श्री राकेश कुमार
(श्री राकेश कुमार जी भारतीय स्टेट बैंक से 37 वर्ष सेवा के उपरांत वरिष्ठ अधिकारी के पद पर मुंबई से 2016 में सेवानिवृत। बैंक की सेवा में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के विभिन्न शहरों और वहाँ की संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिला। उनके आत्मकथ्य स्वरुप – “संभवतः मेरी रचनाएँ मेरी स्मृतियों और अनुभवों का लेखा जोखा है।”
आज प्रस्तुत है स्मृतियों के झरोखे से संस्मरणों की कड़ी में अगला संस्मरण – “सावधान, सचेत और सतर्क”.)
☆ संस्मरण ☆ सावधान, सचेत और सतर्क ☆ श्री राकेश कुमार ☆
(यादों के झरोखे से)
ट्रिन ट्रिन ……. मेरा हेलमेट कहां है ? Mrs बोली सुबह सुबह क्या हो गया है, हेलमेट तो पुराने स्कूटर के साथ free में ही 14 वर्ष पूर्व ही दे दिया था।
क्या सपना देख रहे थे , हां मैं अपने स्कूटर से हॉर्न बजा रहा था ट्रिन ट्रिन,तो Mrs बोली अरे वो दूधवाले का भोपू है उठो और उसके पैसे भी दे देना आज 4 तारीख़ हो गई है।
मुझे रात की बात याद आई अपने शर्मा का फोन था कह रहा था लफड़ा हो गया है। उसने 1995 में कोई abc स्कूटर बुक किया था 500 देकर। तीन माह बाद उसने डीलर से वो राशि नगद में वापिस ले ली थी। 2010 में उसे कोर्ट से सम्मन आया की आपकी स्कूटर से x की मृत्यु हो गई है। कई वर्षो से सिविल मुकदमा चलता रहा और अब सेशन कोर्ट ने victim को एक बड़ी राशि देने का निर्णय दिया है। RTO से कोई भी जानकारी शर्मा नहीं प्राप्त कर सका, हालांकि कोर्ट को आरंभ में शर्मा की पूरी जानकारी दी होगी। अब शर्मा उच्च न्यायालय में अपील कर रहा है।
रात को यही सब बाते हुई थी, इसलिए वैसे ही सपने आए! हमारे बुजुर्ग सही कहते थे संध्या काल में अच्छी और धार्मिक बातें ही करनी चाहिए।
मेरे कुछ मित्र अभी तक 25/30 वर्ष पुराने स्कूटर रखे हुए है। उनकी समस्या ये है कि कबाड़ी को बेचे तो वो इसका गलत उपयोग (बम…) के लिए भी कर सकता है।
आजकल तो इन स्कूटर को समान ढोने वाले रिक्शा के रूप में उपयोग कर रहे है। कोई कहता है इसको कटवा कर बेचना चाइए।
एक मित्र ने कहा हम तो इसको नही बेचेंगे इसके कई फायदे है आस पास के काम निपटा सकते है और जब तक पोर्च में खड़ा रहता है तो इस पर बैठ कर lock down में समय कट जाता है।लेकिन एक बात और भी बताई कि बच्चों की शादी करने के लिए Bio data में अपने status में ये भी लिख देते है कि “maintaining two wheeler and four wheeler (उनके पास कार भी तो है)।
अब बात स्कूटर की है, तो आप बीती भी बता देता हूं ! 80 के आरंभिक दशक में हमने भी तीन स्कूटर बेचे थे जिनका स्थानांतरण 2 वर्ष बाद ही हो सकता था उनके चालान आते रहे और हम राशि भरते रहे थे। क्रेता ने भी अपने नाम स्थानांतरण नहीं करवाया था।जिस बिचोलिए के माध्यम से बेचे थे वो भी इस मामले में अनिभिज्ञ था।
इसलिए हमेशा सावधान, सचेत और सतर्क रहे!
© श्री राकेश कुमार
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