवन स्तर में सुधार हेतु छात्र जीवन में ३ वर्षौ तक कार्य किया.
वर्ष २०१८ में प्रकाशित पहली कृति सकारात्मक सपने (इस कृति को म. प्र लेखिका संघ का वर्ष २०१८ का पुरस्कार प्राप्त)
मुम्बई के व्यस्त जीवन में भी विभिन्न एन जी ओ से अवकाश के दिनो में जुडकर नारी समानता हेतु कार्य तथा अपने परिवेश में जुड़े पिछड़े लोगो के जीवन स्तर में सुधार हेतु दान आदि के नियमित कार्य.
संपर्क: ए १ , विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर ४८२००८
मोबाईल .. ९४२५४८४४५२
सुश्री समीक्षा तैलंग
जन्म – 1976 ग्वालियर (म.प्र.)
वर्तमान में – आबु धाबी (यू.ए.ई.)
स्थायी पता – ग्वालियर
ईमेल – [email protected]
शिक्षा – बी.एस.सी. – जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर (म.प्र.)
व्यवसाय – पूर्व पत्रकार ग्वालियर(म.प्र.), वर्तमान में स्वतंत्र लेखन
संप्रति – ग्वालियर में जन्म होने के बावजूद मेरी “अनुकृति” का जन्म बुंदेलखंड के छतरपुर में हुआ. लिखने की प्रतिभा को निखारने के लिए देशकाल अनुरूप था. मराठी भाषी होने के पश्चात भी हिन्दी से ही अपनापन लगा तो लिखना सहज हो गया. अलग-अलग विषयों पर लेख, निबंध, भाषण लिखने से पहचान मिली. फलस्वरूप आकाशवाणी ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर परिचर्चाओं के लिए आमंत्रित किया. ग्वालियर के मुख्य दैनिक-पत्रों में कई लेख व व्यंग्य प्रकाशित हुये. स्नातक होने के पश्चात वहाँ के मुख्य समाचार पत्र व इलेक्ट्रोनीक मीडिया में बतौर पत्रकार काम किया. विवाह के पश्चात एक लंबे अंतराल के बाद पुनः अपनी रुचि को आगे बढ़ाने का काम विगत 5-6 वर्षों से कर रही हूँ.
सम्मान – “1998 में प्रथम महिला पत्रकार ग्वालियर”, पत्र लेखक संघ द्वारा सम्मानित
कार्यक्षेत्र में –
साक्षात्कार – प्रमुखतः सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन, सुश्री उमा भारती, हेमामालिनी आदि आदि
निबंध – “विवेकानंद शिकागो में”, “स्वराज से सूराज तक”- लोकमान्य तिलक, “हिन्दी साहित्य के पाठक कहाँ हैं”- लेख
फीचर – “तानसेन अलंकरण पं.स्व.श्री बालसाहेब पूंछवाले”, “भारत का प्रथम इन्टरनेट राज्य मध्यप्रदेश”
प्र.व्यंग्य – रुलाई मार गई, भीखरी दान और भ्रष्टाचार, 60 साल का नौजवान, ताप-मान-हाहाकार, खयाली पुलाव, बजट, एटीएम की कतारें, बगैर गठबंधन सब उन्मुक्त, चर्चाओं की चर्चा, जीभ अनशन पर है, कास्टिंग काउच और राम अवतार आदि कई और व्यंग्य प्रकाशित व संग्रहीत
– ओजस्विनी पत्रिका में कई व्यंग्य, लेख, साक्षात्कार, फीचर आदि प्रकाशित हुये हैं. साहित्य कुंज, प्रयास, गर्भनाल, हिन्दी सागर, राष्ट्रीय हिन्दी मेल, प्रवासी संसार, अनूप शुक्ल जी के (पंच) बैंक घोटाला राष्ट्रीय सहारा में स्थान, निकट पत्रिका, व्यंग्य की सर्वश्रेष्ठ पत्रिका “अट्टहास”, रचनाकर ई-पत्रिका, हरिभूमि के सभी संस्करण में, दैनिक विजय दर्पण टाइम्स व्यंग्य, नई दुनिया व्यंग्य आदि पत्र-पत्रिकाओं में कई कवितायें, लेख, व्यंग्य, संस्मरण, प्रकाशित, ब्लॉग लेखन भी “विश्व हिन्दी सचिवालय मरीशस” की पत्रिका के लिए चयनित, अन्यत्र कई प्रकाशनार्थ व संग्रहीत इसके अतिरिक्त भी कई सामग्री साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित
सौ .योगिता किरण पाखले,
शिक्षा- MSc, DipEd
- कवयित्री,लेखिका,हायकुकार,व्यावसायिक सूत्रसंचालिका
- काव्यसंवादिनी ह्या स्त्री जीवनावरील कार्यक्रमाचे व्यावसायिक सादरीकरण
- वृत्तनिवेदीका,स्क्रिप्ट writer म्हणून mkn न्युज चॅनल मध्ये काम केले आहे
- अखिल भारतीय मराठी साहित्य परिषद ,पुणे येथे संघटक म्हणून कार्यरत
- मराठबोली संस्थेची माजी उपाध्यक्षा
- सर्व प्रकारच्या कार्यक्रमांचे सूत्रसंचालन
- वरील सर्व कार्यक्रमांचे स्क्रिप्ट लेखन
- सूत्रसंचालन विषयक कार्यशाळेत मार्गदर्शक
- online, offline होणाऱ्या काव्यस्पर्धांसाठी परीक्षक म्हणून काम पहाते
- वक्तृत्व ,वादविवाद ,निबंध या सर्व स्पर्धात पारितोषिके(जिह्वास्तरीय, राज्यस्तरीय)
- वेगवेगळ्या दिवाळी अंकात कविता ,लेख, हायकू, चारोळ्या प्रकाशित
- अनेक दैनिक व साप्ताहिकात कविता , लेख व हायकू प्रकाशित
- पुण्यातील अनेक काव्यसंमेलंनाचे
- अध्यक्ष पद भूषविले
- “साहित्यायन सटाणा”, 24 व्या मराठी साहित्य संमेलनात कविता सादरीकरण
- अनेक प्रातिनिधिक काव्यसंग्रहात कविता प्रकाशित
- शब्दविद्या साहित्य संमेलन राज्यस्तरीय काव्यस्पर्धेत सर्वोत्कृष्ट पुरस्कार (सर्वोत्कृष्ट कवितेच्या सादरीकरणाचा काही भाग सहयाद्री वाहिनीवर प्रसारित)
- 90 वे अ .भा .म .सा सम्मेलंन,डोंबिवली व 91वे अ .भा .म. सा. संमेलन, बडोदा येथे कविता सादरीकरण
- पहिले विश्व हायकू सम्मेलनात सन्मान
- प्रकृती,निसर्ग व माणूस(शाम खरे) यांच्या प्रातिनिधिक हायकू संग्राहात हायकू प्रकाशित
- मराठबोली संस्थेचा लोककवी पुरस्कार प्राप्त
- ‘अंतर्नाद ‘कविता संग्रह व
- ‘इंद्रधनू हायकू’ हायकू संग्रह प्रकाशित
- ‘पालवी ‘अल्बम प्रकाशनाच्या वाटेवर(from that album songs released on you tube channel)
- अक्षरोदय साहित्य मंडळ शाखा कंधार यांचा युगसाक्षी काव्यपूरस्कार मानकरी
- काव्यमित्र संस्थेचा राष्ट्रीय कवी ग्रेस काव्यप्रतिभा पुरस्कार मानकरी
- स्व स शी नाईक प्रतिष्ठान यांच्याकडून हायकू काव्य सम्राज्ञी पुरस्कार
- यशवंत मनोहर राज्यस्तरीय काव्यस्पर्धेत 1900 कवितांमधून उत्तेजनार्थ परितोषीक
- खान्देशातिल रेडिओ स्टेशन रेडिओ पांजरावर(4) कविता प्रसारित
- कवी लेखक आपल्या भेटीला* या शाळेच्या उपक्रमात निमंत्रित कवयित्री व सूत्रसंचालिका
- प्रबोधन संस्था महिला विभागा कडून लाडशाखीय रणरागिनी म्हणून सन्मान
श्रीमति उर्मिला उद्धवराव इंगळे
व्यवसाय:- अधीक्षक पदावर ३३ वर्षे यशस्वी सेवा.सातारा जिल्हा.प.
