॥ श्री रघुवंशम् ॥
॥ महाकवि कालिदास कृत श्री रघुवंशम् महाकाव्य का हिंदी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’॥
☆ “श्री रघुवंशम्” ॥ हिन्दी पद्यानुवाद सर्ग #12 (76-80) ॥ ☆
सर्गः-12
किया गरूड़ ने लखन को नागपाश से मुक्त।
पर क्षण संकट दे गया मेघनाथ से युद्ध।।76।।
तब पौलस्त्य ने शक्ति का लखन पै किया प्रयोग।
किन्तु राम के हृदय पै व्यापी गहरी चोट।।77।।
लाये तब संजीवनी महाबली हनुमान।
जिसने फिर जीवन दिया बचा लखन के प्राण।।78अ।।
लक्ष्मण ने उठ फिर किया भीषण युद्ध प्रगाढ़।
डर लंका की नारियाँ रोई आँसू ढार।।78ब।।
शरद आ करता मेघ औ इंद्रधनुष का नाश।
त्यों रावण-सुत ‘मेध’ का धनुसंग किया विनाश।। 79।।
कुंभकरण सुग्रीव से हो विरूप अँग-भंग।
मनःशिला सम रक्त मय भिड़ा राम के संग।।80।।
© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