डॉ निशा अग्रवाल
☆ कविता – पहचान ☆ डॉ निशा अग्रवाल ☆
किसी को नाम से जाना जाता है
तो किसी को उसके काम से
किसी को उसकी फितरत से जाना जाता है
तो किसी को उसकी फुरकत से
किसी को उसकी रुचियों से जाना जाता है
तो किसी को उसकी खर्चियों से
किसी को उसके होलिये से जाना जाता है
तो किसी को साफा और तौलिए से
किसी को उस के गुरूर से जाना जाता है
तो किसी को उसके मगरूर से
किसी को पैसे से जाना जाता है
तो किसी को पद प्रतिष्ठा से
किसी को उसकी टाई कोट से जाना जाता है
तो किसी को फ़टी टूटी चप्पल से
किसी को उसकी शहादत से जाना जाता है
तो किसी को उसकी आदत से
एक मैं हूँ जो सिर्फ मेरी कलम से जानी जाती हूँ
एक मैं हूँ जो मेरी कलम से पहचानी जाती हूँ।
© डॉ निशा अग्रवाल
एजुकेशनिस्ट, स्क्रिप्ट राइटर, लेखिका, गायिका, कवियत्री
जयपुर, राजस्थान
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
Thanks alot Sir
Very nice