माहेरचे नाव : मालती रामचंद्र औताडे.
सासरे:- श्री दत्तोपासक.सर्व दत्ताच्या क्षेत्री पारायणे करत.आजही मुलगा व सुनबाई दत्तोपासनेत आहेत.
सासूबाई :- गृहिणी.मुलांच्या शिक्षणासाठी खूप कष्ट व प्रयत्न.त्यांची सुरेख रांगोळी व देवपूजा सुंदर .स्तोत्रे गाणी व आरत्या खूप छान म्हणायच्या.
माझे लौकिक शिक्षण:-
बी ए एम ए. इंग्लिश स्पेशल
चार मुले व नोकरी घर नीट सांभाळून घराजवळच्या काॅलेजातून रेग्युलर बीए चे शिक्षण.काॅलेजमध्ये बी.ए.पर्यंत प्रथम क्रमांक.
नंतर एम ए केलं.
अध्यात्मिक शिक्षण
श्री ज्ञानेश्वरी, दासबोध. भ.गीता, तुकोबा गाथा यांचा अभ्यास +अ श्रेणीत .
श्रीसमर्थ सेवा मं.समर्थ विद्यापीठाच्या सर्व परीक्षा विशेष श्रेणीत.
सध्या प्राज्ञचा अभ्यास सुरू .
पदाअ/श्रीदाअ समीक्षण सेवा.
मनोबोध परीक्षेची समीक्षण सेवा २०१३ पासून अखेरच्या श्वासापर्यंत.
हस्तलिखित श्रीज्ञानेश्वरी माउलींना विधीपूर्वक अर्पण.१९९२
सज्जनगड,चाफळ येथील प्रतिवर्षी ची अध्यात्मिक शीबिरे सश्रम सहभाग १२ वर्षे.
अन्य शिक्षण :-
रामकृष्ण पाठशाळा सातारा,मा.उमा आठल्ये या गुरुंकडून वेदातील स्तोत्रे,सूक्तपठण,रुद्र,सप्तशती,वगैरे पौरौहित्य शिक्षण १० वर्षे.
योगशिक्षण:-
समर्थ सदन सातारा मध्ये सातत्याने १४वर्षे योगगुरूंकडून योगाभ्यास शिक्षण.त्यांच्या आज्ञेनुसार अहमदनगर येथे मोफत योगवर्ग घेतला.तेथील सकाळ वृत्तसेवामधून दखल.
कथा :–
१९७३ ते ७६ काॅलेज मासिकात कथा प्रसिद्ध.
२) स्वराज्य सकाळ मुंबई दि. ३जुलै १९७३ च्या अंकात ” लपविलास तू हिरवा चाफा ” ही व बक्षीसपात्रकथा प्रसिद्ध.
३) सातारा आकाशवाणी वर दोन कथांचे वाचन सादरीकरण.
कविता:-
आकाशवाणी वर २० कवितांचे वाचन, सादरीकरण.
२) आकाशवाणी वरुन सकाळी “चिंतन ” पाच मिनिटांचा कार्यक्रम २० दिवस सादरीकरण.
कवितेची आवड लहानपणापासूनच.प्रत्यक्षात १९९४ पासून सातत्याने लेखन.
३)दि. ५ मे २०१८ रोजी ४० कवितांचा “काव्यपुष्प ” संग्रह प्रकाशित.
चित्रचारोळी कवितांची खूप आवड ३०० चित्रचारोळ्या लेखन पूर्ण.
अध्यात्मिक चारोळ्या २०० तयार.
वृक्षारोपण, जलसंधारण पर्यावरणीय कविता .जलक्रांतीचा पोवाडा “जलक्रांतीची सप्तपदी या कविता स्थानिक वर्तमानपत्रात प्रसिद्ध.जलसंधारणाची कामे चालू असताना शालेय मुले कविता गावून श्रमदान्यांचा उत्साह वाढवीत होती.
पुरस्कार :–
ज्ञानविकास मं.सातारा तर्फे सुमाता पूरस्कार.२००४
२)स्वामी विवेकानंद शिक्षण समूहाच्या तर्फे .कै.प्रा.ग.प्र.प्रधान यांचे हस्ते “आदर्श कार्यप्रवण व्यक्ती “पुरस्कार ५सप्टेंबर १९९४.
३) सातारा एज्युकेशन सोसायटी तर्फे क्रांतीज्योती सावित्रीबाई फुले शैक्षणिक सामाजिक अध्यात्मिक पुरस्कार २०१६
४) साप्ताहिक सकाळ पुणे तर्फे “केल्याने देशाटन ,” स्पर्धा पुरस्कार अभिनेते श्री.मिलींद गुणाजी यांचेहस्ते टिळक स्मारक पुणे .१९९८.
