श्री संतोष नेमा “संतोष”
(आदरणीय श्री संतोष नेमा जी कवितायें, व्यंग्य, गजल, दोहे, मुक्तक आदि विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर हैं. धार्मिक एवं सामाजिक संस्कार आपको विरासत में मिले हैं. आपके पिताजी स्वर्गीय देवी चरण नेमा जी ने कई भजन और आरतियाँ लिखीं थीं, जिनका प्रकाशन भी हुआ है. आप डाक विभाग से सेवानिवृत्त हैं. आपकी रचनाएँ राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशित होती रहती हैं। आप कई सम्मानों / पुरस्कारों से सम्मानित/अलंकृत हैं. “साप्ताहिक स्तम्भ – इंद्रधनुष” की अगली कड़ी में प्रस्तुत हैं एक भावप्रवण रचना “हम पर कृपा करो घनश्याम ….”। आप श्री संतोष नेमा जी की रचनाएँ प्रत्येक शुक्रवार आत्मसात कर सकते हैं।)
☆ साहित्यिक स्तम्भ – इंद्रधनुष # 98 ☆
☆ हम पर कृपा करो घनश्याम…. ☆
निश दिन डूबे विषयों में हम, लीन्हों तनिक न नाम
स्वारथ से संसार भरो है, कौन यहाँ निष्काम
एक आस विश्वास तुम्ही हो, पूरन कर दो काम
लगे बहुत मेले माया के, भूल गए श्रीधाम
रोशन कर दो राह हमारी, दिखें हमारे श्याम
भक्ति-भाव “संतोष”न जाने, चरणन करे प्रणाम
© संतोष कुमार नेमा “संतोष”
सर्वाधिकार सुरक्षित