यात्रा संस्मरण ☆ न्यू जर्सी से डायरी… 9 ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
इंसान और पशु पक्षियों का साथ नैसर्गिक है
जो लोग घरों में कोई पशु पक्षी पालते हैं वे अपेक्षाकृत तनाव मुक्त रहते हैं, यद्यपि पालतू प्राणी की चिंता में अवश्य उन्हें व्यस्त रहना पड़ता है । अपने पालतू डागी को लेकर घूमते लोग सहज ही मिल जाते हैं । यहां बिल्लियां बहुत प्यार से पाली जाती हैं । अलग अलग ब्रीड के प्यारे प्यारे कुत्तों पर फिर कभी लिखता हूं । आज महज उन प्राणियों का एक कोलाज देखिए जो यहां घूमते हुए मुझे प्रायः मिले । कबूतर, सड़को पर बेहिसाब बिल्लियां, मोटी तगड़ी गिलहरियां, और झुंड में मिलते ये कैनेडियन गूज।
प्रकृति के मुखर प्रतिनिधि हैं जो यहां इंसानी बसाहट के साथ सामंजस्य बैठाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं
विवेक रंजन श्रीवास्तव, न्यूजर्सी
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