५) “फिरस्ती. “कार मा.प्रा.उत्तम कांबळे यांच्या ५-११-२०१७ च्या सप्तरंग सकाळमधील लेखात “कोंबड्या कुणी मारियेल्या बाई ” आवाहन केलेनुसार मी करुन पाठविलेल्या कविता व लेख खूप “भावली “असल्याचे दि.२०-११-१७ चे पत्रातून त्यांनी कळविले आहे.तसेच लेखन प्रवास व सामाजिक जाणीवांना शुभेच्छा दिल्या आहेत.
संपर्क :–
२३६, यादोगोपाळपेठ, सातारा.
ता.जि.सातारा.
पिन.४१५००२
भ्रमणध्वनी क्र.९०२८८१५५८५
चन्द्रकांता सिवाल “चंद्रेश”
जन्म : 22 जुलाई 1970 नयी दिल्ली
कार्यक्षेत्र : गृहणी, साहित्य सृजन
सम्मान :
गंतव्य संस्थान द्वारा “स्त्री शक्ति सम्मान” २०१६
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर तेजस्विनी सम्मान
“साहित्य गौरव सम्मान
“काव्य साधना” साहित्य सम्मान
“प्रतिभा सम्मान”“समता अवार्ड”
हिन्दी भाषा सहोदरी से “सहोदरी साहित्य सम्मान आदरणीय कवि सुरेन्द्र शर्मा जी द्वारा सम्मानित
सहोदरी समृति चिन्ह से आदरणीया मैत्रयी पुष्पा जी द्वारा सम्मानित ( उपाध्यक्ष हिन्दी अकादमी )
विशेष उपलब्धि:
प्रतिमा रक्षा सम्मान समिति द्वारा (Nationl Pride Award) इंटीग्रल ह्यूमनिस्म अवार्ड से 23 सितंबर 2017 को सम्मानित किया गया।
प्रकाशन : राष्ट्रिय व अंतराष्ट्रीय समाचार पत्र पत्रिकाओं में पोर्टल पर रचनाएँ ‘लेख प्रकाशित।
प्रसारण: जनता कवि दरबार में सीधा प्रसारण एवम आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो) में कविता प्रसारण
संस्थाएं :
- वाइस प्रेसिडेंट * राष्ट्रीय महिला काव्य मंच की (Vice Presidents)
सचिव* अखिल भारतीय रैगर महासभा (महिला प्रकोष्ठ दिल्ली प्रदेश) - महासचिव*”भाषा सहोदरी हिन्दी” – गत वर्षो से “भाषा सहोदरी हिन्दी” द्वारा हिन्दी के प्रचार व प्रसार में निरंतर प्रयासरत
संपर्क : कवियित्री चन्द्रकांता सिवाल ” चंद्रेश “
5 ए / 11040 गली नम्बर -9 सत नगर डब्ल्यू ई ए करौल बाग़ न्यू दिल्ली – 110005
8383096776, 9560660941
ई मेल आई डी– [email protected]
श्री मच्छिंद्र बापू भिसे
जन्मतिथि: ०३ मई १९८५
जन्मस्थान: भिराडाचीवाडी, डाक भुईंज, तहसील वाई जिला सातारा (महाराष्ट्र)
शिक्षा: स्नातकोत्तर (हिंदी साहित्य), व्याख्याता (सेट-हिंदी), शिक्षक अभियोग्यता एवं पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण
लेखन विधा: कविता, हाइकु, गीत, क्षणिकाएँ, आलेख, एकांकी, कहानी, समीक्षा आदि.
प्रकाशन: साहित्य समीर दस्तक (भोपाल), हिंदी अध्यापक मित्र (चिपळूण), शाश्वत सृजन (उज्जैन), साहित्य गुंजन (इंदौर), संगिनी(बड़ोदरा), राष्ट्र समर्पण (नीमच-मध्यप्रदेश) आदि राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में स्व-रचित रचानाएँ प्रकाशित. सलिला संस्था, राजस्थान की अध्यक्षा डॉ. विमला भंडारी द्वारा संपादित ‘देख लो जग सारा’ बाल साहित्य यात्रावर्णन के साजा संकलन में ‘चित्तौड़गढ़ की धरती से मुलाकात’ यात्रावृत्त प्रकाशित. हिंदी अध्यापक, छात्र एवं साहित्यकारों को समर्पित ब्लॉग पर लेखन कार्य. हिंदीभाषा.कॉम पर रचनाएँ प्रकाशित.
समीक्षात्मक कार्य: विभिन्न साहित्यकारों के द्वारा कृतियों पर समीक्षात्मक आलेख लेखन : ‘चीं-चीं-चीं’ एवं ‘चूँ -चूँ –चूँ’ हाइकु संग्रह-सूर्यनारायण गुप्त ‘सूर्य’, ‘गवरी’ लोक संस्कृति परिचायक किताब-महेंद्र भाणावत, ‘अपने-अपने सपने’ लघुकथा संग्रह-डॉ.घनश्याम अग्रवाल, ‘काचू की टोपी’ बाल लघुकथा संग्रह-गोविंद शर्मा. महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल में कक्षा ८ और १० के पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा के लिए आमंत्रित एवं सफल समीक्षण.
