डॉ. हंसा दीप

संक्षिप्त परिचय

यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में लेक्चरार के पद पर कार्यरत। पूर्व में यॉर्क यूनिवर्सिटी, टोरंटो में हिन्दी कोर्स डायरेक्टर एवं भारतीय विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक। तीन उपन्यास व चार कहानी संग्रह प्रकाशित। गुजराती, मराठी व पंजाबी में पुस्तकों का अनुवाद। प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ निरंतर प्रकाशित। कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार 2020।

☆ आलेख ☆ बहुसांस्कृतिक और बहुआयामी – कैनेडा का शहर टोरंटो ☆ डॉ. हंसा दीप 

हर शहर का अपना एक वजूद, अपना वैशिष्ट्य और अपना एक अंदाज़ होता है। दुनिया के हज़ारों शहरों की भीड़ में कैनेडा का प्रमुख शहर टोरंटो अपनी कई खूबियों के साथ एक ऐसी जगह के रूप में उभर कर सामने आता है जो अपने बहुसांस्कृतिक एवं बहुआयामी स्वभाव के साथ अपनी आत्मीयता और सौहार्द्र के लिये भी जाना जाता है। सन् उन्नीस सौ चौरानबे में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में रहते हुए मैं और मेरा परिवार सिर्फ घूमने के लिये टोरंटो आये थे। टोरंटो शहर की उस तीन दिनों की यात्रा ने हमारा मन ऐसा मोह लिया कि दो वर्ष की अवधि में ही हम इस शहर के हो कर रह गए। इस शहर ने अपनी बाँहें फैलाकर हमारा स्वागत किया और एक नयी पहचान दी। तब से आज तक इस शहर के कई नये पहलुओं से हमारा परिचय होता रहा है। फिर चाहे वह सामाजिक पहलू हो, आर्थिक हो, सांस्कृतिक हो, कलात्मक हो, भाषायी हो, शैक्षणिक हो, खेलकूद हो या फिर धार्मिक ही क्यों न हो, हर जगह अपना श्रेष्ठ देने और अपना श्रेष्ठ लेने की परंपरा का अनुसरण करना सिखाता है यह शहर।   

कैनेडा में आप्रवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में अपनी वर्तमान और ऐतिहासिक भूमिका को दर्शाता है टोरंटो। कई देशों के लोग बेहतर जीवन की तलाश में जब अपने देश के बाहर बसेरा खोजते हैं तो कैनेडा और शहर टोरंटो उनकी पहली पसंद की सूची में होता है। विविध संस्कृतियों को अपने में समेटे यह शहर अपनी विराट पहचान ही इसी परिप्रेक्ष्य में निर्मित करता है। शहर की बसाहट में संस्कृतियों की बहुलता के साथ धार्मिक, आर्थिक, भाषायी, व बहुआयामी कलात्मक और पेशेवर घटक इसे कैनेडा के दूसरे शहरों से पृथक कर एक नयी पहचान देते हैं।  

( 1 & 3 टोरंटो शहर 2 टोरंटो सिटी हाल)

‘सीएन टावर’, ‘रॉयल ओंटेरियो म्यूज़ियम’, किला ‘कासालोमा’  मुख्यत: इस शहर के विशेष पहचान स्मारक हैं। जब शहर के बीचों-बीच डाउन टाउन की सड़कों पर घूमते हुए, हर गली-चौराहे पर सी एन टावर झाँकता हुआ दिखाई देता है, तब जुड़ता है उससे रिश्ता, शहर से रिश्ता। अपनेपन का अहसास, शहर की ऊँचाइयों का अहसास। ऐसा शहर जो सिर्फ सी एन टावर की ऊँचाइयों से नहीं पहचाना जाता बल्कि हर क्षेत्र में उस ऊँचाई को छूता नज़र आता है। किसी भी शहर में सिर्फ घूमना और रहना उस शहर को अपना नहीं बनाता, उसे अपना बनाने के लिए हमें उसे महसूस करना पड़ता है। हमने भी भारत, मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले से चलकर न्यूयॉर्क तक का सफर किया और फिर टोरंटो को अपना घर बनाया। इस धरती से एक रिश्ता जोड़ते हुए अपने जीवन के सुनहरे पलों को अपने अंदर कैद किया। ख्यालों और सपनों की यह दौड़ दूर तलक जाती है। इतनी दूर कि शायद इन सपनों की ऊँचाइयाँ टोरंटो के सी एन टावर की ऊँचाइयों को भी छू लें। टोरंटो की पहचान बन चुके सी एन टावर को देखते हुए शरीर में फुरफुरी-सी दौड़ने लगती है। किसी भी शहर का पहचान चिन्ह, चाहे वह कोई खास इमारत हो या स्मारक, अपने आप में एक खासियत लिए, उस शहर की पहचान बन जाता है। शहर का ऐसा खास स्थान, जिसे देखकर लगता है कि उसके बगैर शहर अधूरा है। शहर को महसूस करने के लिए, उस स्थान को अपने में समेटना होता है। तभी हो पाती है उस शहर से एक खास जान-पहचान, एक खास दोस्ती जो उस शहर को दिल के करीब लाती है। 

