श्री कमलेश भारतीय
(जन्म – 17 जनवरी, 1952 ( होशियारपुर, पंजाब) शिक्षा- एम ए हिंदी , बी एड , प्रभाकर (स्वर्ण पदक)। प्रकाशन – अब तक ग्यारह पुस्तकें प्रकाशित । कथा संग्रह – 6 और लघुकथा संग्रह- 4 । यादों की धरोहर हिंदी के विशिष्ट रचनाकारों के इंटरव्यूज का संकलन। कथा संग्रह -एक संवाददाता की डायरी को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिला पुरस्कार । हरियाणा साहित्य अकादमी से श्रेष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार। पंजाब भाषा विभाग से कथा संग्रह-महक से ऊपर को वर्ष की सर्वोत्तम कथा कृति का पुरस्कार । हरियाणा ग्रंथ अकादमी के तीन वर्ष तक उपाध्यक्ष । दैनिक ट्रिब्यून से प्रिंसिपल रिपोर्टर के रूप में सेवानिवृत। सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन व पत्रकारिता)
(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी की लघुकथा ‘जन्मदिन’ ई-अभिव्यक्ति में 21 जून 2021 को प्रकाशित हुई थी। आज प्रयोग स्वरूप लघुकथा और लघु-चलचित्र (Short Film) एक साथ प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा है इस प्रयोग को आप सभी का स्नेह एवं प्रतिसाद मिलेगा।)
JANAMDIN (A Short Film) | Chirag Bhasin | Sangeeta Jangra | Upanya Verma @Bharosa 24 news Created By: Chirag Bhasin Productions
साभार – श्री कमलेश भारतीय
☆ कथा कहानी ☆ लघुकथा : जन्मदिन ☆ श्री कमलेश भारतीय ☆
छोटे भाई की छोटी बेटी मन्नू हमारे पास आई हुई थी । एक सुबह नाश्ते पर कहने ली – बड़ी मां , मेरी एक बात सुनेगी ?
– कहो बेटे । कहो । पत्नी ने पुचकारते हुए कहा ।
– आज मेरा जन्मदिन है । मनाओगी ?
बड़ी बड़ी आंखों से मन्नू ने बड़ा सवाल किया ।
– मनायेंगे । मनायेंगे क्यों नहीं ?
पत्नी ने चहकते हुए कहा ।
– केक बनवायेंगे ?
– हां । हां । बेटी क्यों नहीं ?
– मोमबत्तियां जलायेंगे ? कुछ मेहमान भी बुलायेंगै ?
– हां । बेटी । हां ।
– गिफ्ट भी मिलेंगे ?
– हां । बेटी । पर तुझे शक क्यों हो रहा है ?
– बड़ी मां । मेरा जन्मदिन कभी नहीं मनाया जाता ।इसलिए । डैडी मेरे भाई का जन्मदिन तो धूमधाम से मनाते हैं पर मेरा जन्मदिन भूल जाते हैं । आप कितनी अच्छी हैं । मेरी प्यारी अम्मा ।
मेरी पत्नी की आंखों में आंसू थे और वह कह रही थी कि बेटी तू हर साल आया कर । हम तेरा जन्मदिन मनाया करेंगे ।
मन्नू की आंखों में आंसू इन्द्रधनुष के रंगों में बदल गये थे ।
© श्री कमलेश भारतीय
पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी
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