संपादक: सहसंपादक, महाराष्ट्र राज्य हिंदी शिक्षक महामंडल द्वारा प्रकाशित ‘हिंदी अध्यापक मित्र’ त्रैमासिक पत्रिका
सम्मान: राष्ट्रीय बालसाहित्य सम्मान समारोह, चितौड़गढ़, राजस्थान में महाराष्ट्र के प्रतिनिधित्व हेतु आयोजकों की ओर से स्मृतिचिह्न एवं किताबों की भेंट देकर सम्मानित, सलिला संस्था, सलूम्बर (राज्यस्थान) द्वारा आयोजित बालसाहित्यकार सम्मान समारोह एवं काव्य सम्मेलन में विशेष सहभागिता हेतु कार्यक्रम अध्यक्षा डॉ.विमला भंडारी जी के करकमलों द्वारा स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित. सातारा जिला हिंदी अध्यापक मंडल द्वारा आयोजित एम्. आर. शिंदे स्मृति जिला स्तरीय हिंदी अध्यापक वक्तृत्व प्रतोयोगिता में दो बार सम्मानित. महाराष्ट्र राज्य हिंदी अध्यापक महामंडल द्वारा आयोजित अध्यापक निबंध प्रतियोगिता २०१७-१८ में तृतीय पुरस्कार से सम्मानित। वर्ष २०१३ से २०१७ तक सातारा जिला हिंदी अध्यापक मंडल के द्वारा कक्षा दसवीं हिंदी विषय के विशेष परिणामों को लेकर पाँच बार सम्मानित।
अभिरुचि: अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ साहित्य वाचन, लेखन एवं समकालीन साहित्यकारों से सुसंवाद करना- कराना ।
संप्रति: अध्यापक, मौलिक लेखन तथा सहसंपादक
निवास पता: मच्छिंद्र भिसे, भिराडाचीवाडी, डाक भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा – ४१५ ५१५ (महाराष्ट्र)
मोबाईल नं.:9730491952 / 9545840063
ई–मेल: [email protected] , [email protected]
ब्लॉग्स: http://bhisesir3585.blogspot.com , http://hinditeacherssatara.blogspot.com
श्री हिमांशु राय
पिता – स्व शेषनारायण राय
जन्मतिथि – 18 03 1954
शिक्षा – एम एस सी रसायनशास्त्र
विशेष –
- राष्ट्रीयकृत बैंक के सेवानिवृत अधिकारी
- शिक्षा के दौरान छात्र राजनीति में सक्रिय। शिक्षा के उपरांत विवेचना के नाट्य दल के संस्थापक सदस्य। सन् 1975 से विवेचना में सक्रिय। विवेचना के पहले नाटक से विवेचना में सक्रिय। विवेचना के अनेक नाटकों में अभिनय। बंसी कौल के द्वारा निर्देशित नाटक दश कुमार चरित में मुख्य भूमिका, अरूण पांडेय द्वारा निर्देशित नाटक ’थेंक यू मि ग्लाड’ में मुख्य भूमिका, आलोक चटर्जी के निर्देशन में ’सगीना महतो’ में भूमिका के अलावा अनेक नाटकों में अभिनय.
- अखबारों में कॉलम लेखन। सामाजिक राजनैतिक व सांस्कृतिक विषयों पर लेखन।
- सांस्कृतिक संस्था विवेचना के सचिव। विवेचना के माध्यम से जबलपुर में स्तरीय नाटकों के मंचन का सतत आयोजन। विवेचना की राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के लिए प्रतिबद्ध। सन् 1994 से विवेचना के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नाट्य समारोह के डिजायनर और आयोजक।
- मध्यप्रदेश कला परिषद भोपाल की कार्य परिषद के निर्वाचित सदस्य।
- जबलपुर में नाट्यगृह आंदोलन के जनक और संयोजक। विगत 25 वर्षों से जारी विवेचना के वृहत आयोजन राष्ट्रीय नाट्य समारोह के परिकल्पक।
- इप्टा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष। मासिक पत्र इप्टावार्ता के संपादक।
- शहर में साक्षरता अभियान में महत्वपूर्ण योगदान। बीस हजार महिलाओं को साक्षर बनाने के आंदोलन का संगठन का अनुभव। सन् 1997 में जबलपुर में आए भूकंप के बाद जबलपुर जिले में भूकंप रोधी मकानों के निर्माण के लिये जनजागरण और तकनीकी ज्ञान देने के लिए निकाली गई यात्रा का नेतृत्व। जबलपुर शहर के सांस्कृतिक परिवेश को सुदृढ़ करने के लिए कृत संकल्पित। मध्यप्रदेश में स्वयंसेवी संगठनों और सामाजिक संगठनों से सतत संपर्क व कार्य।
डॉ. ऋचा शर्मा
सहयोगी प्राध्यापक तथा अध्यक्ष–हिंदी विभाग, अहमदनगर कॉलेज, अहमदनगर
शिक्षा – एम. ए. –(हिंदी, संस्कृत), पीएच. डी.
अनुवाद पदविका – सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ, पुणे
अध्यापन अनुभव – 25 वर्ष
- आबासाहेब गरवारे कॉलेज, पुणे
- हिंदी विभाग, पुणे, विद्यापीठ पुणे
- सन 1999 से अहमदनगर कॉलेज, अहमदनगर
शोध निर्देशक – 1) सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ – पुणे
2) यशवंतराव चव्हाण मुक्त विद्यापीठ नाशिक
शोध ग्रंथ परीक्षक – 1) तुकडोजी महाराज विद्यापीठ नागपुर
2) उच्च शिक्षा तथा शोध संस्थान तथा दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा हैदराबाद
3) शिवाजी विद्यापीठ कोल्हापुर
शोध छात्र –
पीएच.डी. – 03 शोधार्थी मेरे मार्गदर्शन में पीएच. डी. की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं |
06 शोधार्थी शोध कार्य कर रहे हैं |
एम.फिल – 06 शोधार्थी मेरे मार्गदर्शन में एम. फिल. की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं |
लघु शोध प्रकल्प – UGC – 03 – पूर्ण
प्रकाशित साहित्य –
- काव्य संग्रह – 02
- समीक्षात्मक – 03, 01 – नई दिल्ली प्रेस में
- संपादित कृतियां – 10
- शोध लेख – 40
- सह लेखन – 01
- अनुवाद – 02
– हंस, अक्षरा, साक्षात्कार, राष्ट्रवाणी, गुंजन, अनुशीलन, भाषा, संरचना आदि साहित्यिक कृतियों में
लेख तथा लघुकथाएं प्रकाशित |
पुरस्कार / सम्मान –
- बोल्ट एवार्ड – एअर इंडिया द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ शिक्षक’ पुरस्कार – 2006, नागपुर
- साहित्य महोपाध्याय – हिंदी साहित्य सम्मलेन, प्रयाग, 9, 10 मई 2010 को आगरा में प्रदान
- महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी मुंबई द्वारा 2013 – 14 का ‘विधा पुरस्कार प्राप्त |
- महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा पुणे द्वारा आदर्श शिक्षक पुरस्कार प्राप्त – 2016
साहित्यिक तथा हिंदी प्रचार संस्थाओं से संबंद्ध –
- महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे – सहसंपादक – राष्ट्रवाणी
- केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली – मार्गदर्शक साहित्यकार तथा समन्वयक – नवलेखक शिविर
- हिंदी साहित्य सम्मलेन, प्रयाग
- हिंदी सृजन सभा के द्वारा अहमदनगर में साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन
मोबाईल – 09370288414/8999039882
Email Id – [email protected]
डॉ. अंजना सिंह सेंगर
व्यक्तित्व:
साहित्य प्रेम के कारण केंद्र सरकार की सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त अधिकारी। सेवानिवृत्त होकर पूरी तरह से साहित्य सेवा में लीन। जिसके परिणाम स्वरूप बहुत ही कम समय में प्रदेश के कई जिलों के साथ ही कुछ राज्यों में सफल काव्य मंचन।
वर्तमान में
- चेयरपर्सन, बद्रीनारायण सिंह एजुकेशनल ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस प्रतापगढ़
- चेयरपर्सन चंद्रा एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट प्रतापगढ़
- राष्ट्रीय महिला काव्य मंच की उत्तर-प्रदेश इकाई की अध्यक्ष
कृतित्व:
- मन के पंख
- जुगनू की जंग
- गजल संग्रह “जुस्तजू”
- हिंदी गजल संग्रह “हिचकियाँ”
- तन दोहा मन मुक्तिका (दोहा-मुक्तक संकलन) में कुछ दोहा-मुक्तक प्रकाशित
- किताब घर प्रकाशन की 101 महिला गज़लकार संकलन में ग़ज़लें प्रकाशित
- विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कवितायें, लघु कथाएँ व संस्मरण प्रकाशित होते रहते हैं
- आकाशवाणी इलाहबाद से कविताएँ, लेख व प्रतियोगी कार्यक्रम प्रसारित
- आकाशवाणी आगरा से कविताओं का प्रसारण
साहित्यिक उपलब्धियाँ:
- 8वाँ एशियाई लिट्रेरी एक्सीलेंस अवॉर्ड (दुबई के भारतीय दूतावास में)
- 26वाँ आशीर्वाद राजभाषा सारस्वत सम्मान, मुंबई
- डॉ. गोपालदास नीरज गीत रत्न सम्मान -2019
- राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा- साहित्य गौरव सम्मान -2018
- डॉ. गोपालदास नीरज ट्रस्ट द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर- नारी शक्ति सम्मान-2019
- राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी अलीगढ़ के गृहलक्ष्मी फ़ाउंडेशन द्वारा -गृहलक्ष्मी अवॉर्ड -2019
- 11 वाँ नेशनल वुमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड 2018, नई दिल्ली
- अवॉर्ड काउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा-साहित्य सेवा गौरव सम्मान
- राज्यपाल द्वारा मानस संगम साहित्य सम्मान 2018, कानपुर
- जाकिर हुसैन फाउंडेशन अलीगढ़ द्वारा पैंटागन एक्सीलेंस 2019 सम्मान
- वैदेही फाउंडेशन लखनऊ द्वारा रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य सम्मान-2019
- ऑल इण्डिया वुमेन डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग सोसाइटी, दिल्ली द्वारा शक्ति स्वरूपा सम्मान-2019
- इंडो यूरोपियन चैम्बर द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय शक्ति अचीवमेंट अवार्ड-2018 दिल्ली
- लखनऊ की समग्र सेवा संस्थान व एक पहल वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा अवध सम्मान-2018
- आजमगढ़ साहित्य गौरव सम्मान
- डॉक्टर हरिऔध साहित्य रत्न सम्मान
- नारी शक्ति सम्मान
- कलाश्री सम्मान
- गीतिका श्री सम्मान
- मुक्तक लोक भूषण सम्मान
- भारत विकास परिषद की सुगंधा शाखा द्वारा साहित्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मान
- राष्ट्रीय जनहित सेवा 2018 सम्मान, लखनऊ
- मुक्तक श्री सम्मान
- काव्य श्री सम्मान
- एएमयू के कुलपति द्वारा सम्मानित-2018
- एम आई एस ऩिआउज द्वारा सम्मानित-2018
- उत्तर प्रदेश लोकसेवक परिवार महासमिति द्वारा ‘’तेजस्विता’’ उमेश गुरू लेखन सम्मान
- अन्य साहित्यिक मंच के सम्मान
- समाचार पत्र दैनिक जागरण के साहित्य विशेष ‘’पुनर्नवा’’ पृष्ठ में रचनाओँ और पुस्तक का प्रकाशित होना
- विभिन्न प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं में साक्षात्कार प्रकाशित हो चुके हैं
संपर्क – जिलाधिकारी आवास, चर्च कंपाउंड, सिविल लाइंस, अलीगढ, उत्तर प्रदेश -202001
ईमेल : [email protected]
सुश्री निर्देश निधि
लेखन विधा – कहानी ,कविता,संस्मरण,समसामयिक लेख।
विशेष – पर्यावरण पर लिखी एक कविता ”विनती” हिन्दी पाठ्यक्रम में सम्मिलित ।
प्रकाशन –
- एक कहानी संग्रह “झांनवाद्दन” प्रकाशित ।
- अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में कवितायें, लेख, रेखाचित्र, कहानियाँ, संस्मरण, लघुकथाएँ आदि प्रकाशित।
प्रसारण –
- आकाशवाणी से निरंतर रचनाएँ प्रसारित।
- रेडियो नोएडा से साक्षात्कार प्रसारित
सम्पादन –
- ‘बुलंदप्रभा’ साहित्यिक त्रैमासिक मेँ उपसंपादक
- नगर पालिका बुलंदशहर की त्रैमासिक पत्रिका ”प्रगति” का सम्पादन
- सामूहिक काव्य संग्रह “परिवर्तन” का सम्पादन ।
सम्मान एवं अलंकरण –
- ग्यारहवें विश्व हिंदी सम्मेलन मॉरीशस में भारतीय सरकार की ओर से प्रतिनिधि सम्मान
- संस्कार भारती से “काव्य गरिमा” सम्मान – 2014
- शुभम संस्था से “हिन्दी श्री” सम्मान 2018
- समन्वय संस्था से “सृजन सम्मान” 2018
- बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में पुरस्कृत100 विदुषियों में चयन 2019
संपर्क – निर्देश निधि, विद्या भवन, कचहरी रोड, बुलंदशहर, (उप्र ) पिन – 203001
