सुश्री नीलम सक्सेना चंद्रा
(सुश्री नीलम सक्सेना चंद्रा जी सुप्रसिद्ध हिन्दी एवं अङ्ग्रेज़ी की साहित्यकार हैं। आप अंतरराष्ट्रीय / राष्ट्रीय /प्रादेशिक स्तर के कई पुरस्कारों /अलंकरणों से पुरस्कृत /अलंकृत हैं । सुश्री नीलम सक्सेना चंद्रा जी का काव्य संसार शीर्षक से प्रत्येक मंगलवार को हम उनकी एक कविता आपसे साझा करने का प्रयास करेंगे। आप वर्तमान में एडिशनल डिविजनल रेलवे मैनेजर, पुणे हैं। आपका कार्यालय, जीवन एवं साहित्य में अद्भुत सामंजस्य अनुकरणीय है।आपकी प्रिय विधा कवितायें हैं। आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता “ऐ जिंदगी”। )
आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सुश्री नीलम सक्सेना चंद्रा जी के यूट्यूब चैनल पर उनकी रचनाओं के संसार से रूबरू हो सकते हैं –
☆साप्ताहिक स्तम्भ ☆ सुश्री नीलम सक्सेना चंद्रा जी का काव्य संसार # 84 ☆
☆ ऐ जिंदगी ☆
ना कोई ख्वाहिश
ना कोई शिकवा ना गिला है
ऐ जिंदगी
मुझे तुझसे बहुत कुछ मिला है
ना कोई तमन्ना
ना कोई अभियोग, ना फ़रियाद
ऐ जिंदगी
तूने तो दिया है मेरा हर पल साथ
जो हुआ अच्छा हुआ
खुश हूँ इस ख्याल में
ऐसा होता तो वैसा होता तो
फंसती नहीं मैं इस जाल में
आयेगी जब शाम
और बुझ जायेगी ये शमां
खुशी खुशी मैं
दूसरी दुनिया में हो जाऊँगी रवां
© नीलम सक्सेना चंद्रा
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
बेहतरीन, अभिव्यक्ति
Bahut shukriya
Neelam