दो सौ से अधिक विभिन्न देशों के लोग यहाँ निवास करते हैं जिनके भिन्न-भिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व वहाँ के लोगों द्वारा किया जाता है। जहाँ टोरंटो के अधिकांश लोग अपनी प्राथमिक भाषा के रूप में अंग्रेजी बोलते हैं, वहीं शहर में लगभग एक सौ साठ से अधिक भाषाएँ बोली जाती हैं। फ्रेंच यहाँ की द्वितीय आधिकारिक भाषा है। भाषाओं से संपन्न शहर टोरंटो में अंग्रेजी और फ्रेंच के अलावा, इटालियन, स्पेनिश, चीनी, जर्मन, अरबी, हिब्रू, फारसी, तमिल, हिन्दी, पंजाबी, उर्दू के अलावा भी कई भाषाओं का बोलबाला है। इन भाषाओं के कई कोर्स यहाँ की यूनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल में नियमित रूप से चलाए जाते हैं। भाषाओं की विविधता के साथ ही अंग्रेजी और फ्रेंच में हर आधिकारिक जानकारी उपलब्ध करायी जाती है।

बहुभाषायी विविधता के साथ स्वाभाविक ही बहुसंस्कृति को मान्यता देता यह शहर इन सारी भाषाओं से जुड़ी संस्कृतियों को बगैर किसी भेदभाव के समान अवसर देता है। बहुसांस्कृतिक परिवेश लिये यहाँ हर वर्ग के अपने बाज़ार हैं जहाँ वे सारी वस्तुएँ प्राप्त की जा सकती हैं जो संस्कृति विशेष के आयोजनों के लिये जरूरी होती हैं। यही विविधता टोरंटो के मन की विशालता के दर्शन करवाती है। इसी भावना के चलते टोरंटो शहर के भीतर, लिटिल इंडिया, लिटिल चाइना, चाइनाटाउन, लिटिल इटली, कोरसो इटालिया, ग्रीकटाउन, केंसिंग्टन मार्केट, कोएरटाउन, लिटिल जमैका, लिटिल पुर्तगाल और रोन्सेवेल्स (पोलिश समुदाय) जैसे और भी कई नाम अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं। ये नाम अपनी खास पहचान लिये होते हैं जो समुदाय विशेष की अपने देश को याद करने की इच्छा को पूरी करते हैं। यहाँ हर तरह के, हर देश और हर संस्कृति के त्योहारों का भरपूर आनंद लिया जाता है। उदाहरण के लिये दीवाली पर कई भारतीय बाज़ार ऐसे होते हैं जहाँ मिठाइयों के टैंट बाहर लगते हैं व आतिशबाजी की अनुमति भी ले ली जाती है। भारतीय समुदाय के लोग ऐसे कई भारतीय बाजारों का पूरा-पूरा आनंद उठाते हैं व भारत से दूर एक और भारत को आत्मसात करते हैं।  