ईमेल – [email protected] मोबाईल – 9358488084
डॉ राकेश ‘चक्र’
नाम- डॉ राकेश ‘चक्र’ (अभिलेखों में नाम डॉ राकेश कुमार गुप्त)
जन्म – 14/ 11/ 1954 ग्राम-साजाबाद , अलीगढ़, उत्तर प्रदेश।
शिक्षा – एम. ए., एलएल.बी, डीएटी, एमडी( एक्यूप्रेशर), योग एक्सपर्ट। सेवानिवृत्त अधिकारी इंटेलीजेंस विभाग ,उत्तर प्रदेश।
जन्म स्थान- ग्राम – शाहजहांपुर, पोस्ट – जलाली, जिला अलीगढ़ ,उत्तर प्रदेश।
सृजित विधाएँ – गद्य, पद्य, बाल साहित्य , प्रेरणाप्रद साहित्य, स्वास्थ्य , योग और एक्यूप्रेशर आदि में स्वतंत्र लेखन।
कुल प्रकाशित मौलिक पुस्तकें–
अब तक कुल 148 मौलिक कृतियाँ प्रकाशित । प्रमुख मौलिक कृतियाँ 132 ( बाल साहित्य व प्रौढ़ साहित्य ) तथा लगभग तीन दर्जन साझा – संग्रह प्रकाशित । कई पुस्तकें प्रकाशनाधीन।
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा बाल साहित्य के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान ‘बाल साहित्य श्री सम्मान’ और उत्तर प्रदेश सरकार के हिंदी संस्थान द्वारा बाल साहित्य की दीर्घकालीन सेवाओं के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान ‘बाल साहित्य भारती’ सम्मान, अमृत लाल नागर सम्मान, बाबू श्याम सुंदर दास सम्मान तथा उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संस्थान के सर्वोच्च सम्मान सुमित्रानंदन पंत , उत्तर प्रदेश रत्न सम्मान सहित पाँच दर्जन से अधिक प्रतिष्ठित साहित्यिक एवं गैर साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित एवं पुरुस्कृत।
प्रमुख पुरुस्कार एवं सम्मान:-
1.राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ‘सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार’ 2007
2 .उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा ‘बाबू श्याम सुन्दरदास सर्जना पुरुस्कार’ 2012
3 .साहित्य मण्डल श्रीनाथ द्वारा ‘श्रीमती कंचनबाई राठी सम्मान’ 2018
4.’बाल साहित्य श्री सम्मान ‘ उड़ीसा, 2018
5.उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा ‘अमृत लाल नागर बाल कथा सम्मान’ 2018
6.दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ‘बाल साहित्य श्री सम्मान’ 2018 (डेढ़ लाख की धनराशि सहित) ।
7. मैं भारत हूँ मुम्बई द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान , ‘ उत्तर प्रदेश रत्न सम्मान ‘ 2021।
8.उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर बाल साहित्य की दीर्घकालीन सेवाओं के लिए दिया जाना सर्वोच्च सम्मान ‘ बाल साहित्य भारती ‘ ( धनराशि ढाई लाख सहित)। आदि
9.सजलश्री अलंकरण सम्मान – 2021 राष्ट्रीय स्तरीय प्रज्ञा सम्मान समारोह फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश।
सामाजिक सेवाएँ
निःशुल्क चिकित्सा योग , एक्युप्रेशर और आहार – विहार द्वारा।
मोटिवेशनल आख्यान और चिकित्सा सेवाएँ विद्यालयों एवं वृद्ध आश्रमों आदि में।
कार्यक्षेत्र- वर्तमान में लेखन और समाज सेवा, एक्यूप्रेशर और योग द्वारा निशुल्क चिकित्सा। विद्यालयों में निशुल्क मोटिवेशनल आख्यान।
संपर्क – 90 बी शिवपुरी (डबल फाटक) मुरादाबाद 244001 उत्तर प्रदेश
ब्लॉग – http://rakeshchakra.blogspot.com
दूरभाष – 9456201857
ईमेल – [email protected]
सुश्री दीपिका गहलोत “मुस्कान’
आपने बचपन में ही स्कूली शिक्षा के समय से लिखना प्रारम्भ किया था।
- आपकी पहली रचना दैनिक भास्कर में 1997 में प्रकाशित हुई थी।
- आपकी रचनाएँ सकाळ एवं अन्य प्रतिष्ठित समाचार पत्रों / पत्रिकाओं में प्रकाशित
- मानव संसाधन की पत्रिकाओं (HR Miter/Hopes magazine ) में रचनाएँ समय समय पर प्रकाशित होती रहती हैं ।
- हाल ही में आपकी कविता “Sahyadri Echoes” में पुणे के प्रतिष्ठित काव्य संग्रह में प्रकाशित जिसका पुणे के क्रॉसवर्ड में विमोचन किया गया
- प्रबंधन संस्थान की वार्षिक मानव संसाधन संस्थान की पत्रिका में रचनाएँ प्रकाशित
सम्प्रति –मानव संसाधन में वरिष्ठ प्रबंधक
श्रीमती छाया सक्सेना ‘प्रभु’’
शिक्षा: बी. एस. सी., बी. एड., एम. ए. राजनीति विज्ञान, एम. फिल. ( नीति शोध )
जीवन साथी: श्री मनीष सक्सेना
व्यवसाय: पूर्व उच्चश्रेणी शिक्षिका, संप्रति- स्वत्रंत लेखन।
वर्तमान पद – अधीक्षक नारी मंच, संगम सुवास, *कोषाध्यक्ष*- साहित्य संगम संस्थान (एस-1801-2017) नई दिल्ली
प्रबंध संपादक – अविचल प्रभा मासिक ई पत्रिका, साहित्य संगम संस्थान।
मुख्यालय सचिव – अभियान, विश्ववाणी संस्थान, जबलपुर (म.प्र.)
प्रकाशित कृतियाँ – व्यक्तिगत ई काव्य संग्रह- धवल काव्य अनुभूति, ई लघुकथा संग्रह- ड्योढ़ी के पार।
साझा पुस्तकें – एक पृष्ठ मेरा भी, समीक्षा सुधा, छंद कलश, मन की बात, दो शब्द, साहित्यमेध, छंद शास्त्र, भाव स्पंदन, कविता अनवरत, लघुकथा साझा संकलन, मन की बात, बरनाली (उपन्यास )नयी सदी की लघुकथाएँ, मासिक पत्रिकाओं में, दोहा नर्मदा, मिली भगत ( व्यंग्य संकलन)।
संपादन- साझा संकलन लघुकथा संगम, 25 रचनाकार विशेष पुस्तक साहित्यमेध, साझा उपन्यास, कई साझा काव्य संकलन का।
सम्मान – अभ्युदय सम्मान, संगम रत्न सम्मान, काव्य श्री, जिज्ञासा रत्न सम्मान, काव्य कलश , दोहा सिद्ध, काव्यधारा रत्न, भाव भूषण,हिन्दी रत्न ।
संपर्क- माँ नर्मदे नगर, म.न. -12, फेज- 1 बिलहरी, जबलपुर ( म. प्र.) – 482020
मो. 7024285788 [email protected]
श्री प्रभाकर महादेवराव धोपटे
जन्मतारीख – 28 मार्च 1951
शैक्षणिक पात्रता – एम.काॅम.एम.ए(समाजशास्त्र), एम.ए.(अर्थशास्त्र), डी.आय.आर.पी.एम.
