कवितेचा उत्सव
☆ द्रौपदी, कालची व आजची… ☆ श्री रवींद्र पां. कानिटकर ☆
पूर्वी एक द्रौपदी अपमानित होती
आज एक द्रौपदी सन्मानित आहे
पूर्वी एक द्रौपदी अगतिक होती
आज एक द्रौपदी जागतिक आहे
पूर्वी एक द्रौपदी अबला होती
आज एक द्रौपदी सबला आहे
पूर्वी एक द्रौपदी द्युतात हरली
आज एक द्रौपदी मानाने जिंकली
© श्री रवींद्र पां. कानिटकर
२२/७/२०२२
सांगली
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