अपनी संस्कृतियों से जुड़े कई धार्मिक स्थान अपनी महत्ता लिये हैं। हिन्दू मंदिर, जैन मंदिर, गुरूद्वारे, सिनेगॉग, चर्च और मस्जिद जैसे कई प्रार्थना स्थल हैं जो अपने-अपने श्रद्धालुओं के लिये आस्था और विश्वास के प्रतीक के रूप में अपना स्थान बनाये हुए हैं। यूँ तो यहाँ अनेक धर्मों के अनुयायी हैं पर दो हजार ग्यारह की जनगणना के अनुसार टोरंटो में सबसे अधिक ईसाई धर्म के अनुयायी थे। शहर में अन्य धर्मों का महत्वपूर्ण रूप से पालन करने वालों की संख्या में प्रमुख स्थान रखते हैं, इस्लाम, हिंदू धर्म, यहूदी धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म।  

टोरंटो का “रॉयल ओंटेरियो म्यूजियम” अपनी भव्यता और संग्रह के लिये कलाप्रेमियों व शोधकर्ताओं को आकर्षित करता है। यहाँ पर साउथ एशिया से संबंधित एक वृहत अनुभाग है जिसमें भारतीय सभ्यता की प्राचीनता और उत्कृष्टता को खूबसूरती के साथ दर्शाया गया है। विश्वभर के चित्रकला प्रेमियों के लिये “आर्ट गैलेरी ऑफ ओंटेरियो” नामक एक विशाल कला सेंटर है जहाँ चित्रकला की कई प्रदर्शनियाँ साल भर लगती हैं। गर्मी की छुट्टियों के दौरान बच्चों में चित्रकला को विकसित करने के लिये तमाम शिविर, कक्षाओं और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। यह समय इतना व्यस्ततम होता है कि साल भर पहले से टिकट बुक किए हों तो ही प्रवेश मिल पाता है अन्यथा अगले साल की प्रतीक्षा सूची का इंतज़ार करने के अलावा कोई चारा नहीं रहता। 

टोरंटो संगीत का भी एक प्रमुख केंद्र है जहाँ दूर-दूर से संगीत के मूर्धन्य कलाकार आते हैं और कई विशाल कान्सर्ट्स व आयोजनों में भाग लेते हैं। भारत से ही बॉलीवुड के कई जाने-माने गायक, अभिनेता हर वर्ष यहाँ आते हैं जिनके कॉन्सर्ट में लाखों लोग हिस्सा लेकर अपने मनोरंजन के साथ ही शहर के आतिथ्य भाव का परिचय देते हैं। साथ ही  कैनेडा के प्रमुख थिएटर, सिनेमा, और टेलीविजन के मुख्यालयों का घर भी यहीं पर है। साहित्य और कला के साथ ही खेलों की कई व्यावसायिक टीमें हैं जो पूरी दुनिया में अपने देश और शहर का प्रतिनिधित्व करती हैं।  

पर्यटकों के लिये एक खास पसंद है टोरंटो शहर जो दिल खोल कर अपनी मेजबानी का परिचय देता है। हर तरह की खान-पान की सुविधाएँ, हर देश का खाना, उम्दा रेस्टोरेंट और अपेक्षाकृत उचित दाम के कारण इस शहर में पर्यटक खिंचे चले आते हैं। हर साल लाखों पर्यटक यहाँ आते हैं जिनके लिये टोरंटो का डाउन टाउन इलाका, सी एन टॉवर और कई गगनचुंबी इमारतों के साथ एक विशेष आकर्षण का केंद्र होता है।

यही इलाका कई बैंकों के मुख्यालयों के साथ कई बहुराष्ट्रीय निगमों का मुख्यालय भी है। हर सुबह इसी क्षेत्र में सर्वाधिक आवाजाही होती है जब गगनचुम्बी इमारतों के तले, सूट-बूट से सजे हर उम्र के पेशेवर पुरुष और महिलाएँ फुटपाथ पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं। यह एक ऐसा विहंगम दृश्य होता है जो शहर की व्यावसायिकता के उच्च पैमानों को दर्शाता है। तब ऐसा महसूस होता है मानो काम और व्यक्तित्व के श्रेष्ठ नज़ारे से हमारा साक्षात्कार हो रहा हो।