सम्प्रति – सेवानिवृत्त वरीष्ठ लेखापाल, वेस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमीटेड, चंद्रपूर क्षेत्र
छंद –
बिभत्स सोडून इतर सर्व रसातील कविता करणे, त्यांना चाली लावणे व गात राहणे. वाचन, लेखन करणे. शार्दुलविक्रिडित मध्ये मंगलाष्टके रचणे आणि गाणे
व्यक्तिमत्व विकास यावर शाळा, काॅलेज, प्रशिक्षण केंद्र, इ.ठिकाणी व्याख्यान देणे.
प्रकाशित पुस्तके –
- सुंदरसुताची भावसुमने(काव्यसंग्रह)
- असे आमचे दादाजी (अनुभव कथन)
- स्वप्नपाकळ्या (काव्यसंग्रह)
पदे –
- सचिव,समता शिक्षण विकास मंडळ, चंद्रपूर
- सचिव,ग्राहक जागृती संघ, चंद्रपूर
- कोषाध्यक्ष,विदर्भ साहित्य संघ,गोंड्वन शाखा
- कोषाध्यक्ष,सुर्यांश साहित्य व सांस्कृतिक मंच, चंद्रपूर
- संचालक,ताराशक्ती आय.टी.आय.चंद्रपूर
- संचालक,मुक्तांगण, नागपूर
- माजी क्षेत्रीय कल्याण समिती सदस्य, चंद्रपूर क्षेत्र,वेस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमीटेड.
सहभाग –
- आकाशवाणी वरुन अनेकदा कवितांचे व मुलाखतीचे कार्यक्रम झाले आहेत.
- विविध राज्यस्तरीय कवी सम्मेलनासाठी निमंत्रीत कवी म्हणून बोलाविले जाते.
- दिवाळी अंकातून कथा व कविता प्रकाशित झालेल्या आहेत.
- एकवार कविवार,सुर्यांश साहित्य मंच, फिनिक्स साहित्य मंडळ, विदर्भ साहित्य संघ,झाडिबोली साहित्य मंडळ, आम्ही मराठी ई. तून सतत कविता वाचन व गायन
- डेबुजी वृध्दाश्रमात मनोरंजनास्तव कविता वाचन, गायनाचा कार्यक्रम सादर करीत असतो.
- वेकोली, चंद्रपूर क्षेत्रात सांस्कृतिक व कल्याणकारी कार्यक्रमांचे संचालन व सांस्कृतिक सहभाग
- एक विनोदी एकांकिका लिहून तयार आहे .प्रकाशन प्रक्रिया सुरू आहे.
पत्ता – मंगलप्रभू,समाधी वार्ड, चंद्रपूर, पिन कोड 442402 ( महाराष्ट्र )
संपर्क क्र – +919822721981
डॉ प्रतिभा मुदलियार
जन्म तिथी– 8-12-1959
जन्मस्थान- बेलगांव, कर्नाटक
अर्हता-
- एम.ए. (हिंदी) वर्ष 1984 कर्नाटक विश्वविद्यालय धारवाड़, कर्नाटक
- पीएच.डी. (नरेश मेहता के काव्य का अनुशिलन) वर्ष 1990 कर्नाटक विश्वविद्यालय धारवाड़, कर्नाटक
- डी.लिट्. (बीसवीं सदी के प्रबंध काव्यों का सांस्कृतिक चेतना) वर्ष 2000 दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, मद्रास.
- डिप्लोमा इन ट्रान्सलेशन (अंग्रेजी हिंदी) वर्ष 1984 कर्नाटक विश्विद्यालय धारवाड़, कर्नाटक
अध्यापन- कुल 25 वर्ष का अध्यापन
- 1984 से 1999 तक बी. के. काँलेज ऑफ आर्टस एण्ड साइन्स, बेलगाँव, कर्नाटक में सेवा प्रदान,
- 1999 से अबतक मैसूर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में अद्यापन
- हांकुक युनिर्वसीटी ऑफ फोरन स्टडिज, साउथ कोरिया में वर्ष 2005 से 2008 तक अतिथि हिंदी प्रोफेसर के रूप में कार्यरत।
पुरस्कारः
- राष्ट्रीय पुरस्कारः वर्ष 1996 (नाच ग घूमा पुस्तक के लिए)
- सारस्वत सम्मानः वर्ष 2001
- हिंदी मार्तंडः वर्ष 2002
- लाल बाहदुर शास्त्री सम्मान, 2012
- वीरांगना सावित्री बाई फूले सम्मान 2013
- हिंदी रत्न- भारतीय भाषा परिषद- 2014
- पूरणचंद रिद्धिलता लुहाडिय पुरस्कार- 2014
प्रकाशित पुस्तकें-
- नाच ग घूमा (मराठी आत्मकथा का अनुवाद) 1994
- नरेश मेहता के काव्य का अनुशिलन ( समीक्षा) 1997
- नदी संगे वाहताना (कन्नड कविताओं का हिंदी अनुवाद) 2002
- क्षण हवे नको ते(हिंदी उपन्यास का मराठी अनुवाद) 2002
- खंड खंड अग्नि (हिंदी काव्य नाटक का मराठी अनुवाद) 2004
- लेख और आलेख (समीक्षा) 2003
- हाशिए पर (कविता संग्रह) 2005
- हिंदी वार्तालाप (विदेशी छात्रों के लिए व्यावहारिक हिंदी पर पुस्तक)2008
- हिंदी पत्रकारिता 2009
- अपार साई की अपूर्व गाथा (साई बाबा पर आधारित मराठी उपन्यास का हिंदी अनुवाद)2014
- बदामी चालूक्य तथा बाहुबली ( अनुवाद- अंग्रेजी-हिंदी) -2014
- साई की जीवनी पर आधारित मराठी उपन्यास का हिंदी अनुवाद
- स्त्री विमर्श और समकालीन संदर्भ
- स्वप्न से सत्य की ओर ( आत्मकथा का अनुवाद – प्रकाशनाधिन)
- भारतीय साहित्य ( प्रकाशनाधिन)
संपादित पुस्तकें
कविता तरंग
साहित्य सोपान
कविता कहानी कलश
साहित्य सप्तक
- स्वरचित कविता, कहानियाँ, अनुवाद, सर्वेक्षण तथा साक्षात्कार आदि हिंदी तथा मराठी की कई पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित।
- कई विश्वविद्यालयों के पाठ्य सामग्री निर्माण लेखन में सक्रिय सहभागिता
- कई राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में विशेषज्ञ के रूप में भाषण तथा आलेख प्रस्तुति।
- कई राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में शोध आलेख प्रकाशित।
- कर्नाटक तथा कर्नाटक के बाहर के कई विश्वविद्यालयों के अध्य़यन मंडली तथा परीक्षा मंडली की सदस्यता
- कई विश्वविद्यालयों के नियुक्ति मंडली की सदस्यता
- के.पी. एस. सी की नियुक्ति मंडली में सदस्यता
- के सेट तथा नेट के परीक्षा मंडली में सदस्यत्व
- राष्ट्रीय तथा अतंराष्ट्रीय संगोष्ठी तथा हिंदी कार्यशालाओं का आयाजन
संप्रतिः
प्रोफेसर
हिंदी विभाग मैसूर, विश्वविद्यालय
मानस गंगोत्री, मैसूर 570006
दूरभाषः कार्यालय 0821-419619 निवास- 0821- 2415498, मोबाईल- 09844119370, ईमेल: [email protected]
प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे
शिक्षा- एम.ए-इतिहास(टॉपर),एल-एल.बी,पी-एच.डी.
