श्रीमती सिद्धेश्वरी सराफ ‘शीलू’
(संस्कारधानी जबलपुर की श्रीमति सिद्धेश्वरी सराफ ‘शीलू’ जी की लघुकथाओं, कविता /गीत का अपना संसार है। । साप्ताहिक स्तम्भ – श्रीमति सिद्धेश्वरी जी का साहित्य शृंखला में आज प्रस्तुत एक भावुक एवं सार्थक लघुकथा “हैप्पी वेलेंटाइन डे”। इस लघुकथा के माध्यम से आदरणीया श्रीमती सिद्धेश्वरी जी ने कई सन्देश देने का सफल प्रयास किया है । एक ऐसी ही अतिसुन्दर रचना के लिए श्रीमति सिद्धेश्वरी सराफ जी की लेखनी को सादर नमन। )
☆ श्रीमति सिद्धेश्वरी जी का साहित्य # 78 ☆
? लघुकथा – हैप्पी वेलेंटाइन डे ❤️
“हैप्पी वैलेंटाइन डे!” फोन पर आवाज सुनकर हर्षा चहक उठी। शहर के हॉस्टल में थी। इस दिन को वह कैसे भूल सकती है।
आज ही के दिन तो वह मम्मी के साथ गांव के हर कुआं (well) पर जाकर (rose) गुलाब का फूल चढ़ाती है। क्योंकि इसी दिन तो उसका वैलेंटाइन डे हुआ था। उसके अपने बापू ने तो फिर से छोरी आ गई कहकर कुएं में गेरने (गिराने) ले गए थे।
वह तो भला हो उस सिस्टर दीदी का जिन्होंने रात के अंधेरे में ही समय रहते, हर्षा को गिराने से बचा ही नहीं लिया, अपितु अपना घर, पूरा जीवन बेटी बनाकर रख, अपना नाम और पहचान दी।
सिस्टर दीदी यानी मम्मी फोन पर!!!! और हॉस्टल में हर्षा अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी।
दोनो की आंँखों से शायद आँसू बह रहे थे। पर खुशी के थे। हर्षा ने फोन पर “हैप्पी वैलेंटाइन डे मम्मी” कहकर अपनी विश पूरी की। वैसे मम्मी और हर्षा का तो रोज वैलेंटाइन डे होता है। पर आज कुछ खास है।
विश यू आल ए वेरी हैप्पी वैलेंटाइन डे!!!
© श्रीमति सिद्धेश्वरी सराफ ‘शीलू’
जबलपुर, मध्य प्रदेश
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
सुंदर लघुकथा