उन्नीस सौ साठ के दशक के अंत तक टोरंटो दुनिया के सभी हिस्सों के आप्रवासियों के लिए एक गंतव्य बन गया था। उन्नीस सौ अस्सी के दशक तक, टोरंटो ने कैनेडा के सबसे अधिक आबादी वाले शहर और मुख्य आर्थिक केंद्र के रूप में मशहूर मॉन्ट्रियल शहर को पीछे छोड़ दिया था। इस समय के दौरान कई राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय निगमों ने अपने मुख्य कार्यालयों को मॉन्ट्रियल से टोरंटो में स्थानांतरित कर दिया था। आज टोरंटो की जनसंख्या का आँकड़ा लगभग चालीस लाख से ऊपर है।

टोरंटो की सैर करते समय ‘नायग्रा फॉल्स’ पर्यटकों के लिये एक बड़ा आकर्षण है जो शहर से लगभग एक घंटे की ड्राइव पर है। प्रकृति का ऐसा अजूबा है नायग्रा फॉल्स जो देखने वालों के रोंगटे खड़े कर देता है। ऊँचाइयों से गिरता पानी, एक ऐसा मनोरम दृश्य दिखाता है कि आँखें चकित होते हुए, जोशीले पानी पर ही टिकी रहती हैं। पानी का ऐसा आवेग, ऐसा जोश, ऐसा संगीतमयी राग, पर्यटकों के द्वारा ‘आह’ और ‘वाह’ के साथ देखा जाता है, महसूस किया जाता और कैमरों में कैद किया जाता है। इतनी ऊँचाई से बहता पानी मौसम के साथ अपना स्वभाव बदल लेता है। ये फॉल्स सर्दियों में बर्फ की चट्टान में तब्दील हो जाते हैं, असंख्य सैलानियों को अपनी ओर खींचते हुए। प्रकृति के अद्भुत नज़ारे का एक जीता-जागता उदाहरण पेश करता नायग्रा फॉल्स, कैनेडा का सबसे व्यस्त पर्यटन केन्द्र है जो टोरंटो के बेहद नजदीक है। यह रात की जगमगाती रौशनी के लिए भी विख्यात है, अलग-अलग दिशाओं से फेंकी जाने वाली रौशनी जब फॉल्स के पानी से प्रतिबिंबित होती है तो प्रकृति और मनुष्य के बीच की ‘पार्टनरशिप’ को विलक्षण व सुंदरतम स्वरूप दे देती है।  

यह शहर छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरा है और झील के किनारे बसा है। कभी हरियाली से घिरा रहता है, कभी रंग-बिरंगे खूबसूरत पत्तों और कभी बर्फ की सफेद चादर से। हर मौसम अपने मिजाज़ के साथ अलौकिक सौंदर्य बिखेरता है। एक ओर प्राकृतिक सुंदरता से रचा-बसा है शहर, तो दूसरी ओर प्राकृतिक विपदाओं से भी लगातार जूझता रहता है शहर टोरंटो। हर साल बर्फ के कहर को तो सहती ही है यहाँ की धरती, कभी-कभी बारिश के अंधड़नुमा प्रहार भी सहने पड़ते हैं इसे। आठ जुलाई दो हजार तेरह को धीमी गति से चलने वाली तेज आंधी के गुजरने के बाद टोरंटो में भयंकर बाढ़ आई। टोरंटो हाइड्रो यहाँ की इलेक्ट्रिक कंपनी है। इस कंपनी के समुचित प्रयासों के बाद भी तब तकरीबन साढ़े चार लाख लोगों को बिजली के बगैर रहना पड़ा था। इसके ठीक छह महीने के भीतर, बीस दिसंबर, दो हजार तेरह को, टोरंटो शहर ने अपने इतिहास के सबसे खराब बर्फीले तूफान का सामना किया, जो बर्फीले तूफानों की भयावहता का एक ऐसा रूप था जो शहर को पूरी तरह से झिंझोड़ गया था। तब भी तीन लाख से अधिक टोरंटो हाइड्रो के ग्राहकों के पास कोई बिजली या हीटिंग नहीं थी। यह टोरंटो वासियों के लिये एक बड़ी विपदा थी। इतनी भयंकर सर्दी में बगैर हीटिंग के रहना किसी बड़ी सजा से कम नहीं था।   

“टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेयर” के अलावा विश्व के कई बड़े कार्यक्रमों के आयोजन का श्रेय इस शहर के नाम है। इस दौरान दुनिया भर के फिल्मी सितारे टोरंटो की शान में चार चाँद लगाते हैं। इन चमकते सितारों के ग्लेमर की चकाचौंध के साथ ही, ऐसे अल्पसंख्यक समुदायों का दिल खोलकर स्वागत करता है जो अन्यत्र अपना अधिकार पाने में कठिनाइयाँ महसूस करते हैं। समलैंगिक जोड़ों के लिये यह शहर स्वर्ग के समान है। हर वर्ष प्राइड परेड के जलसे में दूर-दूर से लोग आते हैं। टोरंटो ने जून दो हजार चौदह में “वर्ल्डप्राइड” रैली की मेजबानी की जिसमें विश्वभर के समलैंगिक जोड़ों ने शिरकत की और शहर की उदारता और बड़प्पन को जी भर कर सराहा।

अपनी ऐसी ही कई विशेषताओं के कारण यह शहर लगातार बढ़ रहा है और आप्रवासियों को आकर्षित कर रहा है। रायर्सन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन से पता चला है कि टोरंटो उत्तरी अमेरिका में सबसे तेजी से विकसित होने वाला शहर है। शहर ने जुलाई दो हजार सत्रह और जुलाई दो हजार अठारह के बीच अस्सी हजार लोगों को अपने रहवासियों में जोड़ कर एक रिकॉर्ड बनाया।

आज इस आलेख को लिखते हुए उन पलों का जिक्र करना भी जरूरी लग रहा है मुझे जब पूरा विश्व कोरोना महामारी के प्रकोप से आतंकित होकर घरों से बाहर कदम नहीं रख पा रहा। समस्त ओंटेरियो प्रांत में आपातकाल घोषित किया गया। शहर टोरंटो में भी कोविड19 के दुष्प्रभावों से जूझते हुए, तेईस मार्च, दो हजार बीस को मेयर जॉन टोरी द्वारा आपातकाल की स्थिति घोषित की गई। सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों में पाँच से अधिक लोगों की उपस्थिति को निषेध किया। तब से लेकर आज तक दो-तीन बार इसी स्थिति को दोहराया गया। रेस्तरां में टेकआउट और डिलीवरी सेवाएँ प्रदान करना जारी रखी गयीं। सभी स्कूलें, कॉलेज और यूनिवर्सिटी अनिश्चित काल के लिये बंद कर दिए गए। हालांकि यूनिवर्सिटी और कॉलेज स्तर तक की कक्षाएँ व परीक्षाएँ ऑनलाइन सफलतापूर्वक संपन्न हुईं, वहीं स्कूली शिक्षा की ऑनलाइन कक्षाएँ जिनमें प्राथमिक शालाएँ भी शामिल हैं, गर्मी की छुट्टियों तक जारी रहने के आदेश दिए गए। अब प्राथमिक शालाएँ सुचारू रूप से चल रही हैं परंतु पालकों को यह विकल्प दिया गया है कि वे चाहें तो अपने बच्चों को स्कूल भेजें, न चाहें तो ऑनलाइन कक्षाओं में पंजीकृत करें। इस भयंकर आपदा के समय भी शहर के स्वास्थ्य केंद्र हर रोगी को अपनी सेवाएँ निरंतर प्रदान करते रहे।

इन विविधताओं-विशेषताओं के अलावा टोरंटो का शुमार दुनिया के साफ-सुथरे शहरों में भी है। सचमुच किसी शहर को केवल शब्दों में पढ़ा नहीं जा सकता। उसे महसूस करना पड़ता है, आप सभी का स्वागत है हमारे शहर में। यह तो सिर्फ संक्षिप्त जानकारी है अभी तो बहुत कुछ शेष है जिससे आपका परिचय करवाना है। जी हाँ, सिर्फ ट्रेलर है यह, पिक्चर तो अभी बाकी है। आप एक बार आइए तो सही।

(चित्र साभार – इंटरनेट के फ्री इमेज से) 

© डॉ. हंसा दीप

संपर्क – Dr. Hansa Deep, 22 Farrell Avenue, North York, Toronto, ON – M2R1C8 – Canada

दूरभाष – 001 647 213 1817

[email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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