कार्यक्षेत्र- प्राध्यापक/प्रभारी प्राचार्य
कार्यालय- शासकीय जे.एम.सी.महिला महाविद्यालय,मंडला(म.प्र.)
साहित्यिक गतिविधियां- विगत चार दशकों नें देश के एक हज़ार से अधिक प्रकाशनों व विशेषांकों में दस हज़ार से अधिक रचनाएं प्रकाशित
प्रसारण- रेडियो,भोपाल दूरदर्शन,ज़ी-स्माइल,ज़ी टी.वी.,स्टार टी.वी., ई.टी.वी.,सब-टी.वी.,साधना चैनल से प्रसारण ।
प्रकाशन- गद्य-पद्य में 15 कृतियों का प्रकाशन
संपादन- 9 कृतियों व 4 पत्रिकाओं का सम्पादन
विशेष-
- सुपरिचित मंचीय हास्य- व्यंग्य कवि, संयोजक,संचालक,मोटीवेटर,शोध- निदेशक,विषय विशेषज्ञ,रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के इतिहास विभाग के अध्ययन मंडल के तीसरी बार व शासकीय पी.जी.ओटोनॉमस कॉलेज अध्ययन मंडल(इतिहास) के सदस्य,
- एम.ए.इतिहास की पुस्तकों का लेखन
- 100 से अधिक कृतियों में प्राक्कथन/ भूमिका का लेखन
- 200 से अधिक कृतियों की समीक्षा का लेखन
- राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में100 से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति
- सम्मेलनों/ समारोहों में 300 से अधिक व्याख्यान
- 200 से अधिक कवि सम्मेलन
- 400से अधिक कार्यक्रमों का संचालन
सम्मान/अलंकरण/ प्रशस्ति पत्र- देश के लगभग सभी राज्यों में 700 से अधिक सारस्वत सम्मान/ अवार्ड/ अभिनंदन
सर्वप्रमुख अवार्ड- म.प्र.साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी अवार्ड(निबंध )/ राशि-51000/
संपर्क पता- आज़ाद वार्ड-चौक,मंडला(म.प्र.)-481661
मोबाइल–9425484382,6261218245 ।
ई मेल-[email protected]
श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”
जन्मतिथि- 16 अगस्त 1951
शिक्षा –एम.काम.
पिता- स्वर्गीय रामनाथ शुक्ल “श्रीनाथ”
सेवा निवृत्ति – विजया बैंक, सहायक प्रबंधक 2011
“सम्पूर्ण लेखन को पढ़ने के लिए गूगल में जाकर https://www.sahityasankalan.com या साहित्य संकलन मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” जो कि अपने आप में तीन साहित्य कारों के लेखन को समग्र रूप से पढ़ सकते हैं। यह एक अनोखी पुस्तक गूगल में है। “
प्रकाशन-
1 क्राँति समर्पण 1980 (कहानी संग्रह), जबलपुर
2 याद तुम्हें मैं आऊँगा 1993 (काव्य संग्रह), रायपुर
3 एक पाव की जिंदगी1997(कहानी संग्रह), रायपुर
4 संवेदनाओं के स्वर 2012 (काव्य संग्रह) जबलपुर
5 दोहा दीप्त – काव्य संग्रह जबलपुर
6 बुंदेली उजियारो – बुंदेली काव्य संग्रह का सम्पादन
7 धुंध के उस पार – श्रीमती सरोज दुबे नागपुर, की कहानियों का संपादन
8 सजल सप्तक – सागर से प्रकाशनाधीन
9 टोरंटो (कनाडा) संस्मरणयात्रा – प्रकाशनाधीन
10 कविताएँ मनोज की – काव्य संग्रह – प्रकाशनाधीन
11 दोहे मनोज के (शब्दाधारित) प्रकाशनाधीन
कविताओं के आँगन में – प्रकाशनाधीन
12 सजलें मनोज की – प्रकाशनाधीन
कहानी संग्रह – प्रकाशनाधीन
13 यादों के झरोखे से – स्व. श्री रामनाथ शुक्ल “श्रीनाथ” की आत्मकथा का संपादन – प्रकाशनाधीन
14 विषयान्तर्गत दोहाश्रित रचना – प्रकाशनाधीन
मातृभारती, प्रतिलिपि इन्टरनेट – पर रचनाएँ एवं पुस्तकों का प्रकाशन
एवं विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं में कविता कहानियों का प्रकाशन
विशेष- 2015 टोरंटो कनाडा में एवं 2022 में अनेकों कार्यक्रम में सहभागिता, आकाशवाणी जबलपुर, रीवा एवं दूरदर्शन रायपुर में रचनाओं की प्रस्तुति, साथ ही छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश की अनेक संस्थाओं से संबद्धता। अखिल भारतीय साहित्य परिषद जबलपुर ईकाई के जिलाध्यक्ष एवं मंथन संस्था के संस्थापक ।
इंटरनेट की विभिन्न पत्रिकाओं एवं निजी वेबसाइट मैं रचनाओं एवं पुस्तकों का इन्टरनेट पर प्रकाशन ।
संपर्क – 58 आशीष दीप, उत्तर मिलोनीगंज जबलपुर (मध्य प्रदेश)- 482002
मो 94258 62550