महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत …. उत्तरमेघः ॥२.२॥ ☆
हस्ते लीलाकमलम अलके बालकुन्दानुविद्धं
नीता लोध्रप्रसवरजसा पाण्डुताम आनने श्रीः
चूडापाशे नवकुरवकं चारु कर्णे शिरीषं
सीमन्ते च त्वदुपगमजं यत्र नीपं वधूनाम॥२.२॥
लिये हाथ लीला कमल औ” अलक में
सजे कुन्द के पुष्प की कान्त माला
जहाँ लोध्र के पुष्प की रज लगाकर
स्वमुख श्री प्रवर्धन निरत नित्य बाला
कुरबक कुसुम से जहाँ वेणि कवरी
तथा कर्ण सजती सिरस के सुमन से
सीमान्त शोभित कदम पुष्प से
जो प्रफुल्लित सखे ! तुम्हारे आगमन से
© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